जशपुरनगर। चारों ओर से जंगलों से घिरे जशपुर जिले के विकासखण्ड बगीचा अन्तर्गत्त आने वाले ग्राम पंचायत कुटमा के ग्राम सलखाडांड़ का एक छोटा सा टोला है दर्रीपारा। जहां के 25 पहाड़ी कोरवा परिवारों के 100 से अधिक जनसंख्या वाले दर्रीपारा के नन्हे मुन्हें पहाड़ी कोरवा बच्चों को अपने छोटे छोटे कदमों से लंबी दूरी तय कर अपने पोषण का अधिकार प्राप्त करने के लिए जाना पड़ता था। जिससे विशेष पिछड़ी जनजाति समूह से आने वाले पहाड़ी कोरवा बच्चों में पोषण का अधिकार सुनिश्चित करना एक चुनौती साबित होता था।
दूरियों के कारण बच्चों में भी आंगनबाड़ी केंद्र जाने के लिए उत्साह भी कम हुआ करता था। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) योजना जब गांव में पहुंची तो बच्चों की परेशानियों को देखते हुए। जिससे ग्राम में 0 से 3 वर्ष के 12 बच्चे, शिशुवती माताएं, गर्भवती माताओं को सपने गृह के नजदीक ही स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त होना प्रारम्भ हो गईं। शासकीय योजनाओं का सीधा लाभ विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोगों को मिले इसके लिये मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशन में राज्य में पीएम जनमन योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है।
इसी के परिप्रेक्ष्य में दर्रीपारा में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र में वर्तमान में 6 माह से 3 वर्ष के 8 बच्चे एवं 3 से 06 वर्ष के 4 बच्चे तथा 01 शिशुवती व 01 गर्भवती महिलाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा एवं साफ-सफाई के बारे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा जानकारी दी जा रही है। प्रत्येक माह के पहले एवं तीसरे गुरुवार को सुपोषण चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही 01 महिला को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा 14 महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत् लाभांवित किया गया है। दर्रीपारा आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित होने से पहाड़ी कोरवा परिवारों को सभी योजनाओं का लाभ भी प्राप्त हो रहा है।