बेमेतरा । कलेक्टर रणबीर शर्मा ने जिला पंचायत स्थित सभाकक्ष में कृषि, पशुधन विकास, मत्स्य एवं उद्यानिकी विभाग की संयुक्त बैठक आयोजित ली। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, विशेषज्ञ और किसान प्रतिनिधि उपस्थित थे। कलेक्टर ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिले में कृषि और पशुधन विकास की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में कलेक्टर शर्मा ने कहा कि शासन की योजना के क्रियान्वयन के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। उन्होंने सभी विभाग के अधिकारियों को हितग्राही मूलक योजनाओं से अधिक से अधिक पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कृषि एवं समवर्गीय विभाग के मैदानी अमले द्वारा जिले में चल रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने समीक्षा के दौरान खरीफ सीजन में बीज और उर्वरक के वितरण के लिए पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। जैविक खेती को बढ़ावा देने, दलहन-तिलहन खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने समितियों के माध्यम से किसानों को कृषि ऋण दिलाये और किसानों को अधिक से अधिक इस योजनाओं से लाभान्वित करें। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में सभी किसानों ई-केवाईसी करने, के.सी.सी. पंजीयन ,फसल बीमा पंजीयन के संबंध में विस्तार से जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि किसानों को लाभान्वित करना और उनकी स्थिति को मजबूत बनाना प्राथमिकता में शामिल है। ज़िले में किसानों की स्थिति को और बेहतर बनाने के लिए धान के साथ-साथ अन्य व्यवसायिक फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन दलहन और तिलहन की फसलों को बढ़ावा भी दिया जा रहा है। किसानों को इसका लाभ सुनिश्चित कर दलहन और तिलहन की खेती के लिए उन्हें प्रेरित करें। बैठक में कृषि सहित जुड़े विभिन्न विभागों उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, उपस्थित थे।
कलेक्टर शर्मा ने प्रत्येक विकासखण्ड में उद्यान विभाग पोषण बाड़ी की जानकारी ली,साथ ही उद्यानिकी फसलों के प्रदर्शन ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने मत्स्य विभाग से मछली बीज उत्पादन के संबंध में पूछा। मत्स्य निरीक्षकों से विभागीय गतिविधियों की जानकारी ली।
उन्होंने बीजोत्पादन के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाकर वृहद स्तर पर क्रियान्वयन करने की बात कही। साथ ही मछली बीज के उत्पादन के लिए मत्स्य विभाग की गतिविधि को बढ़ाने आवश्यक निर्देश भी दिए। मलिक ने पशुपालन विभाग के अधिकारी से पशुओं के पंजीयन, उपचारित पशुओं की संख्या, टीकाकरण के संबंध में जानकारी ली।
उन्होंने मौसमी बीमारियों को ध्यान में रखते हुए साफ-सफाई और गोवंश, पशुओं के बेहतर रखरखाव हेतु पशुपालकों को जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल यूनिट के माध्यम से गांवों तक पहुंचकर पशुपालकों को लाभ दें। साथ ही उपस्थित सभी पशु चिकित्सकों को कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण पर शत-प्रतिशत प्रगति सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया।बैठक में कृषि, उद्यानिकी, मछलीपालन, पशुपालन, विभाग प्रमुख अधिकारी मौजूद थे।
उप संचालक कृषि मोरध्वज डड़सेना के अधिकारी ने फसल विविधीकरण, उन्नत बीज वितरण और सिंचाई सुविधाओं के सुधार पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नई योजनाओं के माध्यम से किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज और आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही, फसल बीमा योजनाओं की स्थिति की भी समीक्षा की गई।
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने जिले में पशुओं के स्वास्थ्य और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पशु टीकाकरण कार्यक्रम और पशु आहार वितरण योजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं। साथ ही, दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।
मत्स्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए तालाब निर्माण और मछली बीज वितरण योजनाएं लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल मत्स्य पालकों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि जिले की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
उद्यानिकी विभाग के अधिकारी ने फलों और सब्जियों की उन्नत खेती पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीकों के उपयोग से उत्पादकता में सुधार हो रहा है और किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।
कलेक्टर ने सभी विभागों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि किसानों की समृद्धि और जिले के विकास के लिए सभी विभागों को समन्वयित रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे किसानों को अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए नियमित रूप से बैठकें आयोजित करें और उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान करें।
बैठक के अंत में, कलेक्टर ने किसानों से भी सुझाव मांगे और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा और जिले में कृषि, पशुधन, मत्स्य और उद्यानिकी के क्षेत्र में और अधिक प्रगति के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे।