बीजापुर। कलेक्टर अनुराग पाण्डेय के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग में महिला एवं बाल विकास अधिकारी लुपेन्द्र महिनाग के नेतृत्व मे पूरे जिले में 1 अगस्त 7 अगस्त 2024 तक विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।
इस दौरान जिले के सभी 46 सेक्टरों के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है इस दौरान परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा ग्रामों में माताओं, किशोरियों को स्तनपान के महत्व के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है बच्चें एवं माताओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए यह अभियान प्रभावी ढ़ग से समुदाय स्तर पर चलाया जा रहा है।
स्तनपान सर्वोत्तम आहार मानसिक विकास होता है विभाग द्वारा जानकारी दिया जा रहा है कि स्तनपान न केवल सर्वोत्तम आहार है बल्कि शिशु के मानसिक विकास, शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने और स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है, स्तनपान कराने में माताओं का सहयोग एवं स्तनपान को बढ़ावा देना अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्तनपान जारी रखने से शिशु को उच्च गुणवत्ता वाली ऊर्जा एवं पोषक तत्व प्राप्त होता है। इस वर्ष विश्व स्तनपान का थीम है अंतर को कम करना प्रसव के 1 घंटे के भीतर स्तनपान की दर घटकर 47.1 प्रतिशत से 32.4 प्रतिशत हो गई है।
मां के दूध से कुपोषण का शिकार नहीं हो पाता शिशु. मां के दूध में शिशु की आवश्यकता अनुसार पानी होता है 6 माह तक ऊपर से पानी देने की कोई आवश्यकता नहीं होती। धात्री माताओं को प्रसव के बाद सफल, स्तनपान के बारे में बताया जाये। किसी कारण वश मां से बच्चें को दूर रखना पढे तो भी स्तनपान की निरंतरता बनाए रखने के बारे में बताया जाए स्तनपान बच्चों को बुद्धिमान बनाता है मां के पास जितना समय नवजात रहेगा नवजात में उतनी भावनात्मक वृद्धि होती है सुरक्षा का आभास रहता है। मां के दूध से कुपोषण का शिकार नहीं हो पता है।
जिले में प्रचार-प्रसार के लिए जनजागरूकता कार्यक्रम कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है बीजादूतीर स्वयं सेवकों को इस संबंध में 1 दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया और अपने आस-पास सभी समुदाय के बीच में स्तनपान के महत्व को बताने के संबंध में भी जानकारी दिया गया।