छत्तीसगढ़

ग्रीन ज़ोन में पेड़ों की कटाई कर कब्जे का खेल, रातों-रात गिराई जा रही रेत-गिट्टी, प्रशासन मौन

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कोरबा शहर के हेलीपैड स्थित ग्रीन ज़ोन नर्सरी में इन दिनों पेड़ों की कटाई और अवैध कब्जे का गंभीर मामला सामने आया है। जिस जमीन को पर्यावरण संतुलन और हरियाली के लिए संरक्षित किया गया था, वहाँ अब रात के अंधेरे में कब्जे का खेल खुल्लमखुल्ला खेला जा रहा है।

 

सूत्रों के अनुसार, बीते कुछ दिनों से यहां पेड़ काटे जा रहे हैं और रात के वक्त भारी मात्रा में रेत, गिट्टी और निर्माण सामग्री गिराई जा रही है। मौके पर मिक्चर मशीन भी देखी गई है, जिससे साफ जाहिर है कि स्थायी निर्माण की तैयारी चल रही है। बीम खड़े किए जा चुके हैं और कब्जे की गति तेज हो गई है।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब कुछ खुलेआम हो रहा है लेकिन न तो प्रशासन और न ही नगर निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई दिख रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जमीन ग्रीन ज़ोन के तहत आती है, जहां किसी भी प्रकार का निर्माण गैरकानूनी है। बावजूद इसके, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रातों-रात संरचना खड़ी की जा रही है।

इससे पहले भी पूर्व वार्ड पार्षद और वर्तमान पार्षद पति शैलेन्द्र सिंह पप्पी ने अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाई थी। नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची भी थी और कब्जाधारियों को हटाया गया था, लेकिन अब फिर से वही कब्जे की गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह जमीन किसके संरक्षण में है? कौन इसकी जिम्मेदारी ले रहा है? किसकी अनुमति से पेड़ काटे जा रहे हैं और निर्माण हो रहा है? और आखिर वह कौन लोग हैं जिन्हें राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है?

स्थानीय लोगों और जागरूक नागरिकों में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो शहर का ग्रीन ज़ोन धीरे-धीरे कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो जाएगा।

Markandey Mishra

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