छत्तीसगढ़

सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने रायपुर से राष्ट्रव्यापी अभियान शुरु

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रायपुर. 26 सितम्बर 2019/ सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत आज रायपुर से की गई। शासकीय नर्सिंग कॉलेज, रायपुर और सोसाइटी ऑफ मिडवाइव्स ऑफ इंडिया द्वारा ‘सामान्य प्रसव : हर एक महिला का मूल अधिकार’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन आज देशव्यापी सामान्य प्रसव अभियान (Normal Birth Campaign) लॉंच किया गया। इसके लिए ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया गया है। सम्मेलन के प्रतिभागियों के साथ ही नर्सिंग और अन्य कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने इसमें बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।
पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अटल बिहारी बाजपेयी ऑडिटोरियम में 26 सितम्बर से 28 सितम्बर तक चलने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आए सोसाइटी ऑफ मिडवाइव्स ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि, कामकाजी नर्सें और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। भारत सरकार, इंडियन नर्सिंग काउंसिल, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, मैटरनिटी फाउंडेशन, व्हाइट रिबन एशोसिएशन ऑफ इंडिया, फर्नांडीज फाउंडेशन तथा झपाइगो संस्था के प्रतिभागी भी इसमें शामिल होने रायपुर आए हुए हैं।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को आज सवेरे भारत सरकार के मातृत्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के उपायुक्त डॉ. दिनेश बासवाल, इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. टी. दिलीप कुमार, सोसाइटी ऑफ मिडवाइव्स ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सुश्री मिताली अधिकारी, शासकीय नर्सिंग कॉलेज, रायपुर की प्राचार्या श्रीमती वंदना चनसोरिया और शासकीय नर्सिंग कॉलेज, भिलाई की प्राचार्या सुश्री सुशीला सिंह ने संबोधित किया।
भारत सरकार के मातृत्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के उपायुक्त डॉ. दिनेश बासवाल ने उद्घाटन सत्र में कहा कि सामान्य प्रसव की संख्या बढ़ाने के लिए इससे जुड़ी तकनीक और कौशल को व्यापक स्तर पर साझा करने की जरूरत है। यह राष्ट्रीय सम्मेलन इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को इसके लिए अच्छा मंच उपलब्ध कराएगा। इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. टी. दिलीप कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि लोक स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के काम में लगी नर्सों और मिडवाइव्स की शिक्षा व प्रशिक्षण में नए आयाम जोड़े जाना चाहिए। काउंसिल के माध्यम से इस पेशे में उच्च शिक्षा की बेहतर व्यवस्था और अनुसंधान की पहल की जा रही है।
सोसाइटी ऑफ मिडवाइव्स ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सुश्री मिताली अधिकारी ने कहा कि सामान्य प्रसव हर महिला का मूल अधिकार है। हम आज इस सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर पर इस अभियान की शुरूआत कर रहे हैं। अभियान के तहत नागरिकों और भावी माता-पिता को सामान्य प्रसव के लिए जागरूक किया जाएगा। रायपुर नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या श्रीमती वंदना चनसोरिया ने अपने स्वागत भाषण में सामान्य प्रसव की जरूरत और महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रसव से माता और शिशु दोनों का बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जा सकता है। प्रसव के बाद माता और शिशु दोनों की देखभाल और आवश्यक सावधानियों के बारे में भी लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है।
सम्मेलन के पहले दिन आज देश भर से आमंत्रित विशेषज्ञों ने अलग-अलग सत्रों में सामान्य प्रसव के महत्व और तकनीक के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस दौरान कई शोध पत्र और केस स्टडीज प्रस्तुत किए गए। सम्मेलन स्थल में आयोजित ‘कौशल मॉल (Skill Mall)’ में शासकीय और निजी अस्पतालों में कार्यरत नर्सों, ए.एन.एम. और जी.एन.एम. के साथ ही बी.एस.सी व एम.एस.सी. नर्सिंग की छात्राओं ने बेहतर प्रसव तकनीक की जानकारी लेकर इसका अभ्यास किया। इस दौरान उन्हें सामान्य प्रसव के समय संभावित दिक्कतों और जटिलताओं का अपने स्तर पर प्रबंधन का कौशल भी सिखाया गया।
राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में सिजेरियन प्रसव की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सामान्य प्रसव की परिस्थितियों में भी ऑपरेशन द्वारा प्रसव की प्रवृत्ति बढ़ रही है। इस परिदृश्य के मद्देनजर सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने शासकीय नर्सिंग कॉलेज, रायपुर और सोसाइटी ऑफ मिडवाइव्स ऑफ इंडिया द्वारा नर्सों का कौशल निखारने इस राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

Markandey Mishra

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