छत्तीसगढ़

इंडक्शन कार्यक्रम के तहत प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली पर एक व्याख्यान का आयोजन

Listen to this article

दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग में नव प्रवेशी छात्रों के लिए आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम के तहत प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली पर एक  व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में एनआईटी रायपुर के डॉ. रजना सुरेश उपस्थित थे। जिन्होंने अपने विचारों से छात्रों को भारतीय प्राचीन ज्ञान की गहराई और व्यापकता से अवगत कराया। डॉ. सुरेश ने बताया कि हमें अपनी सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहर पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने भारतीय गणना पद्धति पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि शून्य और दशमलव की खोज भारत की ही देन है, जिसने पूरे विश्व के गणितीय ज्ञान को एक नया आयाम दिया। उन्होंने संस्कृत श्लोकों और प्राचीन ग्रंथों को समझने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि इन ग्रंथों में निहित ज्ञान आज भी प्रासंगिक है। विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे चिकित्सा, खगोल विज्ञान, भूगोल और रसायन शास्त्र, में भारतीय योगदान पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्राचीन ज्ञान ने इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। डॉ. सुरेश ने रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों से भी उदाहरण प्रस्तुत किए, जिनसे यह स्पष्ट हुआ कि भारतीय सभ्यता का ज्ञान बहु-आयामी और समृद्ध था। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा ने न केवल वैज्ञानिक और तकनीकी विकास में योगदान दिया, बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक दिशा भी दी। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. आशीष शर्मा, योगेश वर्मा, रेनू साहू, डॉ. स्मिता रानी, लक्ष्य जैन और अन्य प्राध्यापकगण भी उपस्थित थे। इस व्याख्यान ने छात्रों में भारतीय संस्कृति और ज्ञान के प्रति नई जागरूकता और गर्व का भाव उत्पन्न किया, साथ ही उन्हें अपने प्राचीन ज्ञान को समझने और आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।

Markandey Mishra

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close