छत्तीसगढ़

वनों को आग से बचाने के लिए ग्रामीणों कला जत्था के माध्यम से किया गया जागरूक

Listen to this article

कोण्डागांव (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। ग्रामीण क्षेत्र के जंगलों में ग्रामीणों द्वारा महुआ बीनते समय जंगलों में आग लगा दिया जाता है जिससे जंगलों में कई सारे जीव जंतु और पेड़ पौधे, वन औषधि नष्ट हो जाते हैं, जंगल में बढ़ती आग से जंगली जानवरों व पेड़ पौधों को नुकसान हो रहा है। इसकी रोकथाम के लिए दक्षिण वन मंडल कोंडागांव द्वारा जागरूक किया जा रहा इसमें ग्रामीण लोगों को नाटक व नृत्य के जरिए जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है।

जंगलों में आग लगाकर ना छोड़े जिससे आग बड़ा रूप लेकर जंगली जानवरों व पेड़ पौ्धों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह बस्तर विकास एवं सेवा संस्थान कोंडागाव के द्वारा नुक्कड़ नाट कलाकारों के माध्यम से दिया जा रहा है। कोंडागांव दक्षिण वन मंडल के मुरमुला, दहीकोंगा, माकड़ी, मर्दापाल वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत वनों को आग से बचाने के लिए बाजार में कला जत्था का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इसमें नृत्य, नाटक तथा वक्तव्य के माध्यम से ग्रामीणों को वनों में आग न लगाने की समझाइश दी गई। उन्हें महुआ और पत्तों को अलग कर महुआ बीनने का नियम बताए जाने के साथ ही वनों में आग से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तृत जानकोरी दी गई। इस दौरान परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी नर्सरी प्रभारी परिक्षेत्र रक्षक, वन समिति के पदाधिकारी व ग्रामीण उपस्थित थे।

 

Markandey Mishra

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close