छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ की बिगड़ती कानून-व्यवस्था मौन : चंद्रशेखर

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भिलाई । समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर) के राष्ट्रीय महामंत्री आर पी शर्मा ने छत्तीसगढ़ की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिर इतनी भयावह स्थिति होने के बावजूद राज्य सरकार के जिम्मेदार लोग मौन क्यों साधे हुए हैं? जारी बयान में शर्मा ने कहा कि पूरे देश में जिस छत्तीसगढ़ को शांतिप्रिय प्रदेश माना जाता था, आज वहां कानून और व्यवस्था को लोग खुलेआम चुनौती दे रहे हैं। कवर्धा से लेकर सूरजपुर तक लोग कानून की धज्जियां उड़ाते हुए इंसानों की जान ले रहे हैं। कहीं पुलिस वालों या पुलिस वालों के परिवार की हत्या हो रही है तो कहीं भीड़ में लोग जाकर कानून अपने हाथ में लेते हुए घर जलाने और सरेआम फांसी पर लटकाने जैसा दुष्कृत्य कर रहे हैं। शर्मा ने कहा कि आज यह स्थिति क्यों है, इस पर सरकार में बैठे लोगों के साथ-साथ आमजन को भी चिंतन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि भाजपा के पिछले 15 साल के और अब हाल के शासनकाल में जिस तरह से बाहरी लोगों का वर्चस्व बढ़ा है, उससे आपराधिक प्रवृत्ति वालों के हौसले बुलंद होते गए है। सत्ता में बैठ कर अपराधियों को खुला संरक्षण देने वाले लोगों को समझना चाहिए कि सत्ता किसी के हाथ में नहीं रहती, सत्ता आती-जाती रहती है। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक कुछ भी स्थाई नहीं है। यह देश रहना चाहिए और छत्तीसगढ़ की अपनी पहचान बने रहना चाहिए। शर्मा ने कहा कि आज पूरा छत्तीसगढ़ डरा और सहमा हुआ है। सूरजपुर में एक अपराधी ने प्रधान आरक्षक की पत्नी और मासूम बेटी को काट दिया और एक आरक्षक पर खौलता हुआ तेल डाल दिया। यह तो अपराध और मनमानी पराकाष्ठा है।

ऐसे में आम जनता का आक्रोशित होना स्वाभाविक है। इस हादसे के बाद आक्रोशित भीड़ का सामना एडीएम को करना पड़ा। आज शासन-प्रशासन को जवाब देना होगा कि कबाड़ी का धंधा करने वाले का हौसला इतना कैसे बढ़ गया कि उसने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। लोग जानना चाहते है कि आखिर कुलदीप साहू नाम के इस अपराधी को किसका संरक्षण था जो जिला बदर होने के बावजूद थाने के पास रहते हुए अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। आज राज्य सरकार का कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण नहीं है और भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसी घटनाएं सरकार की क्षमता पर प्रश्नचिह्न लगा रही हैं।

शर्मा ने कहा कि आज देश का माहौल इतना नफरत से भरा और दूषित कर दिया गया है कि अपराध और अपराधी की निंदा भी धर्म देखकर की जाती है। इस वक्त जरूरत इस बात की है कि हम सब धर्म-मजहब से उपर उठें और अपराध और अपराधियों दोनों की भर्त्सना खुल कर करें। जिससे सरकार में बैठे लोगों को थोड़ी शर्म आए। उन्होंने कहा कि आज प्रधान आरक्षक तालिब शेख की पत्नी मैहर जान शेख और बेटी आलिया की कुरबानी व्यर्थ नहीं जानी चाहिए। आरोपी पर सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

Markandey Mishra

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