नेशनल Archives - MK News Hub https://www.mknewshub.com/category/national/ Stay Informed, Stay Empowered! Mon, 23 Sep 2024 04:35:09 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://www.mknewshub.com/wp-content/uploads/2024/09/cropped-IMG_20240925_145601-32x32.jpg नेशनल Archives - MK News Hub https://www.mknewshub.com/category/national/ 32 32 आतिशी ने दिल्ली के छठे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की https://www.mknewshub.com/atishi-sworn-in-as-delhis-sixth-chief-minister/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=atishi-sworn-in-as-delhis-sixth-chief-minister https://www.mknewshub.com/atishi-sworn-in-as-delhis-sixth-chief-minister/#respond Mon, 23 Sep 2024 04:35:09 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94529 नई दिल्ली। ‘आप’ नेता आतिशी ने दिल्ली के छठे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है । उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना ने…

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नई दिल्ली। ‘आप’ नेता आतिशी ने दिल्ली के छठे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है । उपराज्यपाल वी.के.सक्सेना ने राज निवास में आतिशी और उनके मंत्रिपरिषद को शपथ दिलाई है । चार मौजूदा मंत्री गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन अपनी जगह बरकरार रखेंगे जबकि दलित विधायक मुकेश अहलावत कैबिनेट में नया चेहरा है । एक मंत्री पद अभी भी खाली रहेगा।

भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी।केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को विधायक दल का नेता चुना गया था। इससे पहले कालकाजी सीट से विधायक आतिशी, दिल्ली सरकार में कई विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।

शराब नीति मामले के सीबीआई केस में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सशर्त जमानत मिले। जिसके मुताबिक उन्हें अपने कार्यालय या सचिवालय जाने की अनुमति नहीं होगी, इसके साथ ही उन फाइलों के अलावा वो किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर पाएंगे जिन्हें उपराज्यपाल की ओर से मंजूरी दी जानी है।

इससे पहले, आतिशी मंगलवार शाम को केजरीवाल के साथ राज निवास में उपराज्यपाल से मिलने गई थी, जहां उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था और उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

आप नेता 26-27 सितंबर को बुलाए गए विशेष सत्र में 70 सदस्यीय विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगी। जमानत पर रिहाई के बाद केजरीवाल ने कहा था कि अगर अगले चुनाव में लोग उन्हें ईमानदार मानते हैं तो वह फिर से इस पद पर लौट आएंगे। मनोनीत मुख्यमंत्री आतिशी ने शुक्रवार को उनके प्रति समर्थन व्यक्त किया और दावा किया कि केवल उनका (केजरीवाल) नेतृत्व ही मुफ्त बिजली और पानी सुनिश्चित करके दिल्लीवासियों के लिए “बेहतर जीवन और उज्ज्वल भविष्य” सुनिश्चित कर सकता है।

 

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राष्ट्रपति भवन में बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने रखी अपनी पीड़ा https://www.mknewshub.com/naxal-victims-of-bastar-expressed-their-pain-in-rashtrapati-bhavan/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=naxal-victims-of-bastar-expressed-their-pain-in-rashtrapati-bhavan https://www.mknewshub.com/naxal-victims-of-bastar-expressed-their-pain-in-rashtrapati-bhavan/#respond Sun, 22 Sep 2024 05:00:26 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94479 नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में आज का दिन बस्तर के नक्सल पीड़ितों के लिए उम्मीदों भरा था। छत्तीसगढ़ के नक्सल…

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में आज का दिन बस्तर के नक्सल पीड़ितों के लिए उम्मीदों भरा था। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से आए 70 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल के तहत, अपनी पीड़ा को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचा। उनके चेहरे पर वर्षों से झेले गए अत्याचार की छाप थी, लेकिन उनकी आंखों में अब उम्मीद की किरण भी नजर आ रही थी।

राष्ट्रपति से मुलाकात का उद्देश्य साफ था — नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों की समस्याओं को देश की सर्वोच्च शक्ति के सामने रखना और बस्तर को माओवाद के आतंक से मुक्त कराने की अपील करना। मुलाकात के दौरान पीड़ितों ने बताया कि कैसे माओवादी हमलों ने उनके जीवन को तबाह कर दिया है।

बस्तरवासियों की व्यथा
प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को अवगत कराया कि पिछले चार दशकों से बस्तरवासी माओवादी आतंक का दंश झेल रहे हैं। माओवादी हमलों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं। बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने उनके जीवन को तहस-नहस कर दिया है। विस्फोटों से न केवल शरीर को नुकसान पहुंचा है, बल्कि मानसिक रूप से भी वे पूरी तरह टूट चुके हैं।

