रायपुर। सीमेंट कंपनियों की ओर से साल में चौथी बार कीमत बढ़ाने की घोषणा की गई है। हालांकि, तीन बार कंपनियों ने बढ़ाई गई कीमतें वापस ली हैं। मांग के अभाव में सरिया सहित दूसरे भवन निर्माण सामग्री के दाम स्थिर बने हुए हैं।
सीमेंट कंपनियों की ओर कीमत बढ़ाए जाने पर शुरू हुए सियासी संग्राम से इस बात की उम्मीद भी जाग रही है कि चौथी बार भी बढ़ी हुई कीमतों की घोषणा वापस ली जाएगी। सीमेंट की कीमत में हुई बढ़ोतरी को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही हमलावर हैं।
सीमेंट कंपनियों ने बाजार में बिना मांग के ही 50 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी की घोषणा की है। उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सीमेंट डीलरों के पास पर्याप्त मात्रा में स्टाक है। भवन निर्माण सामग्री के कारोबारियों का कहना है कि कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी को बाजार किसी भी प्रकार से सपोर्ट नहीं कर रहा है।
सीमेंट, सरिया सहित दूसरे भवन निर्माण सामग्री की स्थानीय मांग बिल्कुल नहीं है। सीमेंट कंपनियों द्वारा दाम बढ़ाने के लिए कार्टेल बनाया गया है और पश्चिम बंगाल, ओडिशा आदि क्षेत्रों में अच्छी डिमांड की बात कही जा रही है।
पांच महीने में चौथी बार कोशिश
सीमेंट कंपनियों द्वारा इस साल बीते पांच महीनों में दाम बढ़ाने की यह चौथी कोशिश है। इससे पहले कंपनियों द्वारा एक अप्रैल से सीमेंट की कीमतों में 30 रुपये प्रति बोरी दाम बढ़ाने की घोषणा की गई थी। इसे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर टाल दिया गया।
इसके बाद 10 जून से कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की गई, लेकिन बाजार का सपोर्ट नहीं मिला तो कंपनियों ने दाम वापस लिया। तीसरी बार छह अगस्त से सीमेंट के दाम में 20 रुपये प्रति बोरी तक बढ़ोतरी की घोषणा हुई थी,लेकिन फैसला वापस लेना पड़ा।