छत्तीसगढ़

कोरबा शहर से लेकर बाहरी क्षेत्र में राख ही राख, पावर प्लांटों से निकलने वाली राख सरकारी जमीन पर कब्जा,मंत्री उनके भागीदारों की सांठगांठ

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कोरबा – जिले में संचालित हो रहे पावर प्लांटों से निकलने वाली राख सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के लिए बहुत बड़ा संसाधन बनी है। अवैध कब्जा करवाने का ठेका तक ले लिया गया है और बात-बात पर हल्ला मचाने वाले कांग्रेसी भी इसमें चुप्प हैं तो इसका सीधा मतलब है कि इसमें मंत्री उनके भागीदारों की सांठगांठ है।

कोरबा शहर से लेकर बाहरी क्षेत्र में राख ही राख नजर आने लगी है। बड़े-बड़े गड्ढों को सडक़ के लेबल तक राख पाट कर लाने का काम दिन-रात चल रहा है। राख पाटने की आड़ में सरकारी जमीन इनके निशाने पर है। जिले की अनेक सरकारी जमीन राजस्व मंत्री और इनके भागीदारों के कब्जे में है।

गरीब, बेसहारा, आवासहीन और झोपड़पट्टियों में रहने वाली गरीब जनता की आड़ में अपने फायदे के लिए सरकारी जमीनों का पट्टा देने का नियम पास करवाया गया। इसके बाद जमीनों पर कब्जा का खेल शुरू हुआ तो मंत्री और उनके चहेतों ने ताबड़तोड़ कब्जा शुरू कर दिया।

अब चुनाव के समय पट्टा का लालीपाप थमाकर मात्र 600 वर्ग फीट का पट्टा कुछ लोगों को देकर बाकी जमीन का शुल्क पटाकर नियमितीकरण कराने कह गया है। दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से जुगाड़ कर पाने वाले भला नियमितीकरण का पैसा कहां से लाएंगे, लेकिन धन कुबेरों के लिए यह चुटकियों का काम है। ऐसे चुटकीबाजों ने गरीबों के आशियाने के सपनों को चूर-चूर कर रखा है।

मंत्री के भागीदारों ने राख की अवैध कमाई और सरकारी जमीनों के कब्जे के खेल में न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि महानगरों में भी अकूत संपत्ति बना लिया है। ईडी की जांच के दायरे में ऐसे लोगों को रखा जाना निहायत जरूरी है।

Markandey Mishra

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