छत्तीसगढ़

व्यंजन बनाने की रूचि ने पायल को बनाया आत्मनिर्भर

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प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत ऋण लेकर खुद स्वरोजगार का किया रूख

धमतरी (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। आज लड़कियां किसी से भी कम नहीं हैं, वे हर क्षेत्र में लड़कों से कंधा से कंधा मिलाकर चल रहीं हैं, चाहे वह शिक्षा हो, खेल, कृषि अथवा रोजगार या स्वरोजगार। यह साबित कर दिखाया है धमतरी जिले की कानीडबरी निवासी 25 साल की पायल नेताम ने। वैसे तो पायल की रूचि बचपन से ही नये-नये व्यंजन बनाने की रही और लगातार अलग-अलग व्यंजन बनाकर घर में अपनी मां का हाथ बंटातीं रहीं, किन्तु उन्होंने पढ़ाई भी जारी रखी। पायल स्नातक की पढ़ाई की हैं और आज बेकरी व्यवसाय से अच्छी-खासी आमदनी हासिल कर रहीं हैं। साथ ही दो लोगों को रोजगार भी दीं हैं, जो कि उनके काम में हाथ बंटाते हैं। पिता विजयचंद नेताम पेशे से किसान हैं और मां श्रीमती किरण बाई किराना दुकान संचालित करती हैं। पायल की ग्राम कोलियारी में बेकरी की दुकान है, जहां वह केक तैयार कर आसपास के गांवों में ऑर्डर अनुसार भेजतीं हैं। इससे उन्हें प्रतिदिन दो से तीन हजार रूपये की शुद्ध आय हो जाती है।

पायल बतातीं हैं कि जिला उद्योग केन्द्र द्वारा आयोजित शिविर में उन्हें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की जानकारी मिली, जिसमें 35 प्रतिशत अनुदान की भी पात्रता है। योजना की जानकारी मिलते ही पायल ने उद्योग विभाग से सम्पर्क कर सभी औपचारिकताएं पूरी कीं और उन्हें चार लाख रूपये का ऋण स्वीकृत हो गया, जिससे उन्होंने बेकरी की आधुनिक मशीनें खरीदीं। दो साल पहले शुरू किए इस बेकरी से पायल की अच्छी आमदनी तो हो ही रही है, साथ ही उन्होंने वे ऋण की राशि भी समय पर अदा कर रहीं हैं। पायल ने इसके लिए प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री साय का धन्यवाद ज्ञापित करतीं हैं कि, योजना के तहत मिले ऋण से उनके व्यंजन बनाने की रूचि और प्रबल हो गई है तथा आगे अपने व्यवसाय को विस्तृत रूप देने के बारे में सोच रहीं हैं।

Markandey Mishra

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