बैकुंठपुर। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में लापरवाही और भ्रष्टाचार को लेकर सरगुजा संभाग के कमिश्नर जीआर चुरेंद्र ने कड़ा रुख अपनाया है। इसी के तहत जनपद पंचायत सोनहत में पदस्थ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) के एसडीओ जगन्नाथ सिदार को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला प्रशासन कोरिया की अनुशंसा पर की गई, जिसमें पहले ही दो अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो चुकी है।
कैलाशपुर ग्राम पंचायत में अनियमितता का मामला:
कमिश्नर चुरेंद्र ने कैलाशपुर ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी नरेगा और पंद्रहवें वित्त आयोग की मद से स्वीकृत पक्की नाली के निर्माण में भारी अनियमितता पाए जाने पर एसडीओ जगन्नाथ सिदार को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा, एक वेतनवृद्धि रोकने का आदेश भी जारी किया गया है। नाली निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार और तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतों के बाद, जांच टीम ने भौतिक गुणवत्ता की जांच की, जिसमें अनियमितताएं पाई गईं।
अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई:
इससे पहले, इसी मामले में पंचायत सचिव रामप्रकाश को निलंबित कर दिया गया था, और तकनीकी सहायक सुरेश कुर्रे को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। नाली निर्माण कार्य में संलिप्त सप्लाई फर्म को काली सूची में डाल दिया गया है, और सरपंच रूपवती चेरवा को पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
शोकाज नोटिस के बाद निलंबन:
कमिश्नर चुरेंद्र ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले एसडीओ सिदार से स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन जवाब से असंतुष्ट होकर उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम 1966 के तहत निलंबित कर दिया गया। सिदार को अब अधीक्षण अभियंता सरगुजा कार्यालय में सम्बद्ध किया गया है, और उनके खिलाफ आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई जारी है।
सरगुजा संभाग में हो रही इस तरह की कड़ी कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि सरकारी योजनाओं में लापरवाही या भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।