प्रतिनिधियों ने बताया कि माओवादियों ने उनके घर, जमीन और संस्कृति को भी बर्बाद कर दिया है। बस्तर में 8,000 से अधिक लोग पिछले ढाई दशकों में माओवादी हिंसा के शिकार हुए हैं। आज भी कई लोग नक्सलियों के डर के साये में जीने को मजबूर हैं। जहां देश के अन्य हिस्सों में लोग स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, वहीं बस्तर के लोग अपनी जमीन और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल
प्रतिनिधिमंडल ने जब राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बात रखी, तो उन्होंने खास तौर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व को सराहा। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल और नेतृत्व के कारण बस्तर में शांति बहाली और विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उनके नेतृत्व में बस्तर में न केवल नक्सल उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं, बल्कि लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने बस्तरवासियों में एक नई आशा जगाई है।

शांति और पुनर्निर्माण की अपील
बस्तर शांति समिति के प्रतिनिधिमंडल के नेताओं मंगऊ राम कावड़े और जयराम दास ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि बस्तर में शांति बहाल करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि बस्तर कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता था, लेकिन माओवादी आतंक ने इस स्वर्ग को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं, ताकि वहां फिर से शांति और सामान्य जीवन लौट सके।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नक्सल पीड़ितों की व्यथा गंभीरता से सुनी और आश्वासन दिया कि सरकार बस्तर में शांति और विकास के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि बस्तरवासियों के बेहतर भविष्य के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जल्द ही उन्हें राहत मिलेगी।

 

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पीएम ने नागरिकों से रुचिकर लगने वाले प्राप्त स्मृति चिन्हों के लिए बोली लगाने के लिए कहा https://www.mknewshub.com/pm-asks-citizens-to-bid-for-souvenirs-they-find-of-interest/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=pm-asks-citizens-to-bid-for-souvenirs-they-find-of-interest https://www.mknewshub.com/pm-asks-citizens-to-bid-for-souvenirs-they-find-of-interest/#respond Fri, 20 Sep 2024 09:53:06 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94332 दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान प्राप्त स्मृति चिन्हों की नीलामी शुरू होने की घोषणा करते हुए प्रसन्नता…

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दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान प्राप्त स्मृति चिन्हों की नीलामी शुरू होने की घोषणा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है। नीलामी से प्राप्त होने वाली आय नमामि गंगे पहल को दी जाती है। श्री मोदी ने नागरिकों से pmmementos.gov.in पर स्मृति चिन्हों के लिए बोली लगाकर नीलामी में भाग लेने का आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा;

“हर वर्ष, मैं सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान प्राप्त विभिन्न स्मृति चिन्हों की नीलामी करता हूं। नीलामी से प्राप्त होने वाली आय नमामि गंगे पहल को दी जाती है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि इस वर्ष की नीलामी शुरू हो गई है। जो स्मृति चिन्ह आपको रुचिकर लगें, उनके लिए बोली अवश्य लगाएं!

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बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में व्यक्त की अपनी पीड़ा… https://www.mknewshub.com/bastars-naxal-victims-expressed-their-pain-in-delhis-jantar-mantar/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=bastars-naxal-victims-expressed-their-pain-in-delhis-jantar-mantar https://www.mknewshub.com/bastars-naxal-victims-expressed-their-pain-in-delhis-jantar-mantar/#respond Thu, 19 Sep 2024 07:40:57 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94229 नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रेरणा और समर्थन से गुरुवार को बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली के…

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नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रेरणा और समर्थन से गुरुवार को बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर “केंजा नक्सली-मनवा माटा” (सुनो नक्सली हमारी बात) आंदोलन किया। मुख्यमंत्री साय ने नक्सल पीड़ितों की पीड़ा को समझते हुए उन्हें अपनी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया और इस महत्वपूर्ण कदम के लिए उनका हौसला बढ़ाया।

मुख्यमंत्री साय ने बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा से प्रभावित ग्रामीणों से कई बार संवाद किया और उनके दुख-दर्द को नजदीक से समझा। उन्होंने महसूस किया कि इन पीड़ितों की समस्याओं को केवल राज्य तक सीमित नहीं रखा जा सकता और इसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद ही नक्सल पीड़ितों ने जंतर मंतर पर अपने अधिकारों और शांति की मांग को सबके सामने रखने का साहसिक फैसला लिया।

जंतर मंतर पर आंदोलन के दौरान, ग्रामीणों ने माओवादी हिंसा के कारण झेले गए शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कष्टों को व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि कैसे नक्सलियों की हिंसा ने उनके जीवन को प्रभावित किया और उनके गांवों में विकास की प्रक्रिया को बाधित कर दिया। ग्रामीणों ने सरकार से नक्सलवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और अपने क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा की अपील की।

