रायपुर । नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने एक प्रेस वार्ता में भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में धान पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ है। महंत ने बताया कि खरीफ फसल 2023 के दौरान समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान की बड़ी मात्रा नष्ट हो गई, जिसके लिए भाजपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है।
धान के नष्ट होने के कारण:
महंत के अनुसार, कांग्रेस सरकार के सुशासन के कारण किसानों ने रिकॉर्ड धान उत्पादन किया, जिसके चलते 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई। लेकिन भाजपा सरकार की ओर से इस धान की मिलिंग, भंडारण और सुरक्षा के लिए कोई कार्ययोजना नहीं बनाई गई। इसके परिणामस्वरूप 4.16 लाख क्विंटल धान खरीदी केंद्रों पर और 21.77 लाख क्विंटल धान संग्रहण केंद्रों पर नष्ट हो गया, जिससे राज्य को 1038 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय क्षति हुई।
जिलेवार नुकसान:
महंत ने बताया कि मुंगेली जिले में 26 करोड़ रुपये का 65,154 क्विंटल धान, कबीरधाम में 16 करोड़ का 39,744 क्विंटल, बिलासपुर में 15 करोड़ का 36,310 क्विंटल और अन्य जिलों में भी बड़ी मात्रा में धान नष्ट हुआ। उन्होंने बताया कि इन जिलों में धान की नष्ट होने की वजह से राज्य को भारी नुकसान हुआ है।
चावल भंडारण की कमी:
महंत ने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही चावल के भंडारण के लिए पर्याप्त गोदामों की व्यवस्था करने में असफल रहे हैं, जिसके चलते धान का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर समय पर समीक्षा और सुरक्षा उपाय किए गए होते तो इस बड़े नुकसान से बचा जा सकता था।
कांग्रेस की मांग:
कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री और राज्यपाल से इस मामले पर संज्ञान लेने की मांग की है। उन्होंने खाद्य मंत्री को पद से हटाने, मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण लेने और जिम्मेदार कलेक्टरों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। महंत ने यह भी घोषणा की कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद और विधानसभा में उठाएगी और लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज करेगी।