छत्तीसगढ़

सुशासन तिहार 2025 : बेमेतरा में शुरू हुआ आवेदन संग्रहण

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बेमेतरा (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। जिले में सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत “आवेदन संग्रहण” आज मंगलवार से लेना शुरू हो गया है। यह अभियान 11 अप्रैल 2025 तक चलेगा, जिसमें आम जनता से उनकी समस्याएं, माँग और शिकायतें आवेदन एकत्र किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा यह प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक जिले के ग्राम पंचायत मुख्यालयों, नगरीय निकाय कार्यालयों, हाट-बाजारों एवं कॉमन सर्विस सेंटरों में संचालित की जा रही है।

’प्रत्येक स्थल पर समाधान पेटियां लगाई गई हैं, जिसमें हर वर्ग की महिला और पुरुषों अपनी समस्याएं लिखकर बिना किसी झिझक के डाल रहे हैं। इस पहल के पीछे उद्देश्य है कि शासन और प्रशासन तक सीधे तौर पर जनता की आवाज पहुंचे और उन्हें त्वरित समाधान मिल सके।

जिला कार्यालय बेमेतरा में भी एक समाधान पेटी लगाई गई है, जिसमे लोगों ने अपने आवेदन डाले हैं। इसी प्रकार अन्य स्थानों पर लगायी गयी समाधान पेटी में आवेदन डाले गए है।

मिली जानकारी अनुसार जिला कार्यालय बेमेतरा में लगायी गई पेटी में विभिन्न समस्याओं, मांगों और शिकायत संबंधी 52 आवेदन प्राप्त हुए।’ आवेदन ऑनलाइन प्राप्त करने की व्यवस्था की गयी है। प्रत्येक आवेदन को पोर्टल में पंजीकृत कर ऑनलाइन अपलोड किया जा रहा है। आवेदनकर्ता को भी पावती दी गई है ।

सुशील चंद्राकर ने समाधान पेटी में आवेदन डालने के बाद कहा, “मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की यह पहल बेहद सराहनीय है। पहली बार ऐसा हो रहा है, कि सरकार खुद जनता की समस्या सुनने उनके द्वार तक पहुंची है। यह ठीक वैसा ही लग रहा है जैसा हम चुनाव में मतदान करते समय महसूस करते हैं। अब समस्या का जल्द समाधान होगा ऐसा लगता है। ’उन्होंने आगे कहा कि जैसे हम चुनाव में सही प्रतिनिधि चुनते हैं, वैसे ही अब हमें लग रहा है, कि शासन भी हमारे मुद्दों को गंभीरता से ले रहा है और समाधान की दिशा में काम करेगा।

जिला प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी तहसील कार्यालयों, पंचायत भवनों, हाट बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर समाधान पेटियाँ उपलब्ध रहें ताकि नागरिक निर्भीक होकर अपनी बात रख सकें। यह पहल शासन और जनता के बीच विश्वास को और मजबूत करेगी और सुशासन की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी। सुशासन तिहार 2025 की यह पहल कि राज्य सरकार जनता की भागीदारी से प्रशासन को अधिक जवाबदेह और संवेदनशील बनाना है।

 

Markandey Mishra

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