इस आंदोलन के बाद, नक्सल पीड़ितों का यह दल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा। वे बस्तर की वर्तमान स्थिति और नक्सली हिंसा से जुड़े मुद्दों पर गृह मंत्री से चर्चा करेंगे और समाधान के लिए ज्ञापन सौंपेंगे। ज्ञापन में बस्तर में शांति बहाली, विकास कार्यों में तेजी लाने और सुरक्षा बलों की उचित तैनाती की मांग की जाएगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस प्रेरक पहल से बस्तर के नक्सल पीड़ितों को अपनी पीड़ा और समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अवसर मिला है। उनकी हौसला अफ़ज़ाई और समर्थन से इन पीड़ित परिवारों को न्याय और शांति की उम्मीद की एक नई राह मिली है, जिससे बस्तर में शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

 

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मोदी कैबिनेट ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी https://www.mknewshub.com/modi-cabinet-approves-prime-minister-tribal-advanced-village-campaign/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=modi-cabinet-approves-prime-minister-tribal-advanced-village-campaign https://www.mknewshub.com/modi-cabinet-approves-prime-minister-tribal-advanced-village-campaign/#respond Thu, 19 Sep 2024 04:59:57 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94196 दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए…

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दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए परिपूर्णता लक्ष्य को अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु 79,156 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा: 56,333 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सा: 22,823 करोड़ रुपये) के कुल परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी।

बजट भाषण 2024-25 की घोषणा के अनुरूप इसमें लगभग 63,000 गांव शामिल होंगे, जिससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ होगा। इसमें 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय बहुल 549 जिले और 2,740 ब्लॉक के गांव शामिल होंगे।

2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 10.45 करोड़ है और देश भर में 705 से अधिक जनजातीय समुदाय हैं, जो दूरदराज और पहुंच से दूर क्षेत्रों में रहते हैं। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान का उद्देश्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना और पीएम जनमन (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान) की सीख और सफलता के आधार पर जनजातीय क्षेत्रों एवं समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित करना है।

इस मिशन में 25 कार्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें 17 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत उन्हें आवंटित धनराशि के माध्यम से अगले 5 वर्षों में समयबद्ध तरीके से इससे संबंधित योजना के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी होगा, ताकि निम्नलिखित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके:

लक्ष्य-I: सक्षम बुनियादी ढांचे का विकास:

पात्र परिवारों के लिए पक्का घर और अन्य सुविधाएं:  पात्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) परिवारों को पीएमएवाई (ग्रामीण) के तहत नल के पानी (जल जीवन मिशन) और बिजली आपूर्ति (आरडीएसएस) की उपलब्धता के साथ पक्के आवास मिलेंगे। पात्र एसटी परिवारों की आयुष्मान भारत कार्ड (पीएमजेएवाई) तक भी पहुंच होगी।

गांव के बुनियादी ढांचे में सुधार: एसटी बहुल गांवों (पीएमजीएसवाई) के लिए सभी मौसम में बेहतर सड़क संपर्क, मोबाइल कनेक्टिविटी (भारत नेट) और इंटरनेट तक पहुंच प्रदान करना, स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में सुधार के लिए बुनियादी ढांचा (एनएचएम, समग्र शिक्षा और पोषण) सुनिश्चित करना।

लक्ष्य-2: आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना:

कौशल विकास उद्यमिता को बढ़ावा देना और आजीविका (स्वरोजगार) में सुधार करना- प्रशिक्षण (कौशल भारत मिशन/जेएसएस) तक पहुंच प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना कि एसटी समुदाय के छात्र/छात्राएं हर साल 10वीं/12वीं कक्षा के बाद दीर्घकालिक कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्राप्त करें। इसके अलावा, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) के माध्यम से विपणन सहायता, पर्यटक गृह प्रवास, कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन के माध्यम से एफआरए पट्टा धारकों को सहायता प्रदान करना।

लक्ष्य-3: सभी की अच्छी शिक्षा तक पहुंच:

(iv) शिक्षा- स्कूल और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाना और जिला/ब्लॉक स्तर पर स्कूलों में जनजातीय छात्रावासों की स्थापना करके एसटी छात्रों (समग्र शिक्षा अभियान) के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सस्ती और सुलभ बनाना।

लक्ष्य-4: स्वस्थ जीवन और सम्मानजनक वृद्धावस्था:

