छत्तीसगढ़

कौशल विकास अंतर्गत जैविक खेती पर 6 दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

Listen to this article

दुर्ग । कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा (अ) द्वारा ग्रामीण युवा कौशल विकास योजनांतर्गत ग्राम चंगोरी पाटन दुर्ग के जैविक खेती हेतु चयनित 28 युवाओं को जैविक खेती विषय पर प्रशिक्षण 30 जुलाई 2024 से 05 अगस्त 2024 तक आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण में चयनित ग्रामीण युवक एवं युवतियों को जैविक खेती की आवश्यकता लाभ एवं व्यवसायीकरण पर विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया। प्रशिक्षाणार्थियों को जैविक खेती में लगने वाले विभिन्न घटक जैसे जीवामृत, बीजामृत, पंचगव्य, नीमास्त्र आदि बनाने का जीवंत प्रदर्शन एवं हरी खाद का जैविक खेती में महत्व केंचुआ खाद बनाने की कम लागत तकनीक के बारे में प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण में विभिन्न जैव-कारकों का कीड़े एवं बिमारियों के प्रबंधन में प्रयोग विधि तथा उत्पादित जैविक उत्पाद का प्रसंस्करण एव मूल्य संवर्धन तकनीक के बारे में बताया गया जिससे कि खेती में कम लागत कर अधिक मुनाफा लिया जा सके। प्रशिक्षण में जैविक खेती हेतु चयनित कृषकों को जैविक प्रमाणीकरण की विधि एवं ध्यान में रखने वाले सभी बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदाय की गई। जैविक खेती को व्यवसाय के रूप में स्थापित करने हेतु जैविक प्रमाणीकरण, जैविक उत्पादक के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन पर विशेष जोर दिया गया। इस प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा (अ) के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. विजय जैन, विषय वस्तु विशेषज्ञ डॉ. नीतू स्वर्णकार (सस्य विज्ञान), डॉ. कमल नारायण (उद्यानिकी), डॉ. ललिता रामटेके (मृदा विज्ञान), डॉ. विनय कुमार नायक (कृषि अभियांत्रिकी) द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिया गया।

Markandey Mishra

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close