छत्तीसगढ़

वो नामदार हैं, हम कामदार हैं, कामदारों को सुनना पड़ता है- पीएम मोदी

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस झूठ का जाल बिछाने में सफल रही, अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के झूठ से संभलकर रहिएगा, कांग्रेस चुनाव लड़ रही है दल को जीताने के लिए, हम लड़ रहे हैं देश को जीताने के लिए

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बालोद। कांकेर, राजनांदगांव, दुर्ग और महासमुंद लोकसभा की समाओं पर स्थित हथौद में आम सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से सवाल किया कि उन्हें एक मजबूत सरकार चाहिए या मजबूर सरकार। पीएम मोदी ने मजबूत और मजबूर सरकार के बीच अंतर भी बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वाणी पर नियंत्रण खो दिया है। खैर वे नामदार हैं और हम कामदार। कामदारों को सुनना पड़ता है।
पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ी भाषा में संबोधित करते हुए नवरात्रि के पावन अवसर पर सभी बधाई दी और राज्य के अनेक मंदिर और स्थानीय देवी देवताओं का नाम लेकर उनका वंदन किया। इसपर लोगों ने खूब तालियां बजाई और मोदी-मोदी के नारे लगाए।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस अपने दल को जीताने के लिए चुनाव लड़ रही है। वहीं हम देश को जीताने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस आतंकवादियों और अलगाववादियों को खुली छूट देने के लिए और हम उनके पापो की सजा देने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वे देश की सेना को कमजोर करने के लिए और हम सेना को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वे एक मजबूर सरकार बनाने के लिए और हम एक मजबूत सरकार बनाने के लिए लड़ रहे हैं।
बीते पांच सालों में आपने देखा मजबूत सरकार
बीते पांच सालों में आपने देख लिए मजबूत सरकार का मतलब क्या होता है। जब सरकार मजबूत होती है तो आतंकी हमलों के बाद देश चुप नहीं बैठता है गढ़ में घुस कर मारता है। जब मजबूत सरकार होती है तो दुनिया भी उसकी बात सुनती है। मजबूर सरकार होती है तो दुनिया भी रौब झाड़ती है।
कांग्रेस के घोषणा-पत्र को पीएम ने कहा ढकोसला-पत्र
पीएम मोदी ने लोगों से पूछा कि उन्हें चौकीदार की सरकार चाहिए या भ्रष्टाचारियों की बारात? कुछ दिनों पहले ही कांकेर में हमारे जवान शहीद हुए हैं। कांग्रेस को बलिदान की परवाह नहीं है। उन्होंने ढकोसला पत्र में कहा है जो सीमा पर मुकाबला कर रहा है, नक्सलियों से लड़ रहा है ऐसे जवान जिनको विशेष कवच मिला है, इसे हटाने का फैसला सुनाया है। जिन कानूनों को वे हटाने की बात कर रहे हैं वे जवानों के सुरक्षा कवच हैं। क्या ये हटने के बाद जवान अपना काम कर पाएगा? क्या हो गया है इनको?
कांग्रेस के डीबीटी का मतलब कुछ और है
केंद्र सरकार डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए किसानों के खातों में पैसे भेज रही है। वहीं छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को इससे दिक्कत है। उन्होंने किसानों की आधी-अधूरी सूची दी है। प्रदेश के करीब 35 लाख किसानों के बैंक खातों में पैसे जाने थे पर अभी पहली किश्त ही अधिकांश किसानों के खातों तक नहीं पहुंच पाई। चूंकि ये पैसे सीधे ट्रांसफर हो रहे हैं जिससे प्रदेश सरकार को बिचौलियों के जरिए पैसे ट्रांसफर में कमाई का मौका नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस सरकार के डीबीटी का मतलब डायरेक्ट बिचौलिया ट्रांसफर है। इस सरकार ने आते ही ट्रांसफर पोस्टिंग का उद्योग शुरू कर दिया था।

Markandey Mishra

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