स्वास्थ्य- एसटी परिवारों की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना, शिशु मृत्यु दर (आईएमआर), मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) में राष्ट्रीय मानकों को हासिल करना और उन स्थानों, जहां स्वास्थ्य उपकेंद्र मैदानी क्षेत्रों में 10 किमी से अधिक और पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किमी से अधिक हैं, वहां मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से टीकाकरण का कवरेज (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन)।

 

इस अभियान के तहत शामिल जनजातीय गांवों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर मैप किया जाएगा और संबंधित विभाग अपनी योजना के अनुसार आवश्यकताओं के अंतरों का पता लगाएंगे।। पीएम गति शक्ति प्लेटफॉर्म पर भौतिक और वित्तीय प्रगति की निगरानी की जाएगी और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरस्कृत किया जाएगा।

100 जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र, आश्रम विद्यालयों, छात्रावासों, सरकारी/राज्य जनजातीय आवासीय विद्यालयों की अवसंरचना में सुधार, सिकल सेल रोग (एससीडी) के लिए सक्षमता केंद्र और परामर्श सहायता, एफआरए और सीएफआर प्रबंधन संबंधी उपायों के लिए सहायता, एफआरए प्रकोष्ठों की स्थापना, और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जनजातीय जिलों के लिए प्रोत्साहन के साथ परियोजना प्रबंधन का बुनियादी ढांचा।

जनजातीय क्षेत्रों की विशिष्ट आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के आधार पर तथा राज्यों एवं अन्य हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद, अभियान ने जनजातीय और वनवासी समुदायों के बीच आजीविका को बढ़ावा देने एवं आय अर्जित करने के लिए कुछ नवीन योजनाएं बनाई  हैं।

जनजातीय गृह प्रवास: जनजातीय क्षेत्रों की पर्यटन क्षमता का दोहन करने तथा जनजातीय समुदाय को वैकल्पिक आजीविका प्रदान करने के लिए पर्यटन मंत्रालय के माध्यम से स्वदेश दर्शन के अंतर्गत 1000 गृह प्रवासों को बढ़ावा दिया जाएगा। जिन गांवों में पर्यटन की संभावना है, वहां जनजातीय परिवारों तथा गांव को एक गांव में 5-10 गृह प्रवासों के निर्माण के लिए वित्त पोषण प्रदान किया जाएगा। प्रत्येक परिवार दो नए कमरों के निर्माण के लिए 5 लाख रुपये तथा मौजूदा कमरों के पुनर्निर्माण के लिए 3 लाख रुपये तक तथा ग्राम समुदाय आवश्यकता के लिए 5 लाख रुपये का पात्र होगा।

स्थायी आजीविका वन अधिकार धारक (एफआरए): इस मिशन का विशेष ध्यान वन क्षेत्रों में रहने वाले 22 लाख एफआरए पट्टा धारकों पर है तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (एमओएएफडब्ल्यू), पशुपालन विभाग, मत्स्य पालन विभाग तथा पंचायती राज मंत्रालय के साथ मिलकर उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। इनका उद्देश्य वन अधिकारों को मान्यता देने और उन्हें सुरक्षित करने की प्रक्रिया में तेजी लाना, जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाना ताकि वे वनों के रखरखाव और संरक्षण के लिए सक्षम हो सकें और सरकारी योजनाओं के समर्थन के माध्यम से उन्हें स्थायी आजीविका प्रदान कर सकें। अभियान यह भी सुनिश्चित करेगा कि लंबित एफआरए दावों में तेजी लाई जाए और जनजातीय कार्य मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय द्वारा ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर सभी हितधारकों एवं अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सरकारी आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों के बुनियादी ढांचे में सुधार: जनजातीय आवासीय विद्यालय और छात्रावास दूरदराज के जनजातीय क्षेत्रों को लक्षित करते हैं और स्थानीय शैक्षिक संसाधनों को विकसित करने एवं नामांकन और छात्रों की संख्या को बरकरार रखने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखते हैं। अभियान का उद्देश्य पीएम-श्री स्कूलों की तर्ज पर उन्नयन के लिए आश्रम स्कूलों/छात्रावासों/जनजातीय स्कूलों/सरकारी आवासीय विद्यालयों के बुनियादी ढांचे में सुधार करना है।

