छत्तीसगढ़राजनीतीरोचक तथ्य

एक्शन मोड़ में सरकार – ग्राम यात्रा न्यूज नेटवर्क की लगातार पड़ताल और बेबाक खबर प्रकाशित करने का हुआ असर, बालको की मनमानी पर चला कार्यवाही का हंटर, माइनिंग की टीम ने चेकपोस्ट के करीब बने अवैध बैचिंग प्लांट में जड़ा ताला, अब तक निरंकुश रहे अफसरों में मचा हड़कंप

Listen to this article

कोरबा। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन की शह पर अब तक मनमानी करते रहा बालको पर कार्यवाही का हंटर चल ही गया। शनिवार को चेकपोस्ट के करीब स्थापित अवैध बैचिंग प्लांट पर ताला जड़ दिया गया। अचानक पहुंची 20 से अधिक अफसर-कर्मियों की टीम ने यहां पहुंचकर जांच की और बिना नगर निगम की अनुमति के संचालित प्लांट को सील कर दिया। मौजूदा भाजपा सरकार एक्शन मोड पर है, जिसके निर्देश पर की गई इस कार्यवाही से निरंकुश अफसरों में हड़कंप मच गया है।

बालको चेक पोस्ट के करीब अवैध कब्जे पर खड़ा बैचिंग प्लांट नियम-कायदों को दरकिनार कर स्थापित किया गया और संचालित किया जाता रहा। माइनिंग डिपार्टमेंट की टीम ने शनिवार को यहां पहुंची और बैचिंग प्लांट को सील करने की कार्यवाही की। अवैध निर्माण पर माइनिंग की कार्रवाई के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। उल्लेखनीय होगा कि भारत एल्यूमिनियम कंपनी बालको को अपनी सेवाएं दे रही एसीसी इंडिया, सुभाष इंडिया और एलएनटी प्रोजेक्ट नामक कंपनियों के प्लांट पर खनिज विभाग के रायपुर की टीम ने ताला लगा दिया गया। 20 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने बालको प्लांट पहुंचकर तीनों कंपनियों मैं जैसे ही ताला लगाया, बालको प्लांट के भीतर हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि यह कंपनियां नगर निगम से बिना अनुमति लिए कार्य कर रही थी। उल्लेखनीय होगा कि फरवरी 2023 में नगर निगम द्वारा तालाबंदी की कार्यवाही की गई थी। पर उसके कुछ समय बाद ही बालको का वह स्ट्रक्चर बिना अनुमति शुल्क अदा किए फिर से खुल गया। सील किया गया प्लांट कैसे खुला और पिछले एक साल से भी अधिक समय से उसका बेधड़क संचालन कैसे किया जाता रहा है, ऐसे में निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आती है। इस पर जांच होनी चाहिए। छह करोड़ 90 लाख बकाया होने के बाद भी बैचिंग प्लांट का संचालन कर नियम कायदे तो दरकिनार किए ही गए, निगम प्रशासन और शासन को भी करोड़ों का नुकसान बर्दाश्त करने विवश होना पड़ा है, जिसकी भरपाई कौन करेगा, यह सवाल भी खड़ा होना लाजमी है।


14 माह पहले का वादा, फिर भी बालको पर 6.90 करोड़ हैं बकाया
वेदांता समूह की कंपनी बालको पर लगभग 7 करोड़ (6 करोड़ 90 लाख) बकाया हैं। बालको ने बिना अनुमति चेक पोस्ट में सीमेंट बैच मिक्सिंग प्लांट एवं हटमेंट स्थापित कर दिया था। इस पर पिछले साल 31 जनवरी 2023 को नगर निगम के भवन अधिकारी अखिलेश शुक्ला ने वार्ड 34 स्थित एक स्ट्रक्चर पर तालाबंदी कर जब्ती की कार्यवाही की थी। सील किया गया स्ट्रक्चर केसीसी इंडिया कॉर्प के नाम पर है, जो वेदांता समूह की कंपनी बालको के अधीन सीमेंट बैच मिक्सिंग प्लांट एवं हटमेंट स्थापित करने के लिए स्थापित किया गया था। पर इसके लिए नगर निगम से अस्थायी रूप से अनुमति की प्रक्रिया अधूरी थी। तालाबंदी के बाद 17 फरवरी 2023 में वेदांता के मुख्य महाप्रबंधक को एक नोटिस भी जारी किया गया। पर यह कार्यवाही और नोटिस बालको प्रबंधन पर बेअसर रही। इसके बाद बालको के मुख्य महाप्रबंधक को पुन: 24 फरवरी 2023 को एक और नोटिस निकाला गया। इसमें पूर्व में जारी किए जा चुके नोटिस का स्मरण कराते हुए कहा गया है कि अस्थायी रूप से सीमेंट बैच मिक्सिंग प्लांट एवं हटमेंट स्थापित करने की अनुमति प्राप्त करने शुल्क डिमांड पत्र कुल राशि 6 करोड़ 90 लाख 80 हजार 806 रूपए निगम कोरबा कोष में जमा नहीं किया गया है। साथ में यह भी निर्देशित किया गया कि 3 दिवस के भीतर सम्पूर्ण राशि निगम कोष में जमा कराई जाय। अन्यथा राशि जमा न होने पर कंपनी के खिलाफ छत्तीसगढ़ नगर निगम अधिनियम 1956 (संशोधन) विधयेक 2012, एवं छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम 1984 (संशोधित अधिनियम) 2015 में दिए गए प्रावधानों के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। पर हमेशा की तरह नोटिस देकर इतिश्री कर ली गई पर नुकसान नगर निगम को उठाना पड़ता रहा।


कब्जों की भरमार शिकायत, प्रदूषण हद के पार, हादसों में लगातार मौतें

बालको प्रबंधन की मनमानी हमेशा से कोरबा वासियों का जीवन कठिन बनाती रही है। शहर के लोगों की कोरबा से बालको आने जाने में बड़ी समस्या उठानी पड़ती है। यहां तक की जान हथेली पर लेकर इस रास्ते से गुजरना पड़ता है। आए दिन हो रहे सड़क हादसों में लोग घायल हो रहे। बीते एक माह में ही तीन लोगों की जान बेवक्त चली गई। उधर बिना अनुमति के संचालित हो रहें बैचिंग प्लांट के कारण पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। अवैध कब्जे पर स्थापित बैचिंग प्लांट के निर्माण में अधिकारियों की सांठ गांठ से संचालन किया जाता रहा। भरमार शिकायतों के बावजूद निगम द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। 31 जनवरी को तालाबंद किए जाने के बाद भी अवैध ढंग से ताला खोलकर प्लांट का संचालन संचालन करने वाली कम्पनियां एल एंड टी, एसीसी इंडिया के ई सी इंटरनेशनल जैसी कंपनियां मौज करती रहीं। अब जाकर इनकी मनमानी पर अंकुश लगा है।

Markandey Mishra

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close