छत्तीसगढ़

सफलता की कहानी : कुंआ बनने से सिंचाई की समस्या हुई दूर, अब पूरे खेतों में लहलहाती है फसल

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बिलासपुर। जिले के कोटा ब्लॉक के आदिवासी क्षेत्र ग्राम पंचायत चुरेली में मनरेगा से बने कुएं ने एक गरीब किसान परिवार की जिंदगी सवार दी है। हितग्राही बिरसिया के सपने अब साकार होने लगे। उन्होंने कहा कि खेती-किसानी के समय धानों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलने से सभी खेतों में फसल की पैदावार की जा रही है। जिससे खेती कार्यो से अच्छा मुनाफा मिल रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। सरकार द्वारा मनरेगा योजना से दी जा रही सहायता उनके और परिवार के लिए काफी मददगार साबित हुई है।

बिरसिया ने बताया कि उनके पास लगभग 2.5 एकड़ की उपजाउ भूमि है, लेकिन पानी एवं सिंचाई की पर्याप्त उपलब्धता न होने के कारण 1 से 1.15 एकड़ भूमि में ही फसल उगा पाते थे। उन्हें बहुत चिंता होती थी कि उनके आधे खेतों में फसल नहीं लग पाती थी। उन्होंने बताया कि ग्राम रोजगार सहायक के माध्यम से उन्हें कुंआ निर्माण करा लेने का सुझाव मिला जिससे उन्हे हर मौसम में पानी की समस्या का समाधान मिल सकता था। बिरसिया बाई ने देर न करते हुये सुझाव को समझा और कुंआ निर्माण हेतु आवेदन कर दिया। पंचायत प्रस्ताव के माध्यम से मनरेगा योजना से कुंआ स्वीकृत हो गया। 387 मानव दिवस कार्य से कुंआ खुदाई का कार्य पूर्ण हुआ। कुंआ बनने के कुछ समय बाद ही कुंआ में जल भराव होना प्रारंभ हो गया।

कुंआ निर्माण से बारह महीने पानी की समस्या का समाधान हो गया जहां 1 से 1.5 एकड़ में ही फसल ले पाने थे। अब पूरे 2 एकड़ में फसल ले पाते है और दो फसल भी लगाते है। अब उन्हें बारिश पर निर्भर नहीं होना पड़ता। इस कुंआ से आसपास के लगभग 8 से 10 परिवार पीने का पानी के लिये भी कुंआ का उपयोग करते है। कुंआ के पानी से घर में ही अपनी बाड़ी बनाई है। जिससे घर परिवार के लिय सब्जियां मिल जाती है। और फसल की पैदावार बढ़ने से आमदनी में भी बढ़ोत्तरी हुई है। घर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है।

उन्होंने कहा कि शासन द्वारा प्रदान की जा रही मनरेगा योजना के लाभ से मेरे परिवार के जीवन के सुधार आ सका। मैं जब भी कुंए में भरे पानी को देखती हूं तो मुझे खुशी होती है कि मेरी खाली पड़ी भूमि में इसकी वजह से फसल लहलहा रही है।

 

Markandey Mishra

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