सिकल सेल रोग के निदान के लिए उन्नत सुविधाएं: प्रसव पूर्व निदान पर विशेष जोर देने के साथ सस्ती और सुलभ नैदानिक ​एवं एससीडी प्रबंधन सुविधाएं प्रदान करने और भविष्य में इस रोग की व्यापकता को कम करने के लिए एम्स और उन राज्यों के प्रमुख संस्थानों में सक्षमता केंद्र (सीओसी) स्थापित किए जाएंगे, जहां सिकल रोग अधिक है और ऐसी प्रक्रियाओं की विशेषज्ञता उपलब्ध है। सक्षमता केंद्र (सीओसी) स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रसव पूर्व निदान के लिए सुविधाओं, प्रौद्योगिकी, कर्मियों और अनुसंधान क्षमताओं से लैस होगा और इसमें 6 करोड़ रुपये/सीओसी की लागत से प्रसव पूर्व निदान के लिए नवीनतम सुविधाएं, प्रौद्योगिकी, कर्मियों और अनुसंधान क्षमताएं होंगी।

जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र: जनजातीय उत्पादों के प्रभावी विपणन और विपणन बुनियादी ढांचे, जागरूकता, ब्रांडिंग, पैकेजिंग एवं परिवहन सुविधाओं में सुधार के लिए 100 टीएमएमसी स्थापित किए जाएंगे ताकि जनजातीय वर्ग के उत्पादकों को उनके उत्पाद/उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके और उपभोक्ताओं को जनजातियों से सीधे उचित मूल्य पर जनजातीय उत्पाद/उत्पाद खरीदने में सुविधा हो। इसके अलावा, इन टीएमएमसी को एकत्रीकरण और मूल्यवर्धन मंच के रूप में डिजाइन करने से उत्पादों की पैदावार के बाद नुकसान को कम करने और उत्पाद मूल्य को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

यह अभियान प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) की योजना और सफलता के आधार पर बनाया गया है, जिसे माननीय प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर, 2023 को जनजातीय गौरव दिवस पर पीवीटीजी आबादी पर ध्यान केंद्रित करते हुए 24,104 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया था।

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम सहकारी संघवाद का अनूठा उदाहरण है जहां सरकार पूरी तरह से जन कल्याण के लिए मिलकर काम करती है और इस प्रयास में समन्वय और पहुंच को प्राथमिकता दी जाती है।

 

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कैबिनेट ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को दी मंजूरी https://www.mknewshub.com/cabinet-approved-one-country-one-election/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=cabinet-approved-one-country-one-election https://www.mknewshub.com/cabinet-approved-one-country-one-election/#respond Thu, 19 Sep 2024 04:17:49 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94186 नई दिल्ली। ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखी गई।…

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नई दिल्ली। ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखी गई। कैबिनेट से इसे मंजूरी भी मिल गई है। कहा जा रहा है कि सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में इसे पेश कर सकती है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा चुनावों के एलान से पहले मार्च में यह रिपोर्ट पेश की थी। कैबिनेट के सामने रिपोर्ट पेश करना विधि मंत्रालय के 100 दिवसीय एजेंडे का हिस्सा था।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर कोविंद समिति की रिपोर्ट स्वीकार कर लिया है। कोविंद समिति को एक साथ चुनाव कराने के लिए व्यापक समर्थन मिला है। मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविंद समिति की सिफारिशों पर पूरे भारत में विभिन्न मंचों पर चर्चा की जाएगी। बड़ी संख्या में दलों ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है। हम अगले कुछ महीनों में आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे।

लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश
उच्च स्तरीय समिति ने पहले चरण के तौर पर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है। इसके 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने की बात कही गई है। समिति ने सिफारिशों के क्रियान्वयन पर विचार करने के लिए एक ‘कार्यान्वयन समूह’ के गठन का भी प्रस्ताव रखा है। समिति के मुताबिक, एक साथ चुनाव कराने से संसाधनों की बचत होगी। विकास और सामाजिक सामंजस्य को बढ़ावा मिलेगा। लोकतांत्रिक ढांचे की नींव मजबूत होगी। इससे ‘इंडिया, जो भारत है’ की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी।

एक समान मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की बात

 

 

समिति ने राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से चुनाव आयोग की ओर से एक समान मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करने की भी सिफारिश की थी। फिलहाल भारत का चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों को ही देखता है। नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनाव राज्य चुनाव आयोगों की ओर से कराए जाते हैं। बताया गया कि समिति ने 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की है, जिनमें से अधिकांश को राज्य विधानसभाओं से समर्थन की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इनके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की जरूरत होगी, जिन्हें संसद से पारित कराना होगा।

