छत्तीसगढ़

कृषि में प्रौद्योगिकी एवं नवाचारों के उपयोग से होगी नई क्रांति – डॉ. चंदेल

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रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )।  इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 39वें स्थापना दिवस के अवसर कल 20 से 22 जनवरी 2025 तक इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला (जम्मू-कश्मीर) के संयुक्त तत्वावधान में ‘‘कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक अनुसंधान पहल’’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आज समापन हुआ। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल उपस्थित थे। इस अवसर पर राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला (जम्मू-कश्मीर) के सम्मेलन समन्वयक डॉ. आर.ए. शाह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, संचालक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ. राजेन्द्र लाकपाले एवं कृषि महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. जी.के. दास विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला के संयुक्त तत्वावधान में हाइब्रिड मोड में आयोजित इस तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में काफी अच्छे शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में टेक्नोलॉजी का उपयोग दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है जिसके कारण आने वाले समय में हाइब्रिड मोड पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। विद्यार्थियों को इस तरह के आयोजनों में अधिक से अधिक संख्या में हिस्सा लेना चाहिए। उन्होंने शोधार्थियों से आव्हान किया कि वे अनुसंधान कार्य में नवाचार के उपयोग पर अधिक ध्यान दें। डॉ. चंदेल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड सहकारिता के क्षेत्र में काफी अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस आयोजन के सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे। डॉ. चंदेल ने सम्मेलन के सफल आयोजन हेतु इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर तथा राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला के वैज्ञानिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
राष्ट्रीय कृषि विकास सहकारी लिमिटेड, बरामूला के सम्मेलन समन्वयक डॉ. आर.ए. शाह ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह सम्मेलन काफी सफल रहा। उन्होंने कहा कि हमें यहां के आतिथ्य सत्कार ने काफी प्रभावित किया। डॉ. शाह ने उम्मीद जाताई की भविष्य में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के साथत मिलकर और भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। समापन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. राजेन्द्र लाकपाले ने बताया कि इस सम्मेलन में 474 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 824 शोध पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 190 शोध पत्रों का मौखिक एवं 39 शोध पत्रों का ऑनलाईन प्रस्तुतिकरण दिया गया। अतिथियों द्वारा इस अवसर पर सम्मेलन में उत्कृष्ट शोध पत्र एवं पोस्टरों की प्रस्तुति देने वाले वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के अंत में आयोजन सचिव डॉ. राजेन्द्र लाकपाले ने अतिथियों के प्रति आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राकेश बनवासी द्वारा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, प्राध्यापक, वैज्ञानिक, कार्यक्रम के प्रतिभागी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि इस तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम द्वारा विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर 20 जनवरी को किया गया था।

Markandey Mishra

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