HMS नेता और कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य अख्तर जावेद उस्मानी ने कोयला मंत्री SECL कुसमंडा CM पर कार्रवाई की मांग की

0. SECL कुसमुंडा GM को दंडित करें, एचएमएस नेता और CIL सेफ्टी बोर्ड सदस्य उस्मानी ने कोयला मंत्री को लिखा पत्र

 

कोरबा,02 अगस्त 2024।मानसून प्रिपरेशन के नाम पर लाखों रुपए प्रति वर्ष खर्च किए जाते हैं। क्या पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से काम हुआ था यह प्रश्न भी मुखर हो रहा है.HMS नेता और कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य अख्तर जावेद उस्मानी ने कोयला मंत्री (Coal Minister) एसईसीएल कुसमंडा महाप्रबंधक राजीव सिंह पर कार्रवाई की मांग की है। श्री उस्मानी ने कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी को लिखे पत्र में साउथ इस्टर्न कोलफील्डस् लिमिटेड (SECL) के कुसमुंडा क्षेत्र में असिस्टेंट मैनेजर (माइनिंग) जितेन्द्र नागरकर के पानी में बह जाने से हुई मृत्यु के पश्चात दुर्घटना को मृतक की भूल बताने तथा वास्तविक कारणों को छुपाने के प्रबंधकीय प्रयासों की जांच और समुचित कार्यवाही की मांग उठाई है। पत्र में इन बिन्दुओं की ओर कोयला मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया गया है :

 

इस दुखद दुर्घटना में जांच का विषय यह है कि कुसमुण्डा खान में इतनी अधिक मात्रा में पानी अचानक कहां से आ गया। मानसून प्रिपरेशन प्लान किसने अनुमोदित किया और प्रिपरेशन की जिम्मेदारी किसकी थी। मानिटरिंग कौन कर रहा था। क्या मुख्यालय को रिपोर्ट दी जा रही थी। क्या ड्रेनेज सिस्टम के साइड वाल्स को ठीक नहीं किया गया या कोई इनपिट सम्प था आदि।

 

महाप्रबंधक कुसमुंडा ने घटना के मूल कारणों की जांच से ध्यान भटकाने के लिये अपने ही संवर्ग के सहकर्मी अधिकारी के लिये एक अत्यंत नीचा दिखाने वाली भाषा का उपयोग करते हुये 29.07.2024 को एक आदेश जारी किया जिसका आशय यह है कि स्व० जितेन्द्र नागरकर मोबाइल पर गेम खेल रहे थे, इसलिये उनकी मृत्यु हो गई।

 

 

इतनी वर्षा में मोबाइल से गेम खोलने की कथित घटना सामान्य मानवीय चेतना और प्रतिक्रिया के मान्य मापदण्डों से विलग तस्वीर दिखाती है जो कि अस्वीकार्य है।

 

महाप्रबंधक, कुसमुंडा के पत्र और उसकी शब्दावली को हिन्द मजदूर सभा की ओर से उच्च अधिकरियों के संज्ञान में लाने का कार्य किया गया। इसके बाद वह पत्र वापस ले लिया गया।

 

इस तरह की मूल घटना के कारकों से ध्यान हटाने की कार्यवाही यह बताती है कि क्षेत्रिय महाप्रबंधक, कुसमुण्डा इस अभूतपूर्व दुर्घटना के असली कारणों को छुपाने में लग गये हैं और अपने सहित किसी की जिम्मेदारी तय नहीं होने देना चाहते हैं।

मानसून प्रिपरेशन के नाम पर लाखों रुपए प्रति वर्ष खर्च किए जाते हैं। क्या पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से काम हुआ था यह प्रश्न भी मुखर हो रहा है।

इस तरह की मूल घटना के कारकों से ध्यान हटाने की कार्यवाही यह बताती है कि क्षेत्रिय महाप्रबंधक, कुसमुण्डा इस अभूतपूर्व दुर्घटना के असली कारणों को छुपाने में लग गये हैं और अपने सहित किसी की जिम्मेदारी तय नहीं होने देना चाहते हैं।

एसईसीएल को प्राप्त सूचनाओं के आधार अपनी मानसून प्रतिरक्षा तैयारियों पर पूर्ण विश्वास था। दिनांक 28.07.2024 को साउथ इस्टर्न कोलफील्डस् लिमिटेड द्वारा माइंस सेफटी अवार्ड कोलकाता में अपनी मानसून तैयारियों का डिस्पले अपनी कंपनी के स्टॉल पर लगा रखा था। इन स्टालों का निरीक्षण पूरे डीजीएमएसओ द्वारा किया गया था। एचएमएस नेता और कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य अख्तर जावेद उस्मानी ने कोयल मंत्री से एक कथित फ्रंट लाइन सुपरवाइजर के अपुष्ट कथन को आधार बना कर बदनाम करने और जांच को मूल प्रश्न से भटका कर मोबाइल पर गेम खेलने का दोषी ठहराने के प्रयास करने वाले महाप्रंबंधक, कुसमुंडा को दण्डित किए जाने की मांग की है।

Markandey Mishra, Editor

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