छत्तीसगढ़

देशभर में फैला पश्चिम बंगाल का आक्रोश का लहर, 5 लाख डॉक्टर कर रहे हड़ताल

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रायपुर। बंगाल में दो जूनियर डॉक्टरों से हुई मारपीट की घटना के बाद पूरे देश के डॉक्टर आक्रोश में हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (ढ्ढठ्ठस्रद्बड्डठ्ठ ने 17 जून को देशभर में काम बंद कर हड़ताल का ऐलान किया है। इसके तहत सोमवार को छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में भी ओपीडी और सामान्य सेवाएं बंद रहेंगी। मिली जानकारी के अनुसार हड़ताल में 18000 दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों के साथ-साथ एम्स के डॉक्टर भी शामिल है।
हड़ताल के कारण रायपुर एम्स के मरीजों के साथ-साथ राज्य के अन्य अस्पतालों में भी मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पडेग़ा। डॉक्टरों से पिटाई के विरोध में पश्चिम बंगाल के 700 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद छत्तीसगढ़, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में डॉक्टर प्रदर्शन और हड़ताल पर जा रहे हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि कहीं भी इमरजेंसी सुविधाओं को बाधित नहीं किया जाएगा। पर उसे छोडकऱ बाकी स्वास्थ्य सेवाएं बंद रहेंगी। इसके साथ ही आईएमए ने देशभर में डॉक्टरों पर हमले को रोकने के लिए केन्द्रीय कानून की मांग की है।
आईएमए ने शुक्रवार को 4 दिवसीय प्रदर्शनों की शुरूआत की थी। पश्चिम बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों ने बंद कमरे में मुख्यमंत्री से बातचीत करने से इनकार कर दिया है। हड़ताल के छठे दिन रविवार को संयुक्त फोरम की बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री से मीडिया के सामने बातचीत करने का फैसला लिया गया।
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल मेकाहारा से सीनियर और जूनियर डॉक्टरों ने मार्च निकाला है। यह मार्च मेडिकल कॉजेल परिसर से शुरू होकर राजभवन निकला। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में आज सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं। अंबेडकर अस्पताल के गेट के बाहर से ही मरीजों को वापस भेजा जा रहा है।

Markandey Mishra

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