कोरबा।एमपी उमरिया जिले के 50 लोगों ने पसान मैं रेंजर कार्यालय के पास डेरा डाल दिया उन्होंने कर्मचारियों पर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कामकाज का भुगतान जल्द नहीं किया जाता है तो वह यहीं पर मर जाएंगे।
कोरबा जिले के वन परीक्षेत्र पसान से संबंधित यह मामला है कुछ समय पहले वन विभाग ने सीपतपारा क्षेत्र में पौधारोपण और फेंसिंग से संबंधित कामकाज कराया है। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के 50 से अधिक लोगों को इस काम में शामिल किया गया था। रोजगार की दृष्टि से इन लोगों ने वन विभाग के इस काम में रुचि ली। भुगतान की बारी आई तो इन लोगों को वन विभाग ने परेशान करना शुरू कर दिया। रेंजर से लेकर नीचे के अधिकारी और कर्मचारी की हरकतों ने ग्रामीण क्षेत्र के इन लोगों की मुश्किल बढ़ा दी। इसलिए अब यह लोग भुगतान के लिए यहां डेरा डाले हुए हैं
मजदूर रोशनी बाई ने बताया कि उन्हें फोन कर एमपी से छत्तीसगढ़ के पसान में वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा बुलाया गया जिसके बाद फिनिशिंग और पौधा रोपण का काम कराया गया।50 मजदूरो से मजदूरी कराई गई मजदूरों ने बताया कि त्योहार के समय उन लोगों को 50 लोगो को बांटने 55000 दिए गए थे और बाकी रकम बाद में देने की बात हुई थी। हम लोग अधिकारी के फोन पर यहां पहुंचे हैं लेकिन अब भुगतान की बात नहीं की जा रही है और परेशान किया जा रहा है। अगर हमें बकाया भुगतान नहीं मिलता है तो हम यहीं पर मर जाएंगे।
मजदूर लालबाई ने बताया कि एमपी से पहले पसान वन रेंज ऑफिस पहुंचे जहां रेंजर से भुगतान की मांग की गई नहीं देने पर पिछले 7 दिनों से परिसर के बाहर परिवार सहित रुके हुए हैं जब उन्हें वहां से भगाया गया तब परिवार सहित आज योग कलेक्ट परिसर पहुंचे और कलेक्टर से न्याय की गुहार की मांग कर रहे हैं अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वह सामूहिक रूप से फांसी लगाकर जान देने की बात कही है।
पसान रेंजर रामनिवास दहायक नहीं बताया कि खेती के समय मजदूर नहीं मिलने के कारण एमपी से मजदूर काम करने आए हुए थे जहां उनका कुछ भुगतान किया गया है और कुछ बाकी है कागजात पूरी हो गई है पास होने के बाद उन्हें वेतन दे दिया जाएगा।