छत्तीसगढ़ Archives - MK News Hub https://www.mknewshub.com/category/cg/ Stay Informed, Stay Empowered! Wed, 06 Nov 2024 17:53:47 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://www.mknewshub.com/wp-content/uploads/2024/09/cropped-IMG_20240925_145601-32x32.jpg छत्तीसगढ़ Archives - MK News Hub https://www.mknewshub.com/category/cg/ 32 32 अधिक किराया वसूलने की शिकायत पर जाँच के बाद लगभग साढ़े चार लाख रुपये का जुर्माना https://www.mknewshub.com/fine-of-around-rs-4-5-lakh-imposed-after-investigation-on-complaint-of-overcharging/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=fine-of-around-rs-4-5-lakh-imposed-after-investigation-on-complaint-of-overcharging https://www.mknewshub.com/fine-of-around-rs-4-5-lakh-imposed-after-investigation-on-complaint-of-overcharging/#respond Wed, 06 Nov 2024 17:53:34 +0000 https://www.mknewshub.com/?p=94862 रायपुर 06 नवंबर 2024। छत्तीसगढ़ में एचआईवी पीड़ित, दृष्टिहीन, दोनों पैरों से दिव्यांग और 80 वर्ष या उस से अधिक…

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रायपुर 06 नवंबर 2024। छत्तीसगढ़ में एचआईवी पीड़ित, दृष्टिहीन, दोनों पैरों से दिव्यांग और 80 वर्ष या उस से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को यात्री बसों में मुफ़्त यात्रा की सुविधा दी जा रही है । मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में ऐसे सभी यात्रियों को बस में सफ़र करने पर निर्धारित किराया में सौ प्रतिशत की छूट दी जा रही है । इसके साथ ही समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से “नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्ति” का प्रमाण पत्र रखने वाले व्यक्ति को यात्री बस में सफर करने पर किराये में 50 प्रतिशत की रियायत देने की सुविधा भी शुरू कर दी गई है जो बस्तर जैसे माओवाद प्रभावित इलाक़े में परिवहन सुविधाओं को व्यवस्थित करने में कारगर साबित हो रही है ।

मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा आम जनता को बेहतर यातायात एवं परिवहन के साधन उपलब्ध कराने की दृष्टि से राज्य के विभिन्न मार्गों में साधारण श्रेणी से लेकर वातानुकूलित शयन श्रेणी के निजी यात्री वाहनें संचालित की जा रही है, जो आम जनता व यात्रियों को उनके निर्धारित गंतव्य तक प्रतिदिन पहुंचाने का काम करती है।
त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए यह संभव है कि आम जनता द्वारा अपने गंतव्य में जाने हेतु अधिक आवाजाही होगी, जिसके फलस्वरूप यात्रियों से वाहन संचालकों द्वारा अवैध वसूली कर अधिक किराया दर वसूल किया जा सकता है। इस तथ्य की दृष्टि से भी राज्य के परिवहन अधिकारियों को अधिक किराया वसूली की शिकायतों पर तत्काल संज्ञान लेने एवं ऐसे यात्री वाहनों के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। परिवहन अधिकारियों ने आमजनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यात्रियों को अपने गंतव्य के लिए निर्धारित किराये दर की जानकारी देने यात्री बसों में किराया सूची चस्पा करने के निर्देश दिये हैं। विभागीय अमले द्वारा निर्देशों के अनुपालन के तहत यात्री वाहनों की जांच करते हुए निर्धारित किराये की राशि से अधिक किराया वसूल करते पाये गये वाहन एवं बिना किराया दर सूची चस्पा किये संचालित होते पाए 349 यात्री वाहनों में चालानी कार्यवाही कर कुल 4,47,800/- रू. शुल्क वसूल किया गया है।
परिवहन विभाग द्वारा आम जनता से अपील की गई है कि राज्य शासन द्वारा जिन वर्गों को यात्री किराये में रियायत-छूट दी गई है, यदि यात्रा के दौरान बस कंडक्टर या ट्रैवेल्स द्वारा किराये में छूट नहीं दी जाती है, या किसी प्रकार का अभद्र दुर्व्यवहार या अवैध किराया वसूल किया जाता है तो इसकी शिकायत यदि कोई साक्ष्य या तथ्य भी हो तो संबंधित जिले के परिवहन अधिकारी से किया जाए। विभाग द्वारा परिवहन अधिकारी एवं प्रवर्तन अमले को ऐसी शिकातयों को त्वरित गंभीरता से लेने व इस दिशा में निरंतर चेकिंग कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।

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इटली के परिवार ने थामा बिलासपुर की नन्ही सजल का हाथ, अब करेगी नए जीवन की शुरुआत https://www.mknewshub.com/italian-family-holds-the-hand-of-bilaspurs-little-sajal-now-she-will-start-a-new-life/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=italian-family-holds-the-hand-of-bilaspurs-little-sajal-now-she-will-start-a-new-life https://www.mknewshub.com/italian-family-holds-the-hand-of-bilaspurs-little-sajal-now-she-will-start-a-new-life/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:44:37 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94712 बिलासपुर।  कुदुदंड में स्थित सेवा भारती मातृछाया ने निराश्रित शिशुओं के पुनर्वास में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी…

