कोरबा,01 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज कोरबा प्रेस क्लब में तिलक भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए, केंद्र सरकार की उपलब्धियां को बताया जिसमे उन्हों ने कहा भारत के लोगों ने माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में अपना विश्वास व्यक्त किया है और उनके नेतृत्व वाली इस सरकार को ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए पुनः चुना है। हमारी नीतियों के प्रति उनके समर्थन, आस्था और विश्वास के लिए हम आभारी हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़संकल्प हैं कि सभी धर्म, जाति, लिंग और आयु के भारतीय अपने जीवन के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति करें। जैसा कि अंतरिम बजट में कहा गया था,
हमें 4 मुख्य समूहों नामतः ‘गरीब’, ‘महिलाएं’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। अन्नदाता के लिए हमने एक महीना पहले सभी मुख्य फसलों के लिए उच्चतर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा करके लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने का वायदा पूरा किया। प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 5 वर्ष की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा। इस बजट में हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, एमएसएमई (MSME) और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य अवसरों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधान मंत्री की 5 योजनाओं और पहलों के पैकेज की घोषणा की गई, जिससे 5 वर्ष की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ होगा। इसके लिए केंद्रीय परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपए का है। इस वर्ष शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.48 लाख करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इस बजट में सभी के लिए भरपूर अवसर का सृजन करने के लिए निम्नलिखित 9 प्राथमिकताओं के संबंध में सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है। कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयतारोजगार और कौशल प्रशिक्षण समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय विनिर्माण और सेवाएं शहरी विकास ऊर्जा सुरक्षा अवसंरचना (Infra) नवाचार, अनुसंधान और विकास, (Innovation, Research & Development) और अगली पीढ़ी के सुधार (Next Generation Reforms) प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता (Farmers Welfare) हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के अऩुकूल किस्मों के विकास पर जोर देने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी।
किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। अगले दो वर्षों में पूरे देश में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि (Natural Farming) के लिए सहायता दी जाएगी जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी। इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा। 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र (bio-input resource centres) स्थापित किए जाएंगे। सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने हेतु एक कार्यनीति बनाई जा रही है। प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। हमारी सरकार 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी।
इस वर्ष, डीपीआई का उपयोग करते हुए 400 जिलों में खरीफ का डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरे को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। झींगा खेती, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। हमारी सरकार सहकारी क्षेत्र के प्रणालीगत, व्यवस्थित और चहुँमुखी विकास के लिए राष्ट्रीय सहकारी नीति लाएगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में तेजी आएगी। इस साल कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।