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नहीं रहे हरित क्रांति के जनक, महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का 98 साल की उम्र में निधन

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नई दिल्ली। हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले महान कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन का निधन हो गया है। स्वामीनाथन को फादर ऑफ ग्रीन रिवॉल्यूशन भी कहा जाता है। वैज्ञानिक का निधन 98 साल की उम्र में लंबे समय से बीमार रहने के चलते हुआ। हरित क्रांति की वजह से कई राज्यों में कृषि उत्पादों में इजाफा हुआ था।

लंबे समय से थे बीमार

वैज्ञानिक स्वामीनाथन (MS Swaminathan Death) का निधन 98 साल की उम्र में लंबे समय से बीमार रहने के चलते हुआ। एम एस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन के सूत्रों ने बताया कि मशहूर कृषि वैज्ञानिक का काफी समय से उम्र संबंधी बीमारी का इलाज किया जा रहा था। स्वामीनाथन अपने पीछे तीन बेटियों को छोड़ गए हैं।

धान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका

स्वामीनाथन ने देश में धान की फसल को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में बड़ा योगदान दिया था। इस पहल के चलते पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों को काफी मदद मिली थी। 

संभाले थे कई प्रमुख पद

स्वामीनाथन अपने कार्यकाल के दौरान कई प्रमुख पदों पर काबिज रहे थे। वो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का निदेशक (1961-1972), आईसीआर के महानिदेशक और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव (1972-79),  कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव (1979-80) नियुक्त किया गया था।

स्वामीनाथन को 1987 में प्रथन खाद्य पुरस्कार दिया गया था। वो पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण तक से सम्मानित हो चुके हैं।

Markandey Mishra

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