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बिलासपुर।  कुदुदंड में स्थित सेवा भारती मातृछाया ने निराश्रित शिशुओं के पुनर्वास में हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी कड़ी में मंगलवार को संस्था की ओर से इटली की दंपती लिबर्टो गिटानो और चिओ मिन्नो मेलेनिया को नियमानुसार दस्तावेजी कार्यवाही पूरी होने के बाद तीन साल की बच्ची सजल को सौंपा गया। इस दौरान संस्था के अध्यक्ष प्रदीप देशपांडे, सचिव भास्कर वर्तक एवं मधुसूदन यादव समेत बड़ी संख्या में मातृछाया परिवार के सदस्य उपस्थित थे।

छोड़े गए नवजात शिशुओं का रखते हैं ख्याल

कुदुदंड स्थित सेवा भारती मातृछाया की स्थापना वर्ष 2004 में की गई थी। संस्था का मूल उदेश्य माता-पिता द्वारा छोड़े गए शिशुओं का ख्याल रखना और लालन-पालन करना है। इसके साथ ही निराश्रित शिशुओं और निःसंतान दंपतियों के बीच की खाई को पाटना है।

छोटी सी कोशिश से बड़ा बदलाव

लता संस्था की सह सचिव लता गुप्ता ने कहा कि बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाना हमारी सबसे बड़ी जीत है। हर बच्चा एक नई उम्मीद है और सजल उन सभी में सबसे खास है।
यह पहल समाज में उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो अनाथ बच्चों के जीवन में प्रेम और सुरक्षा का नया अध्याय जोड़ना चाहते हैं। सेवा भारती जैसे संगठन यह साबित करते हैं कि छोटी सी कोशिश से बड़ा बदलाव संभव है।

कारा के माध्यम से लिया गोद

कारा (सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथारिटी) भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत काम करती है। यह एजेंसी देश और विदेश में बच्चों को गोद लेने की पूरी प्रक्रिया को संभालती है।
कारा को सेंट्रल अथारिटी का दर्जा प्राप्त है और अगर किसी विदेशी दंपती को भारत से बच्चा गोद लेना हो तो इसके लिए हेग कन्वेंशन के नियम लागू होते हैं। कारा इन नियमों का पालन सुनिश्चित करती है। अनाथ या सरेंडर किए गए बच्चों को मान्यता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से गोद लिया जाता है।

 

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NH अधिकारियों की लापरवाही: मोदकपाल पुलिया बनी मौत का जाल, जनता की जान से खिलवाड़!.. https://www.mknewshub.com/nh-negligence-of-officials-modakpal-culvert-became-a-death-trap-playing-with-the-lives-of-the-public/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=nh-negligence-of-officials-modakpal-culvert-became-a-death-trap-playing-with-the-lives-of-the-public https://www.mknewshub.com/nh-negligence-of-officials-modakpal-culvert-became-a-death-trap-playing-with-the-lives-of-the-public/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:38:54 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94709 बीजापुर। जिले के मोदकपाल इलाके में नेशनल हाईवे (NH) के अधिकारियों और ठेकेदारों की घोर लापरवाही से लगातार हो रही…

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बीजापुर। जिले के मोदकपाल इलाके में नेशनल हाईवे (NH) के अधिकारियों और ठेकेदारों की घोर लापरवाही से लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं ने स्थानीय जनता की चिंता बढ़ा दी है। मोदकपाल की पुलिया के पास अब तक कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं, जिनमें लोगों की जान जाते-जाते बची है या फिर उन्हें गंभीर चोटों का सामना करना पड़ा है।

महादेव घाट में एक और हादसा, युवक बाल-बाल बचा
बीजापुर के महादेव घाट में हाल ही में NH अधिकारियों और ठेकेदार की लापरवाही के चलते एक बड़ा हादसा हुआ। घाट पर चल रहे रिटर्निंग वाल के निर्माण के दौरान एक बाइक सवार युवक सीधे घाट में गिर गया। गनीमत रही कि युवक की जान बच गई, लेकिन इस दुर्घटना ने सड़क सुरक्षा को लेकर अधिकारियों की गैर-जिम्मेदारी को उजागर कर दिया है।

अधिकारी मीडिया से बचते रहे, जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा

जब मीडिया ने इन दुर्घटनाओं पर NH अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, तो बीजापुर NH के एसडीओ और इंजीनियर ने कॉल उठाना भी जरूरी नहीं समझा। वहीं, संभागीय अधिकारी भी मीडिया से दूरी बनाए रहे। यह दर्शाता है कि अधिकारी इन हादसों को लेकर कितने गंभीर हैं। लगातार ठेकेदारों और NH अधिकारियों की मनमानी के चलते आम जनता को अपनी जान गंवानी पड़ रही है, और अधिकारी मौन साधे हुए हैं।

