रायपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को रायपुर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के नए आंचलिक कार्यालय का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद रहे। उद्घाटन के बाद श्री शाह ने नारकोटिक्स विभाग के कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों के साथ बैठक की।
अमित शाह ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ड्रग्स तस्करी की जांच साइंटिफिक तरीके से की जानी चाहिए। उन्होंने टॉप टू बॉटम अप्रोच को अपनाने पर जोर दिया, जिससे ड्रग्स के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। गृहमंत्री ने ड्रग डीलर्स की संपत्तियां जब्त करने और फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद लेने का भी आदेश दिया।
छत्तीसगढ़ की चुनौतीपूर्ण स्थिति
अमित शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ 7 राज्यों से सीमा साझा करता है और इसका नजदीकी कनेक्शन बंगाल की खाड़ी, ओडिशा और आंध्र प्रदेश से है, जो ड्रग्स तस्करी के लिए एक संभावित रूट बनाता है। उन्होंने गांजे की तस्करी का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में इसका उपयोग राष्ट्रीय औसत से बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स से अर्जित धन का उपयोग आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी गतिविधियों में हो रहा है, जिसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए रणनीति
अमित शाह ने अधिकारियों को ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए चार सूत्रीय रणनीति—डिक्टेशन, नेटवर्क का डिस्ट्रक्शन, कलप्रिट का डिटेंशन और ऐडिक्ट का रिहैबिलिटेशन—पर काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए राज्य और केंद्र के अधिकारियों को नियमित बैठकें कर लक्ष्य तय करने चाहिए, और उनकी समीक्षा भी की जानी चाहिए।
केंद्रीय सचिवालय भवन में NCB कार्यालय का शुभारंभ
NCB का यह नया कार्यालय रायपुर के केंद्रीय सचिवालय भवन में खोला गया है। यह कार्यालय छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे 6 राज्यों—ओडिशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश—में ड्रग्स तस्करी की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस कार्यालय के माध्यम से राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियां समन्वय के साथ काम करेंगी, जिससे मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सकेगी।
ड्रग्स तस्करी रोकने की दिशा में अहम कदम
इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए और ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क को समाप्त करने के लिए एक संयुक्त समन्वय समिति बनाने पर जोर दिया। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के साथ ही केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि भी शामिल थे, जिन्होंने ड्रग्स से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की और इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए रणनीति बनाई।