विधि आयोग भी अपनी रिपोर्ट लेकर आएगा
एकल मतदाता सूची और एकल मतदाता पहचान पत्र के संबंध में कुछ प्रस्तावित परिवर्तनों को कम से कम आधे राज्यों से समर्थन की जरूरत होगी। इसके अलावा विधि आयोग भी जल्द ही एक साथ चुनाव कराने पर अपनी रिपोर्ट लेकर आने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके पूरजोर सथर्मक रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, विधि आयोग सरकार के सभी तीन स्तरों लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और नगर पालिकाओं-पंचायतों जैसे स्थानीय निकायों के लिए 2029 से एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है। त्रिशंकु सदन जैसे मामलों में एकता सरकार (यूनिटी गवर्नमेंट) के प्रावधान की सिफारिश कर सकता है।

 

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अनंत अंबानी ने बढ़ाई लालबागचा राजा की शान, सिर पर सजाया 20 किलो सोने का मुकुट https://www.mknewshub.com/anant-ambani-increased-the-pride-of-lalbaugcha-raja-by-decorating-his-head-with-a-20-kg-gold-crown/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=anant-ambani-increased-the-pride-of-lalbaugcha-raja-by-decorating-his-head-with-a-20-kg-gold-crown https://www.mknewshub.com/anant-ambani-increased-the-pride-of-lalbaugcha-raja-by-decorating-his-head-with-a-20-kg-gold-crown/#respond Sat, 07 Sep 2024 12:13:28 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=93085 मुंबई  ।  गणेश चतुर्थी सेलिब्रेशन काफी ग्रैंड होता है। इस खास मौके पर हर साल मुंबई में लालबागचा राजा को…

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मुंबई  ।  गणेश चतुर्थी सेलिब्रेशन काफी ग्रैंड होता है। इस खास मौके पर हर साल मुंबई में लालबागचा राजा को स्थापित किया जाता है।

इस साल भी भव्य अंदाज में उनकी झलक सामने आ गई है। दूर-दूर से लोग लालबागचा राजा के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

फिल्मी सितारे भी बप्पा की एक झलक के लिए पंडाल में आते हैं। ये मूर्ति स्थापना का 91 वां साल है। आज यानी शनिवार सुबह 4 बजे प्राण प्रतिष्ठा और 6 बजे से आम नागरिकों के लिए दर्शन की शुरूआत हुई है। इस साल गणपति की मूर्ति काफी भव्य है और इसे सोने के आभूषण और मुकुट से सजाया गया है।

सिंहासन पर बैठे बप्पा को वेलवेट के मरून वस्त्र पहनाए गए हैं। इस साल मूर्ति में जो चीज सभी का ध्यान खींच रही है, वो है बप्पा का मुकुट। अब आखिर इस मुकुट में क्या खास है और इसे किसने दिया है ये आपको बताते हैं।

अनंत अंबानी ने बनवाया है बेहद खास मुकुट

लालबागचा राजा के सिर पर सजा 20 किलो का भव्य सोने का मुकुट सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। इसकी कीमत लगभग 16 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये मुकुट किसी और ने नहीं बल्कि अंबानी परिवार के लाडले छोटे बेटे अनंत अंबानी  ने अर्पित किया है। इस मुकुट को बनाने में दो महीने लगे हैं और इसे काफी सावधानी के साथ तैयार किया गया है। अनंत अंबानी की ओर से दिया गया ये मुकुट लालबागचा राजा समिति के साथ उनके लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का प्रमाण है।

बता दें, इस साल महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष ध्यान रखा गया है। मेडीकल सेंटर और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। लोग बड़ी संख्या में बप्पा के दर्शन करने पहुंचते हैं और खूब चढ़ावा भी चढ़ता है, जिसका उपयोग सामाजिक कार्यों में किया जाता है।

मुकेश अंबानी का परिवार सालों से समिति से जुड़ा हुआ है। इस साल अनंत अंबानी ने न सिर्फ मुकुट बल्कि और भी सहियोग किया है। मेडीकल की कई मशीनें अनंत ने मंडल को मुहैया कराई हैं। लालबाग ट्रस्ट ने यह फ़ैसला लिया है कि अनंत अंबानी को प्रमुख सलाहकार समिति का सदस्य बनाया जाए।

अनंत अंबानी ने घर पर भी किया बप्पा का स्वागत

बता दें, पूरे अंबानी परिवार की तरह ही अनंत अंबानी की धार्मिक कार्यक्रमों में विषेश रुचि है। वो हर पर्व भव्य अंदाज में सेलिब्रेट करते हैं।

बीती शाम उन्होंने एंटीलिया में भी गणपति बप्पा का भव्य स्वागत किया। एंटीलिया में बप्पा की मूर्ति स्थापित की गई। पूरा अंबानी परिवार बप्पा के स्वागत में लगा नजर आया। नई छोटी बहू राधिका मर्चेंट भी अनंत अंबानी के साथ बप्पा के दर्शन के लिए साथ खड़ी नजर आईं।

 

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इन्सानों की तरह बंदर भी पुकारते हैं एक-दूसरे का नाम https://www.mknewshub.com/like-humans-monkeys-also-call-each-other-by-name/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=like-humans-monkeys-also-call-each-other-by-name https://www.mknewshub.com/like-humans-monkeys-also-call-each-other-by-name/#respond Sun, 01 Sep 2024 07:29:32 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=92515 नई दिल्ली। बंदर अपने साथियों को बुलाने के लिए खास आवाजों का इस्तेमाल करते हैं और हर बंदर के लिए यह…

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नई दिल्ली। बंदर अपने साथियों को बुलाने के लिए खास आवाजों का इस्तेमाल करते हैं और हर बंदर के लिए यह आवाज भी अलग तरह की होती है। इसे फी-कॉल कहा जाता है। साइंस जर्नल में प्रकाशित इस्राइल के यरुशलम के हिब्रू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। इसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि दक्षिण अमेरिका के मूल के मार्मोसेट्स बंदर एक-दूसरे को पहचानने और बातचीत करने के लिए विशिष्ट लहजे का इस्तेमाल करते हैं। शोधकर्ताओं ने मार्मोसेट्स के जोड़े के बीच प्राकृतिक बातचीत के साथ ही बंदरों और एक कंप्यूटर सिस्टम के बीच बातचीत को रिकॉर्ड किया। टीम ने पाया कि इन बंदरों ने विशिष्ट व्यक्तियों को पुकारने लिए अपनी फी-कॉल का इस्तेमाल किया।

मतलब जैसे इन्सानों में नाम होते हैं, वैसे ही हर बंदर के लिए एक अलग आवाज थी। शोधकर्ताओं ने देखा कि बंदरों ने उन आवाजों को भी सही तरीके से समझा और जवाब दिया जो उनके समूह में खास तौर से उनके लिए तय की गई थीं। शोधकर्ताओं ने कहा कि दूसरों का नाम लेना सामाजिक जानवरों में देखी जाने वाली एक बेहद उन्नत संज्ञानात्मक क्षमता है। हाल तक यह केवल मनुष्यों, डॉल्फिन और हाथियों में ही मौजूद थी। इससे पहले जून में नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि जंगली अफ्रीकी हाथी एक-दूसरे को नाम जैसी लगने वाली आवाज से पुकारते हैं। यह हर हाथी के अलग होती है।

मानव भाषा के विकास को समझने में मिलेगी मदद

शोधकर्ताओं के मुताबिक, मार्मोसेट्स की इस खूबी का पता चलने से मानव भाषा के विकास का पता लगाने में मदद मिल सकती है। हिब्रू विश्वविद्यालय के मुख्य शोधकर्ता डेविड ओमर ने कहा, मार्मोसेट्स छोटे एकल परिवार समूहों में रहते हैं और इन्सानों की तरह ही अपने बच्चों की देखभाल एक साथ करते हैं। ये समानताएं बताती हैं कि उन्हें हमारे शुरुआती भाषा-पूर्व पूर्वजों के समान विकासवादी सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस वजह से उन्होंने हमारी तरह ही संचार विधियां विकसित की होंगी।

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कोरबा में सेवा दे चुके 3 अधिकारियों को केंद्रीय चुनाव आयोग ने सेंट्रल ऑब्जर्वर किया नियुक्त, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार में रहते कांग्रेसी मंत्री के नाक में कर रखा था दम ! https://www.mknewshub.com/three-officers-who-had-served-in-korba-have-been-appointed-as-central-observers-by-the-central-election-commission-during-the-congress-government-in-chhattisgarh-2/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=three-officers-who-had-served-in-korba-have-been-appointed-as-central-observers-by-the-central-election-commission-during-the-congress-government-in-chhattisgarh-2 https://www.mknewshub.com/three-officers-who-had-served-in-korba-have-been-appointed-as-central-observers-by-the-central-election-commission-during-the-congress-government-in-chhattisgarh-2/#respond Mon, 19 Aug 2024 17:06:24 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=91315 कोरबा/दिल्ली : हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है. जम्मू कश्मीर में 10…

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कोरबा/दिल्ली : हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है. जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. यहां निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए छत्तीसगढ़ से 12 अधिकारियों को सेंट्रल ऑब्जर्वर बनाया गया है जिसमें 3 अधिकारियों ने कोरबा में अपनी सेवाएं दी है। इनमें 2011 बैच के आईएएस संजीव झा, 2010 बैच के आईपीएस अभिषेक मीणा समेत 2015 बैच के आईपीएस यू उदयकिरण का नाम शामिल है इनको 22 को दिल्ली बुलाया गया है। कोरबा में सेवा दे चुके इन दिनों अधिकारियों की खास बात ये है कि राज्य में कांग्रेस सरकार रहने के बावजूद तत्कालीन कांग्रेस सरकार में राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल की इन्होंने नाक में दम कर रखा था इनके कलेक्टर एसपी रहते जयसिंह के कथित गुंडे जिले से बाहर ही रहने में अपनी भलाई समझे थे इसी का नतीजा रहा था कोरबा का अशांत माहौल काफी हद तक शांत हो सका था।

 

जम्मू-कश्मीर में तीन चरण और हरियाणा में एक चरण में मतदान होंगे. वहीं दोनों राज्यों में वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. चुनाव की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग सफल रूप से इलेक्शन कराने की तैयारी में जुटा हुआ है. निर्वाचन आयोग ने सेंट्रल ऑब्जर्वर (Central Observers) की नियुक्ति कर ली है. पर्यवेक्षकों में छत्तीसगढ़ के 12 आईएएस और आईपीएस अफसरों को भी शामिल किया गया है. जिनमें 9 IAS और 3 IPS हैं. नियुक्त सभी पर्यवेक्षकों को 22 अगस्त को नई दिल्ली बुलाया गया है. जहां सुबह 9 बजे से चुनाव आयोग की केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ मीटिंग होगी.

इलेक्शन कमीशन ने छत्तीसगढ़ के जीन 9 आईएएस अफसरों को ऑब्जर्वर बनाया है. उनमें हिमशिखर गुप्ता, राजेश सिंह राणा, नरेंद्र कुमार दुग्गा, भीम सिंह, डॉ. प्रियंका शुक्ला, जय प्रकाश मौर्या, संजीव कुमार झा, विनित नंदनवार और ऋतुराज रघुवंशी हैं. इलेक्शन के लिए ऑब्जर्वर बनाए गए तीन आईपीएस अधिकारियों में प्रशांत कुमार अग्रवाल, अभिषेक मीणा, उदय किरण का नाम शामिल है.

 

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कोरबा/दिल्ली : हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है. जम्मू कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहा है. यहां निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए छत्तीसगढ़ से 12 अधिकारियों को सेंट्रल ऑब्जर्वर बनाया गया है जिसमें 3 अधिकारियों ने कोरबा में अपनी सेवाएं दी है। इनमें 2011 बैच के आईएएस संजीव झा, 2010 बैच के आईपीएस अभिषेक मीणा समेत 2015 बैच के आईपीएस यू उदयकिरण का नाम शामिल है इनको 22 को दिल्ली बुलाया गया है। कोरबा में सेवा दे चुके इन दिनों अधिकारियों की खास बात ये है कि राज्य में कांग्रेस सरकार रहने के बावजूद तत्कालीन कांग्रेस सरकार में राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल की इन्होंने नाक में दम कर रखा था इनके कलेक्टर एसपी रहते जयसिंह के कथित गुंडे जिले से बाहर ही रहने में अपनी भलाई समझे थे इसी का नतीजा रहा था कोरबा का अशांत माहौल काफी हद तक शांत हो सका था।

 

जम्मू-कश्मीर में तीन चरण और हरियाणा में एक चरण में मतदान होंगे. वहीं दोनों राज्यों में वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी. चुनाव की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग सफल रूप से इलेक्शन कराने की तैयारी में जुटा हुआ है. निर्वाचन आयोग ने सेंट्रल ऑब्जर्वर (Central Observers) की नियुक्ति कर ली है. पर्यवेक्षकों में छत्तीसगढ़ के 12 आईएएस और आईपीएस अफसरों को भी शामिल किया गया है. जिनमें 9 IAS और 3 IPS हैं. नियुक्त सभी पर्यवेक्षकों को 22 अगस्त को नई दिल्ली बुलाया गया है. जहां सुबह 9 बजे से चुनाव आयोग की केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ मीटिंग होगी.

इलेक्शन कमीशन ने छत्तीसगढ़ के जीन 9 आईएएस अफसरों को ऑब्जर्वर बनाया है. उनमें हिमशिखर गुप्ता, राजेश सिंह राणा, नरेंद्र कुमार दुग्गा, भीम सिंह, डॉ. प्रियंका शुक्ला, जय प्रकाश मौर्या, संजीव कुमार झा, विनित नंदनवार और ऋतुराज रघुवंशी हैं. इलेक्शन के लिए ऑब्जर्वर बनाए गए तीन आईपीएस अधिकारियों में प्रशांत कुमार अग्रवाल, अभिषेक मीणा, उदय किरण का नाम शामिल है.

 

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