पक्की नहरों के निर्माण से किसानों के अंतिम खेतों तक पहुंच रहा पानी

बैकुण्ठपुर। कोरिया मुख्यतः कृषि आधारित जिला है, यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए परंपरागत धान की फसल और रबी में गेंहू की फसल ही ली जाती है। किसानों की समृद्धि के लिए उनके खेतों तक सिंचाई जल ले जाना एक प्रमुख समस्या है। कच्ची नहरों से पानी ले जाना एक कठिन कार्य है और इसमें जल की बर्बादी भी ज्यादा होती है। इस समस्या के निराकरण के लिए प्रत्येक जलाशय से निकलने वाली नहरों के पक्कीकरण को प्रमुखता से लिया जा रहा है। गत वर्ष महात्मा गांधी नरेगा और जिला खनिज न्यास मद के अभिसरण से बड़ी मात्रा में नहरों के पक्की करण के कार्य स्वीकृत किए गए और अब जैसे जैसे यह कार्य पूरे हो रहे हैं। आस पास के किसानों को सीधा लाभ मिलने लगा है। इस तरह का एक कार्य जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर से लगे छरछा जलाशय के मुख्य और माइनर नहर सुधार कार्य के तौर पर लिया गया। इससे लगभग 18 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा का विस्तार हुआ है। इस नहर के पक्कीकरण हो जाने से यहां के लगभग 22 किसानों के खेतों में अंतिम छोर तक सिंचाई का पानी पहुंचने लगा है।

महात्मा गांधी नरेगा और जिला खनिज न्यास मद से पक्की हो चुके नहर के लाभार्थी हरायन और उनके अन्य किसान साथियों ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि पहले छरछा जलाशय का पानी कच्ची नहर से दिया जाता था इसमें समय पर सभी किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता था और समय बहुत लगता था। पानी सिंचाई करने के लिए पूरे दिन-रात खेतों की ओर आने वाली नहर की देखरेख करनी पड़ती थी क्योंकि ज्यादा पानी बहाव से कच्ची नहर कंही पर भी फूट जाती थी और सारा पानी व्यर्थ बह जाता था। लेकिन इस वर्ष विभाग द्वारा नहर का पक्कीकरण कर दिए जाने से बहुत सहूलियत हो गई है। कम समय में ही सभी किसानों के खेतों तक आसानी से पानी पहुंच रहा है। किसान रामफल ने बताया कि इस वर्ष धान की रोपाई के समय बारिश रूक गई थी जिससे बड़ी समस्या हो रही थी। लेकिन पक्की नहर से पानी मिलने के कारण हम सभी ने समय पर अपने खेतों में रोपाई पूरी कर ली और इस साल फसल भी बहुत अच्छी है।

Markandey Mishra, Editor

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