छत्तीसगढ़

नान घोटाला: ईओडब्ल्यू ने चिंतामणि चंद्राकर के कई ठिकानों पर मारा छापा, चार जगहों पर चल रही छापे की कार्रवाई

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रायपुर। प्रदेश के चर्चित नान घोटाले में आज ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई की है। नान के तत्कालीन मैनेजर रहे चिंतामणि चंद्राकर के एक साथ चार ठिकानों पर ईओडब्ल्यू की टीम ने दबिश दी है। श्री चंद्राकर पर नान में पदस्थापना के दौरान आय से अधिक संम्पत्ति अर्जित करने का आरोप है। इसकी गोपनीय तरीके से सत्यापन के बाद ईओडब्ल्यू ने दुर्ग, कांकेर और बैंगलुरू स्थित मकान और घर पर छापेमारी की है।
दुर्ग में आदर्श नगर उनके पुत्र हर्ष चंद्राकर के नाम फ्लेट क्रमांक 303 सी ब्लॉक में, एनसीसी मिडोस फेस 1 बललापुर रोड़ बैगलुरू और चिंतामधि के ससुराल पी-7 आदर्श गनर दुर्ग एवं कांकेर में स्थित कार्यालय में दापा मारा है। यहां पर मिली संम्पत्तियों और मकान, आफिस के कागज और दस्तावेजों की जांच कर रही है। माना जा रहा है कि इस जांच के बाद संपत्ति के बारे में खुलासा हो सकता है। नान घोटाले में ईओडब्ल्यू ने 2015 में जब छापा मारा तो चिंतामणि चंद्राकर रायपुर में पदस्थ थे। नई सरकार बनने के बाद उनका तबादला कांकेर किया गया। यहां वे नान के जिला प्रबंधक है। नान डायरी में चिंतामणि का नाम सामने आया था। ईओडब्ल्यू के आला अधिकारियों ने बताया कि चिंतामणि नान के जिला प्रबंधक रहने के दौरान एमजीएम में भी ट्रस्टी बन गया था।इससे पहले चिंतामणी को लंबे समय से ईओडब्ल्यू में बयान देने बुलाया जा रहा था। 8 से ज्यादा नोटिस जारी किया जा चुका था। अफसरों को उम्मीद है कि छापेमारी के बाद कुछ अहम तथ्य मिल सकते हैं।
उगाही के लिए रैकेट चलाने का आरोप
श्री चंद्राकर नान में उप लेखाधिकारी के पद पर पदस्थ थे। उन पर आरोप है कि उच्च अधिकारियों का विश्वास हासिल कर अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी ली और उन जगहों पर तैनाती कराकर अफसरों और कर्मचारियों से सांठगांठ कर उगाही का रैकेट स्थापित कर लिया और उगाही की। वर्ष 2015 में हुए नान घोटाले के दस्तावेजों में उनके सांठगांठ की पुष्टि भी हुई है। नान में ईओडब्ल्यू के अगस्त माह में की जांच में मिले दस्तावेजों की जांच से मिले तथ्यों के आधार पर सबूत मिलने पर यह कार्रवाई की गई है ।

Markandey Mishra

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