छत्तीसगढ़

बांग्लादेशियों की पुलिस ने शुरू की खोज

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भिलाई (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने गत दिवस दुर्ग में कहा था कि बहुत से बांग्लादेशियों की घुसपैठ की आशंका है, जल्द ही दुर्ग-भिलाई में इसके लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जायेगा तो भिलाई तीन पुलिस ने पांच थानों के बल के साथ हथखोज के नई बस्ती में घुस कर घर घर उनके कागजों की जांच की लेकिन कोई भी न ही उनको बांग्लादेशी मिला और ना ही कोई भी अवैध हथियार वगैरह नहीं मिल पाया है।  फिर भी संदिग्ध मानकर पुलिस 21 लोगों को थाने ले आई है, और पूछताछ कर रही है।

भिलाई-3 थाना क्षेत्र के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र हथखोज  की नई बस्ती में रहवासियों की पहचान के लिए आज सुबह 6:30 बजे से वेरिफि केशन प्रारंभ किया गया। जो सुबह 9:30 बजे तक जारी रहा। इस संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए भिलाई-3 थाने ले जाया गया है। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भिलाई शहर सुखनंदन राठौर, भिलाई-चरोदा निगम कमिश्नर दर्शन सिंह राजपूत, तहसीलदार एवं पांच थाने जामुल, छावनी, खुर्सीपार, भिलाई-3 एवं कुम्हारी का पुलिस बल मौजूद रहा।

पुलिस की इस औचक कार्रवाई को कुछ दिन पहले प्रदेश के गृहमंत्री एवं उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के दुर्ग में दिए गए उस बयान से जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करने अभियान चलाने की बात कही थी। ज्ञातव्य हो कि भिलाई-चरोदा नगर निगम क्षेत्र के हथखोज वार्ड में औद्योगिक विकास निगम की खाली जमीन पर एक नई बस्ती बस गई है। इस बस्ती में रहने वाले ज्यादातर परिवार बांग्लाभाषी और धर्म विशेष से ताल्लुक रखने वाले हैं। इस वजह से गाहे-बगाहे इस बस्ती के ज्यादातर लोगों पर बांग्लादेशी घुसपैठी होने की आशंका स्थानीय नागरिक जताते रहे हैं। वैसे यह बस्ती पुरी तरह से एकाएक आबाद नहीं हुई, बल्कि धीरे-धीरे लोग बाहर से आकर यहां अवैध कब्जा कर बसने लगे।

एडिशनल एसपी शहर सुखनंदन राठौर ने बताया कि पुलिस के द्वारा जिला और नगर निगम प्रशासन के साथ हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया की नई बस्ती में बाहरी लोगों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए पार्षद एवं वहां के निवासियों से वेरिफिकेशन करने के लिए कहा गया था। परंतु संबंधित लोगों के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके कारण आज सुबह 6:30 के करीब पुलिस टीम ने यहां पहुंचकर लोगों की पहचान हेतु प्रमाणिक दस्तावेज की जांच हेतु अभियान चलाया। इस दौरान लोगों के पास स्थानीय और बाहर के आधार कार्ड मिले हैं। पूछताछ में पता चला है कि लोग चार साल, दो साल और छह महीने पहले आकर बस्ती में रह रहे हैं। कुछ लोगों की पहचान संदिग्ध नजर आ रही है। ऐसे लोगों को थाने में ले जाकर पूछताछ किया जा रहा है।

 

Markandey Mishra

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