छत्तीसगढ़

बिहान योजना से माधवी को मिली नई पहचान, बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

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अम्बिकापुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। अम्बिकापुर विकासखंड के सरगंवा ग्राम पंचायत की रहने वाली श्रीमती माधवी ओझा कभी घरेलू कार्यों में व्यस्त रहतीं थीं। लेकिन आज अन्य महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की एक मिसाल बन चुकी हैं। कभी आमदनी का कोई जरिया न होने वाली माधवी अब एक सफल व्यवसायी हैं। यह सफलता उन्हें बिहान योजना से जुड़ने के बाद मिली, जिससे उनके जीवन की दिशा बदल गई।

बिहान से जुड़कर मिला रोजगार का माध्यम
माधवी ओझा ने बतातीं हैं कि, बिहान योजना से जुड़कर उन्हें रोज़गार का माध्यम मिल गया। बिहान योजना के तहत उन्होंने तीन लाख रुपये का लोन लिया और अपने व्यवसाय की शुरुआत की। एक साधारण दुकान को मल्टी शॉप में बदला, जहां कपड़े, किराना, बर्तन और सिलाई की सुविधा उपलब्ध है। उनके मेहनत और लगन से कुछ ही समय में उनकी दुकान अच्छी चल पड़ी और उन्होंने अपना कर्ज चुका दिया। उन्होंने बताया कि उनके दो बच्चे हैं जोकि आज प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं। ये सब बिहान योजना से जुड़कर ही संभव हो पाया है।

लखपति दीदी के रूप में मिली पहचान
माधवी बतातीं हैं कि वह अपने गांव में लखपति दीदी के रूप में पहचानी जाती हैं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। अपने व्यवसाय को और आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने दो लाख रुपये के नए लोन के लिए आवेदन किया है, जिससे वे अपनी मल्टी शॉप में और अधिक सामान ला सकें।

उन्होंने ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बिहान योजना के कारण ही वे आर्थिक रूप से सशक्त हो पाई हैं। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे भी इस योजना से जुड़कर स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बन सकतीं हैं। उनकी सफलता से कई अन्य महिलाएं प्रेरित हो रही हैं और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।

 

Markandey Mishra

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