रायपुर। धनेली गांव के ग्रामीणों की खुशियों का आज ठिकाना नहीं था, जब वे अपनी जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे थे। दरअसल, 6 साल से जो जमीन रजिस्ट्री विक्रेता की वजह से रूकी थी, वह जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद महज 15 दिनों के भीतर हो गई। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन और उनके नेतृत्व में हो रहे त्वरित काम की सरहाना की।ग्रामीणों ने कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह से मुलाकात कर प्रसन्नता जाहिर की और आभार जताया।
वर्ष 2017 में धनेली (सांकरा) के ग्रामीण दादूलाल यादव, अमृतलाल साहू, गुलाब सिंह सहित 30 ग्रामीणों ने खुद का मकान बनाने के लिए जमीन खरीदने का सोचा, तब उनका संपर्क एक स्थानीय माध्यम से हुआ। जिसमें अपनी जमीन बताकर सौदा किया। ग्रामीण दादू लाल का कहना है कि विक्रय ने अपनी जमीन दिखाकर इकरारनामा कराया, प्रत्येक प्लाॅट की कीमत करीब ढ़ाई से तीन लाख रूपए थी। सभी ग्रामीणों द्वारा कुछ पैसे एडवांस में दिए गए, वहां जमीन की रजिस्ट्री नहीं कर रहा था, तभी कलेक्टर डाॅ. गौरव सिंह के जनदर्शन में पहुंचे। कलेक्टर के समक्ष जमीन रजिस्ट्री कराने का आग्रह किया। कलेक्टर ने रायपुर एसडीएम श्री नंदकुमार चैबे को निर्देशित किया। संबंधित अनुविभाग कार्यालय द्वारा प्रक्रियाओं को जल्द पूर्ण कराया गया और बाधाएं भी दूर की गई, इससे जल्द रास्ता निकला और उनकी जमीन की रजिस्ट्री हो गई। अब ग्रामीण अपने आशियाने के सपनों को साकार कर सकेंगे। लंबे समय से आशियाना का सपना संजोए ग्रामीणों का अब अपना खुद का घर होगा।