छत्तीसगढ़

इधर ग्राम यात्रा ने ख़बर चलाई उधर कोयले की अफरातफरी में मशरूफ बालको ने बंद कर दी अपनी ही खदान ! भरी बरसात में लोगो को बेरोजगार कर बालको के सिंह साहब ने कम्पनी से ले ली वाहवाही, फिर क्या हुआ पढ़िए इस ख़बर में

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कोरबा – अपनी मनमानी के लिए मशहूर बालको प्रबंधन ने चोटिया 2 खदान को अचानक बंद कर दिया। मजदूरों और ऑपरेटरों को बैक डेट का नोटिस जारी कर काम से निकल जाने का फरमान सुना दिया। फिर क्या था करीब 300 मजदूर और ऑपरेटर ने भरी बरसात के बीच ही आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया। ऐसा नहीं है कि जिस खदान को बंद किया गया वहां कोयला नहीं है बल्कि बालको की ये चालाकी उस मुहिम का हिस्सा है जहां से उसे सस्ता कोयला मिलता है। पहले नीलामी में बढ़चढ़कर चोटिया खदान हासिल कर लिया लेकिन यहां का प्रोडक्शन कॉस्ट और ट्रांसपोर्टिंग कॉस्ट के बाद बालको में समझ में आ गया कि यहां से सस्ता उनको एसईसीएल कोयला सप्लाई कर दिया करेगा। लिहाजा पहले चोटिया 1 को अघोषित तरीके से बंद किया गया फिर वहां कोयला होने के बावजूद राख डाल क्षेत्र में प्रदूषण फैलाना शुरू कर दिया आज चोटिया 2 को भी बालको बंद कर दिया है। सिंह साहब की ये एक सोची समझी साजिश है कि कैसे कंपनी को मुनाफा दिखाकर मजदूरों का शोषण किया जा सके।

कोरबा में फिर से एक बड़े पैमाने पर कोयला की अफरा तफरी का खेल.. इस बार खिलाडी कांग्रेस सरकार के चहेते तिवारी नहीं फिर वो कौन जाने इस खबर से!

हमने सिंह साहब की पहले ही कई करतूतों से आपको वाकिफ कराया है वहीं इस बार इनके हाथ सस्ते कोल का खजाना लग गया है जिसके बाद इनको समझ आ गया कि चोटिया खदान को बंद करने में ही भलाई है। हद तो ये है कि जिन लोगो को काम से निकाल दिया गया है उस ठेका कम्पनी के साथ बकायदा 3 साल का अनुबंध किया गया था। लेकिन बालको ने परसो देर शाम सूचना देकर आज समयपूर्व ही छूट्टी कर दी गई अब आंदोलन के अलावा कोई जरिया नहीं बचा है प्रशासन का रुख भी अब तक कुछ स्प्ष्ट नहीं है। प्रशासन इसे ठेका कम्पनी और मजदूरों के बीच का विवाद मान कुछ नहीं कर रहा है।

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