कमीशनखोरी के चक्कर में हो रही जानलेवा दुर्घटनाएं
सूत्रों के मुताबिक, NH अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से मोटा कमीशन लिया जा रहा है, और इसी कमीशनखोरी के कारण सड़कों की स्थिति खराब हो रही है। यह लापरवाही बीजापुर में लगातार हो रहे सड़क हादसों का बड़ा कारण बन रही है, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है।

“मीडिया हमारा क्या कर लेगा”
विभागीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि NH के अधिकारियों का कहना है कि “मीडिया हमारा क्या कर लेगा?” इस तरह के बयान से यह साफ है कि अधिकारी जनता की सुरक्षा के प्रति कितने लापरवाह हैं और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का कोई डर नहीं है।

बीजापुर की जनता अब इन हादसों के खिलाफ आवाज उठा रही है, लेकिन सवाल ये है कि कब तक NH अधिकारी और ठेकेदार अपने कमीशन और निजी लाभ के चलते लोगों की जान से खेलते रहेंगे? आखिर कब होगी इन हादसों पर रोक?

 

 

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बिलासपुर जिले की हमारी दीदियां ने भेदा लक्ष्य, बन गईं 27,889 महिलाएं लखपति दीदी https://www.mknewshub.com/our-didis-of-bilaspur-district-became-the-target-of-27889-women-lakhpati-didi/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=our-didis-of-bilaspur-district-became-the-target-of-27889-women-lakhpati-didi https://www.mknewshub.com/our-didis-of-bilaspur-district-became-the-target-of-27889-women-lakhpati-didi/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:34:52 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94706 बिलासपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत विभाग को 25 हजार 427 महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य मिला…

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बिलासपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत विभाग को 25 हजार 427 महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य मिला था, लेकिन 27 हजार 889 महिलाएं लखपति दीदी बनने की कगार पर हैं। अधिकारियों की माने तो महिलाओं ने स्व-सहायता समूहों से जुड़कर शासन की योजनाओं का लाभ उठाया और खुद को आत्मनिर्भर बनाया हैं। इन समूहों से जुड़ी महिलाओं ने खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया और अब किसी भी मंच पर निर्भीकता से अपनी बातें रखने में सक्षम हो रही हैं।

 10 हजार 074 महिलाओं की आय एक लाख के पार

राष्ट्रीय आजीविका मिशन विभाग को सौ दिनों में 25 हजार 427 महिलाओं को लखपति दीदी बनाना था। विभाग ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं का आर्थिक विश्लेषण किया और पाया कि शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर अपने व्यवसाय बढ़ाने वाली 27 हजार 889 महिलाएं लखपति बनने के करीब हैं। जिले में 10,074 महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख से अधिक हो चुकी है।

किस ब्लाक में कितनी लखपति दीदी

मस्तूरी: लक्ष्य 14,467, स्वीकृति 15,644
बिल्हा: लक्ष्य 3,200, स्वीकृति 3,407
कोटा: लक्ष्य 2,480, स्वीकृति 2,525
तखतपुर: लक्ष्य 5,280, स्वीकृति 5,518

कैसे हासिल किया लक्ष्य

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के अधिकारियों ने स्व-सहायता समूह की ऐसी महिलाओं को चिन्हित किया जिनकी वार्षिक आय 50 से 70 हजार रुपये के बीच थी। विभाग ने इन महिलाओं को एक लाख से छह लाख तक का लोन दिलवाया। लोन की ब्याज दर कम होने से महिलाओं पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ा और उन्होंने अपने काम को बढ़ाकर अपनी आय एक लाख से अधिक कर ली।
दीदियों की कहानी उन्हीं की जुबानी
-जनपद पंचायत बिल्हा क्लस्टर ज्ञान सुधा संकुल संगठन सेमरताल की ग्राम पंचायत सेंदरी की प्रियंका यादव गृहणी हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रही प्रियंका ने गांव में चलने वाले समूह मां दुर्गा स्व सहायता समूह में जुडीं। शासन की योजना का लाभ लेते हुए भैंस पालन व डेयरी का काम शुरू किया और अब वह गांव की अन्य महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।
-जनपद पंचायत बिल्हा क्लस्टर ज्ञान सुधा संकुल संगठन सेमरताल ग्राम पंचायत सेंदरी निवासी किरण कुर्रे शांति स्व सहायता समूह से जुड़कर घर की बाड़ी को अपनी आर्थिक सुधार के लिए इस्तेमाल शुरू किया। किरण बताती हैं कि उन्होंने बाड़ी के एक हिस्से में सब्जी उगाना शुरू किया। धीरे-धीरे पैदावार बढ़ता गया और उनकी बाड़ी अब उनकी आय का स्रोत बन गई है।

 

