कोरबा जिले में दुनिया के बेहद दुर्लभ जीव को बचाने कोरबा वनमंडल, स्थानीय संस्थाएं और नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा पिछले साल से अध्ययन कर रही हैं।
इस कड़ी में कोरबा वन मंडल के मारदर्शन संस्था द्वारा इन जीवों को बचाने दूरस्थ *वन क्षेत्रों में लोगों का वन्यजीव संरक्षण में कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट)* का काम किया जा रहा हैं।
नोवा की टीम पिछले सात महीनो में कोरबा के अलग अलग वनीय क्षेत्र जैसे लेमरू, अजगरबहार, कुदमुरा, पेसरखेत, करतला में कई गांव में बैठक लिए और ऐसे लोगों को चिन्हांकित किया जो इस मुहीम से जुड़ना चाहते हैं।
कोरबा वनमण्डल के डी एफ ओ श्री अरविंद पी एम के मार्गदर्शन में और उप वनमण्डलाधिकारी आशीष खेलवार के मार्गदर्शन में नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा एक कार्यशाला रखी जिसमे इन लोगों को बुलाया गया और उन्हें किंग कोबरा, उनके संरक्षण में कैसे भागीदारी बने, क्या करें, कैसे करें इसे चर्चा हुई। इसके साथ ही इन लोगों का वन अमले के साथ मिल कर इस दिशा में कार्य करने एकमत हुए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर श्री सूर्यकांत सोनी ने बताया कि *विश्व पटल पर किंग कोबरा एक बेहद दुर्लभ जीव* हैं और इसकी संख्या कम होती जा रहीं। यदि हम इसे नही बचाए तो वह दिन दूर नहीं जब यह विलुप्त हो जायेगा। *कोरबा जिले के लिए गर्व की बात है* की आपके पास ऐसा दुर्लभ जीव है और मौका है विश्व पटल पे इनके लिए कुछ करने का कहां श्री सोनी जी ने।
नोवा से श्री सूरज ने बताया छत्तीसगढ़ में 42 प्रजाति के सांप है जिनमे तीन ही ऐसे सांप है जिनसे दंश और इलाज ना मिलने पर मृत्यु हो सकती हैं। सांपों को पहचान कैसे करें, कौनसा विषैला, विषहीन, सर्प बचाव के प्रोटोकॉल्स।
प्रदेश में दो साल में 1500 सर्प दंश की केसेज रजिस्टर हुए हैं और सर्प दंश एक बेहद ध्यान देने का मुद्दा हैं। नोवा से सीनियर बायोलॉजिस्ट मयंक बागची ने गांव वालों को सर्प दंश और उसका प्राथमिकी बताया।
इस कार्यशाला में गांव वालों को गांव वाले के द्वारा समझने की नीति पे काम किया गया और चिन्हित लोगों को तयार किया गया की वे अपने गांव में कैसे लोगों को जागरूक कर सकते हैं, कैसे सूचना तंत्र तयार करें, और आपात स्थिति में कैसे मानव- वन्यजीव द्वंद का बेहतर प्रबंधन करें।
कार्यक्रम के अतिम में कम्युनिटी एवम रेस्क्यु टीम के प्रमुख जितेंद्र सारथी के वन विभाग के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया साथ ही आगे भी वन्य जीव संरक्षण में अपनी पूरी भूमिका निष्ठा के साथ कार्य करते रहने की बात कहीं।
कार्यक्रम में वन विभाग से एसडीओ श्री आशीष खेलवार, एसडीओ श्री सूर्यकांत सोनी, नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी से एम सूरज, मोइज अहमद, मयंक बागची, सिद्धांत जैन और जितेंद्र सारथी उसके साथ ही सभी रेंज के स्टाफ उपस्थित रहें।