छत्तीसगढ़

समूह की दीदीयों व स्कूली छात्राओं ने जवानों को बांधा ‘‘रक्षा सूत्र’’

रक्षा बंधन’’ के महापर्व को अंदरूनी कैम्पों हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया

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सुकमा । देश की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले जवान भाइयों की कलाइयों पर सोमवार को स्व सहायता समूह की दीदीयों सहित महतारी वंदन योनजा के हितग्राही दीदीयों ने राखी बाधी। जवान भाइयों ने भी बहनों को आशीर्वाद दिया। महापर्व ‘‘रक्षाबंधन’’ को दूरस्थ कैम्प एवं थानों में तैनात सुरक्षा बलों के जवानों के कलाई में स्वःसहायता समूह की महिलायें व स्कूली छात्राओं के द्वारा रक्षा सूत्र राखी बांधा गया। यह महापर्व शहरों के दूरस्थ थाना व कैम्पों में भी हर्षाेल्लास के साथ बनाया गया।

सुकमा जिले के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में स्थित कैंप परिया में 22वीं वाहिनी सीएएफ ‘‘एफ’’ कंपनी में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया। इस दौरान महतारी वंदन योजना के हितग्राही दीदीयों ने जवानों को राखी बांधी। वहीं माओवाद से प्रभावित क्षेत्रों सेवा देने वाले जवान भावूक नजर आये। जिले में दूरस्थ ग्रामीणों को सुरक्षा के साथ ही शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं एवं स्वास्थ्य सेवाओं के पहुंचाने में इनकी अहम भूमिका रहती है। रक्षाबंधन के अवसर पर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जवानों की कलाइयों पर राखियां बांधी। बहनों से राखी बंधवाते जवानों के साथ ही महिलाओं में रक्षाबंधन त्योहार को लेकर उत्साह देखने को मिला।

माड़वी ज्योति सरिता स्व सहायता समूह की दीदी ने कहा कि हमारे देश के वीर सैनिक हमारी सुरक्षा के लिए अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर तैनात रहते हैं। रक्षाबंधन के पर्व पर अपने घर नहीं लौट पाते हैं। उनके साथ ये पर्व मनाने का सौभाग्य मिलना गौरव की बात है।

माड़वी ज्योति ने कहा कि हमर विष्णुदेव भैया ने एक भाई की तरह हम सभी महिलाओं का हित में ध्यान रखते हुए आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना से समूह की दीदीयों आर्थिक रूप से संबल हो रहे है। योजनांतर्गत मुझे 05 महीना में 05 हजार की राशि प्राप्त हुईं है। प्राप्त राशि को  हमारें जरूरत की चीजों एवं बच्चों के भविष्य के लिए बचत कर रहे है।

माड़वी कौशल्या कौशल्या स्व सहायता समूह की ने कहा कि सैनिक भाइयों को राखी बांधाकर, मिठाई खिलाकर और आशीर्वाद प्राप्त कर गौरवान्वित महसूस हो रहा है। ये जवानों की देन है कि हम लोग अपने घरों में खुशी से और अपनों के बीच रह रहे हैं। इन भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधकर हम सभी को बहुत खुशी का अनुभव हो रहा है।

समूह की दीदी अंबिका ने कहा कि इस साल का रक्षा बंधन हमारे लिए हमेशा के लिए जीवन भर यादों में संजो कर रखूंगी।  यह पहली बार है कि हमने हमेशा सुरक्षा में तैनात जवान भाईयों को राखी बाधी। हमारे जवान भाई अपने घर-परिवार के पास नहीं जा पा रहे हैं तो हमने उनके कलाईयों पर रक्षासूत्र बांध कर उनके सुरक्षित रहने की कामना की। ये जवान अपने घर-परिवार से दूर सीमाओं पर देश के लोगों की रक्षा करते हैं। जवान ड्यूटी में सदैव तत्पर रहते हैं। इस वजह से वे कई त्योहारों में घर भी नहीं जा पाते.हमारा सौभाग्य है कि हमने रक्षा में तत्तपर भाईयों को राखी बाधी ।

22वीं वाहिनी सीएएफ ‘‘एफ’’ कंपनी में कमांडेंट चंद कोसले ने कहा कि यह परंपरा कई सालों से चली आ रही है कि इंडियन आर्मी में, फोर्स कैंप में, पुलिस स्टेशन और जेल में बहनें जाती हैं और भाईयों को राखियां बांधती हैं। राखी बांधकर हमारा हौसला अफजाई करती हैं। यह पहली बार हो रहा है कि परिया कैंप सहित अन्य कैंपों में जवानों को राखी बाधी गई। बहनों के स्नेह और प्रेम की डोर से हमारी ताकत और बढ़ गई। लेफ्टिनेंट कोसले ने सभी बहनों को जीवन भर खुश रहने की शुभकामनाएं दीं।

इसी प्रकार रक्षाबंधन के अवसर पर मिसमा, पोलमपली, कांकेरलंका, बुरकापाल, चितंलनार, जगरगुण्डा, कोर्रा, चिंगावरम ,मानकापाल,गादीरास, रामाराम, फुलबगड़ी, बडेसटटी, चिकपाल, कुन्दनपाल, पेदारास, कुकानार, पालेम, गोंगलारोड-सुकमा, गीदम नाला, लेदा कोयलाभट्टी, कुम्माकोलेंग, तोंगपाल, छिंदगढ़ कैंम्प सहित अन्य कैम्पों में जवानों को समूह की दीदीयों ने राखी बाधी।

Markandey Mishra

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