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चाकू मार कर मां की हत्या करने वाले पुत्र को आजीवन कारावास https://www.mknewshub.com/life-imprisonment-to-the-son-who-killed-his-mother-with-a-knife/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=life-imprisonment-to-the-son-who-killed-his-mother-with-a-knife https://www.mknewshub.com/life-imprisonment-to-the-son-who-killed-his-mother-with-a-knife/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:31:44 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94703 कोरबा। बस्ती में निवासरत मीरा उरांव के पति की मौत के बाद वह अपने दो बेटे के साथ रहती थी। बताया…

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कोरबा। बस्ती में निवासरत मीरा उरांव के पति की मौत के बाद वह अपने दो बेटे के साथ रहती थी। बताया जा रहा हैं की बड़ा बेटा पास्को एक्ट के मामले में जेल में निरूद्ध होने पर छोटा बेटा मनोज घर पर था।
वह, मां के शराब पीने की लत से काफी परेशान था। साथ ही उसे मां के चरित्र पर भी शक था। इसी बात को लेकर दोनों के मध्य कई बार विवाद भी होता था।
चार मई 2023 की रात मां – बेटे के मध्य पुन: विवाद हुआ, तब आक्रोशित होकर मनोज ने चाकू से हमला कर मां की हत्या कर दी। मामले में पुलिस ने आरोपित पुत्र को गिरफ्तार न्यायालय में प्रस्तुत किया था।घटना लगभग डेढ़ वर्ष पहले कोतवाली थाना अंतर्गत राताखार बस्ती में हुई थी।

मामला न्यायालय में विचाराधीन था। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पैरवी करते हुए मामले में पर्याप्त साक्ष्य-सबूत पेश किया। इससे मनोज पर दोष सिद्ध हो गया। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने पुत्र को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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पं. दीनदयाल के चिंतन के अनुरूप महिला सशक्तीकरण के लक्ष्य-पथ पर भाजपा https://www.mknewshub.com/according-to-the-thinking-of-pandit-deendayal-bjp-is-on-the-target-path-of-women-empowerment/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=according-to-the-thinking-of-pandit-deendayal-bjp-is-on-the-target-path-of-women-empowerment https://www.mknewshub.com/according-to-the-thinking-of-pandit-deendayal-bjp-is-on-the-target-path-of-women-empowerment/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:29:14 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94700 पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती की पुनीत बेला पर आज हम सब उनके मौलिक चिंतन की जब व्यापक रूप से चर्चा…

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पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती की पुनीत बेला पर आज हम सब उनके मौलिक चिंतन की जब व्यापक रूप से चर्चा करेंगे, तब सशक्त नारी की भूमिका को लेकर पं. दीनदयाल के चिंतन की अनदेखी नहीं कर सकते। भारतीय चिंतन-परम्परा में मातृ-शक्ति की वंदना ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:’ कहकर की जाती है। पं. दीनदयाल का समूचा चिंतन सनातन भारतीय संस्कृति का उद्घोष करता है जिसमें नारी को उसकी समग्र सत्ता के परिप्रेक्ष्य में हर क्षेत्र में आगे आने के अवसर उपलब्ध कराने की प्रेरणा सन्निहित है। इस दृष्टि से हम भारत की समूची सनातन-परम्परा में नारी को उसकी विविध भूमिकाओं में अपनी स्वतंत्र सत्ता के साथ सहज ही स्वीकार करते हैं। आज नारी स्वतंत्रता के नाम पर पाश्चात्य संस्कृति ने इस देश की मातृ-शक्ति को अपनी उन गौरवशाली परम्पराओं से विमुख करने का जो षड्यंत्र चलाया है, उसका दुष्परिणाम अनेक रूपों में हमारे सामने है। भारतीय समाज जीवन की रचना में मातृ-शक्ति की महती भूमिका को एकमत से स्वीकार किया गया है तो यह स्वीकृति मातृ-शक्ति की सामाजिक, पारिवारिक, राजनीतिक, आर्थिक, संस्कृति आदि क्षेत्रों में नारी के योगदान की ही रही है। इस सत्य को स्वीकार तो सब करते हैं, लेकिन जब उनके योगदान के दृष्टिगत उन्हें सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक क्षेत्रों में सशक्त नेतृत्व के लिए प्रेरित करने की बात आती है तो दोहरे मानदंड नजर आते हैं। संसद और विधानमंडलों में महिला आरक्षण के विधेयक को लेकर उन तमाम राजनीतिक दलों के चेहरे बार-बार बेनकाब होते रहे, जो इस विधेयक के नाम पर सबसे ज्यादा ढोल पीटते रहे हैं। भारतीय राजनीति में आज भी महिलाओं की भूमिका को दोयम दर्जे में रखने के षड्यंत्र को तोड़ने में भारतीय जनता पार्टी ने जो क्रांतिकारी पहल की है, वह वस्तुत: पं. दीनदयाल के चिंतन से उद्भूत प्रेरणा का ही सुपरिणाम है।

पं. दीनदयाल का यह स्पष्ट मत था कि भारतीय राजनीति में पुरुषों की भांति महिलाओं को भी महत्त्व दिया जाना चाहिए। देश की रचना में उनका भी सहयोग मिलना चाहिए। भारतीय जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल परिवार के लिए परिवार प्रमुख के कन्धे से कन्धा लगाकर कष्ट उठाने की भारतीय महिलाओं की परम्परा का सम्मान करते थे। पं. दीनदयाल का मत था कि राजनीतिक क्षेत्र में कार्य करने वालों ने महिलाओं, उनकी समस्याओं तथा उनकी शक्ति का विचार नहीं किया तो वह समाज के आधे भाग की उपेक्षा करने जैसा होगा। नए भारत की रचना में ऐसी उपेक्षा कदापि नहीं की जा सकती। अतः उन्होंने जनसंघ का महिला मोर्चा स्थापित करने की ओर ध्यान दिया। जनसंघ के केवल रचनात्मक कार्यक्रमों में ही नहीं, अपितु आंदोलनात्मक कार्यक्रमों में भी महिला मोर्चे का सहभाग बहुत बड़ा रहा है। इसलिए पं. दीनदयाल के प्रयासों से महिलाओं के लिए भी अलग से कार्य करने के विचार से जनसंघ ने अपना महिला मोर्चा प्रारम्भ किया। जनसंघ के महिला मोर्चा ने अल्प समय में ही अपने प्रखर वैचारिक और राजनीतिक दृष्टिकोण के चलते भारतीय राजनीति में प्रभावी भूमिका से अपनी विशिष्ट पहचान बना ली थी।

पं. दीनदयाल के इसी चिंतन से प्रेरित होकर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकारों ने समय-समय पर महिलाओं के सर्वतोमुखी सशक्तीकरण के नित-नए आयाम स्थापित किए हैं। भाजपा का महिला मोर्चा आज भारतीय राजनीति की दिशा तय करने में अपनी जिस विशिष्ट पहचान के साथ काम कर रहा है, उसमें संगठन-शिल्पियों के मार्गदर्शन के साथ ही केंद्र व राज्यों की भाजपा सरकारों की भूमिका की अनदेखी नहीं की जा सकती। भाजपा ने महिलाओं को केवल राजनीतिक वोट-बैंक नहीं माना, अपितु महिलाओं के सामाजिक, पारिवारिक, आर्थिक आदि क्षेत्रों में सशक्तीकरण के प्रयास करके पं. दीनदयाल की चिंतन-धारा को धरातल पर साकार भी किया। महिलाओं को सशक्त बनाना, समाज को सशक्त बनाना है, और इस प्रकार अपने समुदाय में वंचित महिलाओं को सशक्त बनाने के मिशन के साथ भाजपा काम कर रही है। पं. दीनदयाल के विचारों के अनुरूप  महिला सशक्तीकरण के लिए अनेक पहलुओं पर काम किए जा रहे हैं। वित्तीय उद्यम की तलाश कर रही महिलाओं को आवश्यक समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करना, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और कन्या भ्रूण हत्या रोकना भाजपा के इन्हीं प्रयासों के आयाम हैं। भाजपा ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता मुहैया कराने पर भी ध्यान दिया है और इसके लिए महिला साक्षरता को बढ़ावा देकर राष्ट्र को साक्षर और प्रगतिशील बनाने पर बल दिया गया है। इसी प्रकार महिला स्वास्थ्य एक उपेक्षित क्षेत्र रहा है, और महिला स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर जागरुकता फैलाने पर भाजपा सरकार ध्यान दे रही है। जो महिलाएँ स्वतंत्र रूप से काम करना चाहती हैं, उनके लिए निःशुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के अवसर उपलब्ध कराए गए हैं। महिला उद्यमियों के लिए, विशेष रूप से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से, विभिन्न सरकारी सहायता के बारे में जागरुकता पैदा करके त्वरक और हैंडहोल्डिंग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। महिलाओं को उद्यमिता में प्रोत्साहित करने से अंततः देश की अर्थव्यवस्था को तो मजबूती मिलती ही है, साथ-साथ महिलाओं के लिए अधिक नौकरियाँ विकसित होती हैं। यह इतना बड़ा बदलाव इसलिए है कि जिन पं. दीनदयील की जयंती हम आज मना रहे हैं, उनकी सोच को केंद्र के स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा की सरकारों ने जमीनी स्तर पर लागू किया। महिला सशक्तीकरण पं. दीनदयाल की सोच थी। सामाजिक क्रांति, अंत्योदय तब तक नहीं आएगा जब तक माताओं-बहनों पर ध्यान नहीं जाता है। शुरुआत हुई ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ से, और आज नारी शक्ति ने हर क्षेत्र में अद्भुत प्रदर्शन किया है। आज देश की नारी लड़ाकू पायलट है, सेना में उनकी भर्ती हो रही है। जब चंद्रयान-3 जाता है तो महिलाओं का ध्यान आता है कि रॉकेट वूमेन है वहां पर। तीन दशक से एक बड़ी पीड़ा थी, कई बार प्रयास हुए पर वह सफल नहीं हो सके और वह प्रयास थे कि नीति निर्धारण में, देश और राज्य का भविष्य निर्माण करने में, महिलाओं की भागीदारी कैसे बढ़ेगी? कैसे लोकसभा और विधानसभाओं में उनका प्रतिनिधित्व मिले? आज यह हकीकत है। 20-21 सितंबर 2023 को लोकसभा और राज्यसभा में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित हुआ, यह जमीनी हकीकत बना। आने वाले समय, नजदीक भविष्य में भारत की लोकसभा और हर विधानसभा में नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व होगा क्योंकि एक तिहाई सीटें तो उनके लिए आरक्षित होंगीं, इसके अलावा अनारक्षित सीटों पर भी वह चुनाव लड़ सकती हैं। इसका आधार पं. दीनदयाल की सोच और उनका दर्शन ही है।

छत्तीसगढ़ में सशक्त, समृद्ध, सम्पन्न नारी
पं. दीनदयाल के चिंतन के अनुरूप छत्तीसगढ़ में सशक्त, समृद्ध, सम्पन्न नारी के लिए भाजपा ने काफी काम किए। भाजपा के पिछले 15 वर्ष के शासनकाल में मातृ मृत्यु दर आधी हुई। आयुष्मती योजना के तहत पीएचसी, जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती होने वाली महिलाओं को बुनियादी जरूरतों के लिए एक हजार रुपए तक नकद दिया जाता था। स्नातक स्तर तक बालिकाओं की शिक्षा भाजपा सरकार में निःशुल्क कर दी गई। 2018 से 2023 तक प्रदेश की सत्ता में नहीं रहते हुए भी भाजपा ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 2023 तक छत्तीसगढ़ में 35 लाख से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन जारी किये गए। मिशन इंद्रधनुष 2.0 के अंतर्गत, छत्तीसगढ़ में महिलाओं एवं बच्चों के लिए टारगेट के क्रमशः 103 प्रतिशत और 104 प्रतिशत का टीकाकरण कवरेज हासिल किया है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम पोषण) के तहत छत्तीसगढ़ में अगस्त 200 तक 2,07,369 गर्भवती महिलाओं और 1,22,806 स्तनपान कराने वाली माताओं को लाभान्वित किया गया। सन् 2023 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश की मातृ-शक्ति ने एक बार फिर भाजपा के प्रति अपना अगाध विश्वास व्यक्त किया और उसका सुपरिणाम यह है कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने ‘महतारी वन्दन योजना’ की शुरुआत कर आज प्रदेश की 70 लाख विवाहित महिलाओं को सात माह से लगातार 12 हजार रुपए की वार्षिक (प्रतिमाह 1 हजार रुपए) वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। गरीब परिवारों की महिलाओं को 500 रुपए में गैस सिलेंडर प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार आवश्यक पहल कर रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के पं. दीनदयाल के विचार से प्रेरित प्रदेश की भाजपा सरकार महिला स्व-सहायता समूहों को 5 लाख रुपए तक का ऋण न्यूनतम ब्याज दर पर प्रदान करने जा रही है और इन समूहों से शासकीय अधिग्रहण को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी प्रकार रोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश में रेडी-टू-ईट योजना की जिम्मेदारी फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपी गई है। इसके अतिरिक्त इन महिलाओं को सांत्वना राशि भी दी जाएगी। प्रदेश में महिलाओं के नाम पर कराए जा रहे भूमि रजिस्ट्रेशन शुल्क को 50 प्रतिशत कम करने का संकल्प पं. दीनदयाल की उसी सोच को साकार करता है, जो परिवार के लिए परिवार प्रमुख के कन्धे से कन्धा लगाकर कष्ट उठाने की भारतीय महिलाओं के प्रति सम्मान में निहित है। छत्तीसगढ़ में छात्राओं को स्नातकोत्तर तक मुफ़्त शिक्षा प्रदान करके भाजपा सरकार महिलाओं के शैक्षिक उत्थान के तमाम अवसरों के द्वार खोल रही है। महिलाओं के सशक्तीकरण के साथ-साथ उनके आत्म-सम्मान, उनकी अस्मिता की रक्षा, हर तरह की हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में महिला (पिंक) थानों की स्थापना पर भी काम होने जा रहा है।

 

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बस्तर ओलंपिक 2024 के लिए 1 अक्टूबर से होगा पंजीयन शुरू https://www.mknewshub.com/registration-for-bastar-olympics-2024-will-start-from-october-1/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=registration-for-bastar-olympics-2024-will-start-from-october-1 https://www.mknewshub.com/registration-for-bastar-olympics-2024-will-start-from-october-1/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:25:57 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94698 जगदलपुर। राज्य शासन द्वारा बस्तर ओलंपिक 2024 जो छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 01 नवंबर  से आयोजित किया जा रहा है…

