जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही आवारा गौवंश का सहारा बने गाड़ाडीह के किसान रमनलाल साहू

धमतरी। आज के इस आधुनिक दौर में वैसे तो खेती किसानों के काम को उतना महत्व नहीं दिया जाता है, जितना की सरकारी या किसी अन्य नौकरी को दिया। पुराने समय में बुजुर्गो का मानना था, कि नौकरी करोगे तो जीवन भर नौकर ही बन जाओगे। इसलिए पुराने लोग नौकरी को कम और स्वयं के व्यवसाय को अधिक महत्व देते थे। ऐसी ही कहानी धमतरी जिले के ग्राम गाड़ाडीह निवासी प्रगतिशील किसान रमनलाल साहू की। जिन्होंने परम्परागत खेती को पीछे छोड़ आधुनिक खेती को अपनाया है। जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए जल एवं पर्यवरण संरक्षण की दिशा में भी सराहनीय काम किया है।

प्रगतिशील किसान श्री साहू बताते हैं कि वे बीते 8 सालों से धान की जैविक खेती कर रहे हैं और जल संरक्षण की दिशा में रबी सीजन में दलहन-तिलहन की फसल ले रहे हैं। इससे जमीन की उर्वरकता तो बढ़ी ही है, साथ ही फसल भी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि उनके पास 3 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, जिसमें खरीफ सीजन में धान और रबी सीजन में दलहन-तिलहन की फसल लेते हैं।

श्री साहू बताते है कि किसान होने के साथ-साथ पशु मित्र भी है, उन्होंने गली-मोहल्लों में आवारा घूमने वाले गौवंश को सहारा देने के उद्देश्य से अपने खेत समीप 25 डिस्मिल क्षेत्र में गौठान तैयार किया है। इन गौवंश से प्राप्त होने वाले गोबर का उपयोग जैविक खेती करने में कर रहे हैं। वहीं दूध बेचकर हर माह 9 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। श्री साहू ने यह भी बताया कि उन्होंने खेत में छोटा सा तालाब बनाया है, जिससे गौवंश के लिए पानी की व्यवस्था की है, वहीं क्रेडा की ओर से सोलर पैनल भी लगवाया है। इसके साथ ही गोबर गैस संयंत्र लगाकर गौवंश के लिए दाना-पानी उबालते हैं।

रमनलाल साहू रासायनिक खेती के दुष्परिणामों के बारे में अन्य किसानों को अवगत कराते हुए जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। साथ ही अपने गौशाला से उत्पादित गोबर, गौ मूत्र को अपने खेतों में उपयोग करते हुए जहरमुक्त अन्न की पैदावार कर उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की व्यवस्था करते हैं। जैविक खेती को बढ़ावा देने के श्री साहू को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अभी हाल ही में सम्मानित भी किया है।

 

Markandey Mishra, Editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *