छत्तीसगढ़

सिपाही की खुदकुशी : हाईकोर्ट का आदेश- चौकी प्रभारियों पर दर्ज हो केस

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बिलासपुर,। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने चौकी प्रभारियों की प्रताड़ना से परेशान होकर आरक्षक के आत्महत्या करने के मामले में बलौदाबाजार पुलिस को एफआईआर दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता रोशनी साहू के पति ज्ञान कुमार साहू की बलौदाबाजार जिले में आरक्षक के पद में नियुक्ति हुई थी। गिरौदपुरी चौकी में पोस्टिंग हुई थी। चौकी प्रभारी एएसआइ राजेंद्र सिंह राजपूत आरक्षक को प्रताड़ित करता था। दरअसल चौकी प्रभारी बनने से पूर्व वह बलौदाबाजार एसपी का रीडर था।
उस दौरान उसने ज्ञान कुमार से नौकरी लगाने की बात कहकर रुपये मांगे थे। जबकि उसने अपनी योग्यता से नौकरी पाने की बात कहकर मना कर दिया। चौकी प्रभारी की प्रताड़ना से परेशान होकर उसने अपना तबादला गिधपुरी करा लिया। इसके बाद गिरौदपुरी चौकी प्रभारी राजेंद्र सिंह राजपूत ने गिधपुरी प्रभारी अश्वनी को आरक्षक को प्रताड़ित कर पैसा वसूल करने के लिए कहा। 23 मार्च 2019 को गिधपुरी चौकी प्रभारी ने उसे क्वार्टर में बंद कर दिया था।
आरक्षक दरवाजा तोड़कर बाहर आया और पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। उसे रायपुर में भर्ती कराया गया। बयान में उसने चौकी प्रभारियों की प्रताड़ना की बात कही। मृत्यु पूर्व बयान के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर मृतक की पत्नी रोशनी साहू ने मामले की अधिकारियों, मानवाधिकार आयोग व नगरीय प्रशासन मंत्री से शिकायत की थी।

Markandey Mishra

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