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जगदलपुर। राज्य शासन द्वारा बस्तर ओलंपिक 2024 जो छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 01 नवंबर  से आयोजित किया जा रहा है में भाग लेने के लिए खिलाड़ियों का पंजीयन अनिवार्य किया गया है। उक्त बस्तर ओलम्पिक 2024 के लिए 01 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक सम्बन्धित जनपद पंचायत कार्यालय तथा कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सहित कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, नगर पंचायत, नगर पालिक निगम और खेल विभाग में खिलाड़ियों का पंजीयन किया जाएगा। खिलाड़ियों का पंजीयन हेतु ऑफलाइन एवं आनलाइन दोनों ही सुविधा होगी। पंजीकृत खिलाड़ी अपने विकासखंड में प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे तथा बगैर पंजीयन के खिलाड़ी स्पर्धा में शामिल नहीं हो सकेंगे।

बस्तर ओलंपिक 2024 के अंतर्गत एथलेटिक्स, व्हालीबाल, फुटबॉल, कबड्डी, खो-खो, हॉकी, तीरंदाजी, कराते, बैडमिंटन, वेटलिफ्टिंग एवं रस्साकशी विधा सम्मिलित हैं। जिसमें हॉकी और वेटलिफ्टिंग सीधे जिला स्तर पर होंगे। बस्तर ओलंपिक के अंतर्गत दो आयु वर्ग में प्रतियोगिता होगी, जिसके तहत 14 से 17 वर्ष जूनियर वर्ग एवं 17 वर्ष से अधिक कोई आयु सीमा नहीं सीनियर वर्ग में खिलाड़ी भाग ले सकेंगे। विकासखंड स्तर से विजेता खिलाड़ी जिला स्तर पर और जिला स्तर के विजेता खिलाड़ी संभाग स्तर पर भाग ले सकेंगे। बस्तर ओलंपिक में नक्सल अभियान के अंतर्गत दिव्यांग हुए एवं आत्मसमर्पित नक्सली जो मुख्य धारा में जुड़ चुके हैं वे सीधे संभाग स्तर पर शामिल हो सकेंगे।

जिला खेल अधिकारी जगदलपुर से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर ओलम्पिक 2024 का विकास खंड स्तरीय प्रतियोगिता 01 नवंबर से 10 नवम्बर तक जिले के सभी विकासखंडों में आयोजित की जाएगी। शासन के निर्देशानुसार विकासखंड स्तरीय आयोजन हेतु सम्बन्धित एसडीएम की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है, समिति के सदस्य सचिव सम्बन्धित सीईओ जनपद पंचायत होंगे। वहीं जिला स्तरीय आयोजन 13 एवं 14 नवम्बर 2024 को प्रस्तावित है, जो जगदलपुर के इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम और क्रीड़ा परिसर धरमपुरा में आयोजित की जाएगी।

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देश में सबसे कम बेरोज़गारी दर वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ ने पाया स्थान, उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ा https://www.mknewshub.com/chhattisgarh-got-the-place-among-the-states-with-lowest-unemployment-rate-in-the-country-leaving-uttar-pradesh-behind/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=chhattisgarh-got-the-place-among-the-states-with-lowest-unemployment-rate-in-the-country-leaving-uttar-pradesh-behind https://www.mknewshub.com/chhattisgarh-got-the-place-among-the-states-with-lowest-unemployment-rate-in-the-country-leaving-uttar-pradesh-behind/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:23:05 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94695 रायपुर /छत्तीसगढ़ राज्य ने रोजगार सृजन के मामले में देश भर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हाल ही…

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रायपुर /छत्तीसगढ़ राज्य ने रोजगार सृजन के मामले में देश भर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में जारी *Periodic Labour Force Survey (PLFS)*की रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ ने देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में पांचवां स्थान प्राप्त किया है। राज्य में चल रहे रोजगार सृजन और विकास प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ अब उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों को भी पीछे छोड़ चुका है, जो बेरोजगारी दर के मामले में राज्य की बड़ी सफलता को दर्शाता है।

ग़ौरतलब है कि ⁠राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) द्वारा पीएलएफएस के लिए नमूना सर्वेक्षण और डेटा संग्रह का कार्य किया जाता है। जो कि भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत आता है।

रोजगार सृजन में छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण प्रगति

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में, छत्तीसगढ़ सरकार ने बेरोजगारी को कम करने और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। सरकार ने हाल ही में पुलिस, स्वास्थ्य, पीएचई (सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी) और पंचायत विभागों में 1,068 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है। इन भर्तियों से राज्य में युवाओं को सरकारी नौकरियों में अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य की विभिन्न योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री साय ने इस बात पर जोर दिया है कि यह पहल राज्य के विकास को गति देने के साथ-साथ युवाओं के सपनों को नई उड़ान देगी।

