छत्तीसगढ़

गिरौदपुरी जैतखाम तोड़फोड़: कांग्रेस जांच समिति ने पेश की रिपोर्ट…

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बलौदाबाजार। गिरौदपुरी के समीप ग्राम महकोनी के जैतखाम को तोड़ने और काटने की घटना की जांच के लिए गठित कांग्रेस की 7 सदस्यीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की अध्यक्षता में बनी इस समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की उपस्थिति में मीडिया के सामने पेश की।

घटना का विवरण:
    15 मई 2024: गिरौदपुरी के महकोनी गांव के जैतखाम को अज्ञात व्यक्तियों ने आरी से काटकर गिरा दिया।
    17 मई 2024: सतनामी समाज ने घटना के खिलाफ गिरौदपुरी थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई।

    पुलिस कार्रवाई: पुलिस ने बिहार के तीन मजदूरों को गिरफ्तार किया, जिन्हें ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं मिलने पर गुस्से में जैतखाम काटने का दोषी ठहराया गया।
    सतनामी समाज की असंतुष्टि: समाज ने पुलिस की कार्यवाही को अस्वीकार करते हुए सीबीआई जांच की मांग की और बड़ी बैठक आयोजित की।


    आंदोलन की घोषणा: 7 जून को सतनामी समाज ने 10 जून को बलौदाबाजार में आंदोलन करने का ज्ञापन सौंपा।
    10 जून 2024: बलौदाबाजार के दशहरा मैदान में लगभग 10,000 लोगों की भीड़ ने सभा की और रैली के माध्यम से कलेक्ट्रेट तक पहुंची, जिसमें असामाजिक तत्वों ने आगजनी और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया।

जांच के दौरान पाए गए सवाल:

    मजदूरों की भूमिका: पुलिस द्वारा पकड़े गए मजदूरों का जैतखाम तोड़ने का क्या संबंध हो सकता है?
    जमानत पर रिहाई: दोषी माने गए मजदूरों को जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया गया और बिहार भेज दिया गया।


    प्रशासन की निष्क्रियता: हजारों की संख्या में सीबीआई जांच की मांग के बावजूद प्रशासन ने संज्ञान क्यों नहीं लिया।

    भाजपा की भूमिका: आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष और अन्य नेताओं की भागीदारी की भी जांच होनी चाहिए।
    सोशल मीडिया प्रचार: भीम आर्मी और अन्य संगठनों द्वारा भीड़ एकत्रित करने की अपील पर प्रशासन ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया।
    अन्य प्रांतों से लोग: अन्य प्रांतों से भारी संख्या में लोग एक दिन पहले बलौदाबाजार में रुके तब भी प्रशासन ने सुध क्यों नहीं ली।


    सभा और रैली: सभा स्थल पर लगभग तीन घंटे भाषण और बाद में रैली के दौरान प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता।
    असामाजिक तत्वों की घुसपैठ: भीड़ में लाठी, डंडे, पेट्रोल बम आदि कैसे पहुंचे और अन्य प्रांतों के वाहन शहर में कैसे प्रवेश किए।

निष्कर्ष:
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि बलौदाबाजार में हुई आगजनी की घटना शासन और प्रशासन की बड़ी लापरवाही और सरकार की इंटेलीजेंट की विफलता के कारण हुई। समिति ने यह भी पाया कि प्रदेश की भाजपा सरकार की लचर कानून व्यवस्था और प्रशासन की निरंकुशता ने इस घटना को अंजाम दिया। समिति ने दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की, लेकिन निर्दोष लोगों को मुक्त करने की भी अपील की।

जांच समिति के सदस्य:
    संयोजक: डॉ. शिवकुमार डहरिया
    सदस्य: विधायक बिलाईगढ़ कविता प्राण लहरे
    सदस्य: विधायक पामगढ़ शेषराज हरवंश
    सदस्य: विधायक बिन्द्रानवागढ़ जनक राम ध्रुव
    सदस्य: पूर्व विधायक पदमा मनहर
    सदस्य: पूर्व विधानसभा प्रत्याशी शैलेष नितिन त्रिवेदी
    सदस्य: जिला अध्यक्ष बलौदाबाजार हितेन्द्र ठाकुर

Markandey Mishra

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