रायपुर । राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था और भिलाई डीपीएस स्कूल में मासूम बच्ची के साथ हुए दुराचार की घटना को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने रायपुर में एक पत्रकार वार्ता आयोजित की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे, और अन्य कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है। महिलाएं और बच्चे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। भिलाई डीपीएस स्कूल में 5 जुलाई 2024 को एक बच्ची के साथ छेड़छाड़ की गंभीर घटना हुई, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इस मामले को दबाने की कोशिश की। दुर्ग के पुलिस अधीक्षक ने बिना उचित जांच के ही इस घटना को झूठा बताया, जो बेहद गैर जिम्मेदाराना है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधीक्षक, जिनके बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ते हैं, ने इस मामले को नजरअंदाज किया और आरोपी को बचाने की कोशिश की। बघेल ने कहा कि पास्को एक्ट के तहत इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने एसपी की भूमिका की निष्पक्ष जांच की मांग की।
पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि प्राचार्य और पुलिस अधीक्षक की भूमिका संदिग्ध है और उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा, “भिलाई का मामला बहुत गंभीर है। एसपी की भूमिका की गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। राजधानी रायपुर में हर दिन हत्या, लूट और चाकूबाजी की घटनाएं हो रही हैं।”
पत्रकार वार्ता में अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति पर चिंता व्यक्त की और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने राज्य की भाजपा सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस प्रशासन अपने मूल कार्य को छोड़कर राजनीतिक षड्यंत्र में व्यस्त है।