छत्तीसगढ़ सरकार ने खासतौर पर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। सरकार ने स्वरोजगार और कौशल विकास को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, ताकि गांव के युवाओं को अपने ही इलाके में काम करने का अवसर मिल सके और उन्हें महानगरों की ओर पलायन न करना पड़े।

PLFS रिपोर्ट में अन्य राज्यों की स्थिति

*Periodic Labour Force Survey (PLFS)*की रिपोर्ट ने देश भर के विभिन्न राज्यों में बेरोजगारी के आंकड़ों का भी खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, केरल में बेरोजगारी दर सबसे अधिक रही, जहां 15-29 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं में बेरोजगारी दर 29.9% दर्ज की गई। केरल में महिलाओं में बेरोजगारी दर 47.1% और पुरुषों में 19.3% रही। इसके अलावा, लक्षद्वीप में बेरोजगारी दर सबसे अधिक 36.2% दर्ज की गई, जिसके बाद अंडमान और निकोबार द्वीप समूहमें यह दर 33.6% रही।

इसके विपरीत, छत्तीसगढ़ ने देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों में पांचवां स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य सरकार की रोजगार सृजन नीतियों की सफलता का प्रतीक है।

शिक्षा और कौशल विकास पर जोर

छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा और कौशल विकास को रोजगार सृजन के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में माना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रदान करने के लिए विशेष प्रयास करें, जिससे वे नए उद्योगों में काम करने के लिए तैयार हो सकें। राज्य में कई कौशल विकास केंद्र खोले गए हैं, जहां युवाओं को आधुनिक तकनीकों और कौशलों की शिक्षा दी जा रही है, ताकि वे रोजगार के नए अवसरों का लाभ उठा सकें।

छत्तीसगढ़ का विकास और प्रधानमंत्री मोदी का विज़न

छत्तीसगढ़ राज्य, जो कि पहले से ही अपने प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, अब रोजगार सृजन और विकास के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को भी साकार कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के जरिए सरकार ने राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार देश के हर कोने में विकास और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है, छत्तीसगढ़ सरकार उसी दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस दिशा में प्रदेश के प्रत्येक गांव में रोजगार सृजन की योजनाओं का विस्तार करने का संकल्प लिया है, ताकि राज्य का हर युवा आत्मनिर्भर बन सके और राज्य का विकास तेज़ी से हो सके।

 

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सीजीपीएससी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पकड़ेंगे फर्जी परीक्षार्थी https://www.mknewshub.com/cgpsc-will-use-artificial-intelligence-to-catch-fake-candidates/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=cgpsc-will-use-artificial-intelligence-to-catch-fake-candidates https://www.mknewshub.com/cgpsc-will-use-artificial-intelligence-to-catch-fake-candidates/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:18:02 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94692 रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) अब फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेगा।…

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रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) अब फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेगा। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी रोकने के लिए आयोग ने एआई के उपयोग की व्यवस्था शुरू कर दी है।

इस प्रक्रिया में परीक्षा के दौरान लाइव वीडियो और फोटो के माध्यम से किसी अन्य की जगह परीक्षा देने वाले व्यक्ति को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्रों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग और बायोमीट्रिक डिवाइस से परीक्षार्थियों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है।
सीजीपीएससी की 2021 की परीक्षा में भाई-भतीजावाद के आरोप लगने के बाद पीएससी ने यह तरीका अपनाया है। इसका पहला प्रयोग परिवहन विभाग की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में एक सितंबर को 16 केंद्रों में किया जा चुका है, जो सफल रहा।

बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ गड़बड़ी करने के आरोप में सीबीआई जांच चल रही है।

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सीजीपीएससी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पकड़ेंगे फर्जी परीक्षार्थी https://www.mknewshub.com/cgpsc-will-use-artificial-intelligence-to-catch-fake-candidates-2/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=cgpsc-will-use-artificial-intelligence-to-catch-fake-candidates-2 https://www.mknewshub.com/cgpsc-will-use-artificial-intelligence-to-catch-fake-candidates-2/#respond Wed, 25 Sep 2024 07:18:02 +0000 https://gramyatrachhattisgarh.com/?p=94692 रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) अब फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेगा।…

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रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) अब फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेगा। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी रोकने के लिए आयोग ने एआई के उपयोग की व्यवस्था शुरू कर दी है।

इस प्रक्रिया में परीक्षा के दौरान लाइव वीडियो और फोटो के माध्यम से किसी अन्य की जगह परीक्षा देने वाले व्यक्ति को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्रों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग और बायोमीट्रिक डिवाइस से परीक्षार्थियों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है।
सीजीपीएससी की 2021 की परीक्षा में भाई-भतीजावाद के आरोप लगने के बाद पीएससी ने यह तरीका अपनाया है। इसका पहला प्रयोग परिवहन विभाग की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में एक सितंबर को 16 केंद्रों में किया जा चुका है, जो सफल रहा।

बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ गड़बड़ी करने के आरोप में सीबीआई जांच चल रही है।

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