रायपुर। छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत द्वारा की गई टिप्पणियों पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कांग्रेस शासनकाल में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों को याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस के पास महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के मुद्दे पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
गुप्ता ने कहा कि सुप्रिया श्रीनेत को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान महिलाओं पर हुए अत्याचारों और अपराधों को ध्यान में रखना चाहिए था, जिससे वह आज घड़ियाली आँसू न बहातीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र शुरू से ही महिला विरोधी रहा है, और कांग्रेस शासन में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के मामले बढ़े हैं।
उन्होंने नैना साहनी और जेसिका लाल हत्याकांड का उल्लेख करते हुए कांग्रेस की महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता पर सवाल उठाए। गुप्ता ने यह भी पूछा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा, प्रियंका चतुर्वेदी, और सुष्मिता देव जैसी महिलाएं क्यों पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर हुईं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व में महिलाओं का न तो कोई सम्मान है और न ही आत्म-सम्मान सुरक्षित है।
गुप्ता ने कोण्डागांव के मामले का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस शासन में एक दुष्कर्म पीड़िता की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई थी, जब तक कि पीड़िता और उसके पिता ने आत्महत्या का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने का काम किया है, जबकि कांग्रेस के शासनकाल में अपराधियों को खुली छूट मिलती थी।
भाजपा प्रवक्ता ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा शासनकाल में बलात्कार के मामलों में 50% की कमी आई है, और सूखे नशे और अवैध शराब के कारोबार पर भी सख्त कार्रवाई की जा रही है। गुप्ता ने दावा किया कि भाजपा की प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है।
भाजपा प्रवक्ता के बयान ने राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है, और इस पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।