सुकमा। राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले के सभी प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पालकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने और उन्हें बच्चों की प्रगति से अवगत कराने तथा बच्चों में भविष्य की सम्भावनाओं का आंकलन कर पालकों के साथ समन्वय साधते हुए संयुक्त रूप से परिणामोन्मुखी प्रयास करने के लिए कलेक्टर हरिस एस. के मार्गदर्शन में मंगलवार को जिले के सभी 110 संकुलों में पालक-शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मण्डावी ने बताया कि मंगलवार को संकुल स्तर पर आयोजित कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपादित करने जिले के सभी अधिकारियों को संकुल की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई। इसके अंतर्गत अपर कलेक्टर, जिला कार्यालय में पदस्थ संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, सभी राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों सहित अन्य विभागों के सभी अधिकारी 110 संकुलों में मेगा पालक-शिक्षक बैठक में शामिल हुए। जिले के सभी अधिकारियों को संबंधित संकुल केन्द्रों का निरीक्षण कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रतिवेदन करने के निर्देश दिए गए थे,जिसके अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र में यह समन्वित पहल किया गया।
जिला प्रशासन के पहल का रहा व्यापक असर :
जीवन में बच्चों के स्कूली शिक्षा के समय सभी पालकगण अहम भूमिका अदा करते हैं, जो निरंतर पढ़ाई को लेकर बच्चों को पढ़ाई की प्रति रूझान बनाए रखते हैं। ऐसे में बच्चों के साथ-साथ पालकों को शिक्षा के प्रति झुकाव होना आवश्यक हो जाता है। कलेक्टर हरिस.एस ने स्थानीय बोली गोंडी व हल्बी में आमंत्रण पत्र लिखकर जिले के सभी 110 संकुल में 06 अगस्त को बच्चों के माता-पिता व अभिभावकों को मेगा बैठक में शामिल होने की अपील की गई थी। जिसका व्यापक असर मेगा बैठक में देखने को मिला। बैठक में दूरस्थ एवं संवेदनशील तहसील जगरगुण्डा एवं कोंटा के संकुल में आयोजित मेगा बैठक में बड़ी संख्या में पालकगण शामिल हुए। एक समय था जब माओवाद प्रभावित क्षेत्र में स्कूल जाने के लिए बच्चे कतराते थे। वहीं आज शासन-प्रशासन के पहल से उत्साह के साथ बच्चे ही नहीं अपितु पालकगण स्कूल की बैठक में सम्मिलित हुए। यह निश्चित ही यह दर्शाता है कि अब माओवाद प्रभावित क्षेत्र में शिक्षा के प्रति लोग सजग हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर हरिस एस.के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ नम्रता जैन के मार्गदर्शन में नियद नेल्लानार योजनांतर्गत चिन्हांकित गांव सहित जिलेवासियों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति लोगों को निरंतर जागरूकता करने का सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है।
न्यौता भोज से अपनेपन की भावना होगी विकसित- बैठक में बताया गया कि न्योता भोज एक सामुदायिक भागीदारी है। जिसमें विभिन्न महत्वपूर्ण अवसरों पर जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, राष्ट्रीय पर्व जैसे अवसरों पर शाला के बच्चों को पौष्टिक आहार रुचिकर भोजन उपलब्ध कराने की एक अच्छी पहल शासन द्वारा की गई है। न्यौता भोज से समुदाय के बीच अपनेपन की भावना विकसित होगी। जनप्रतिनिधिगण, आधिकारी कर्मचारी सहित आम नागरिक अपनी इच्छा से संस्था न्यौता भोज कराएं। इसके साथ ही बैठक में बच्चों की पढ़ाई के लिए उचित वातावरण, अभिभावकों की बच्चों की शिक्षा में सहभागिता, विद्यार्थियों के स्वास्थ्य परीक्षण पोषण की जानकारी, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं छात्रवृत्ति एवं योजनाओं की जानकारी पर चर्चा, डिजिटल प्लेटफॉर्म सहित विभिन्न मुद्दे पर चर्चा की गई।