छत्तीसगढ़

नियद नेल्लानार ग्राम गमावाड़ा एवं धुरली के आंगनबाड़ी केन्द्रों में दिया जा रहा मल्टीग्रेन दलिया

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दंतेवाड़। मिलेट अनाजों के पोषक तत्वों एवं स्वास्थ्यवर्धक गुणों से पूरे देश-दुनिया परिचित हो चुकी है। कभी मोटे अनाजों के नाम पर दरकिनार होते इस अनाज को अब श्री अन्न कहा जाने लगा है। सभी के लिए सुपाच्य एवं मरीजों के विभिन्न व्याधियों में फायदेमंद इस अनाज की मांग अब एकाएक बढ़ चुकी है। खास तौर पर महिलाओं एवं बच्चों के सेहत के लिए इस एक कारगर के उपाय के रूप में देखा जाने लगा है। जिले में पोषण माह में सुपोषण योजना के तहत बच्चों को दिए जा रहे हैं ‘‘मिलेट मल्टीग्रेन दलिया‘‘ इस क्रम में दंतेवाड़ा जिले में जहां कुपोषण और एनीमिया एक बड़ी समस्या रही है, इस देखते हुए जिला प्रशासन की विशेष पहल पर सुपोषण योजना के तहत एक अनूठी पहल के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को मिलेट मल्टीग्रेन (मिलेट्स, जैसे रागी, कोदो, कोसरा, बाजरा, ज्वार आदि) से बना दलिया दिया जा रहा है। यह मिलेट मल्टीग्रेन दलिया नियद नेल्लानार के ग्राम गमावाडा एवं धुरली के आंगनबाड़ी केंद्र में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने के समय अर्थात 3 बजे के आसपास खिचड़ी या हलवा के रूप में बनाकर दिया जाता है। जिससे आंगनबाड़ी केन्द्र से प्राप्त गर्म भोजन व घर में मिलने वाले शाम के भोजन के बीच में ‘‘न्युट्रिशनल गैप‘‘ को पूरा करती है। इससे आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के साथ-साथ ‘‘अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेषन‘‘ (ईसीसीई) गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए भी कारगर साबित हुआ है। यह मिलेट मल्टीग्रेन दलिया स्थानीय स्व सहायता समूहों के माध्यम से प्रदाय किया जा रहा है।

मिलेट्स है संपूर्ण पोषक आहार

मिलेट्स (मोटे अनाज) एक संपूर्ण पोषक आहार होते हैं, जिनमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, और कई विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये बच्चों के शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और वे बेहतर ढंग से शारीरिक और मानसिक रूप से विकसित होते हैं। साथ ही पोषक तत्वों से भरपूर मिलेट्स में आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाते हैं. मांसपेशियों के विकास में मदद करते हैं और ऊर्जा का अच्छा स्रोत होते हैं। पाचन में सुधार रू मिलेट्स में अधिक मात्रा में फाइबर होने के कारण यह बच्चों के पाचन तंत्र को सुधारता है और उन्हें स्वस्थ बनाए रखता है। चूंकि कुपोषण की समस्या में कमी दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में, एक गंभीर समस्या है, मिलेट दलिया ने बच्चों के पोषण स्तर को बेहतर किया है। यह पौष्टिक दलिया बच्चों के लिए संपूर्ण आहार साबित हो रहा है, जिससे उनकी वृद्धि और विकास में सहायता मिल रही है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि मिलेट्स में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स बच्चों की इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं, जिससे वे बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं।

जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण योजना के क्रियान्वयन में मिली सफलता

 

 

दंतेवाड़ा जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलेट आधारित दलिया को मिड-डे मील के रूप में शामिल किया गया है। बच्चों और उनके माता-पिता से मिले सकारात्मक फीडबैक ने इस योजना की सफलता को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। बच्चों में पहले की तुलना में अधिक ऊर्जा, ध्यान केंद्रित करने की क्षमता और शारीरिक विकास में तेजी देखी गई है।

एक सकारात्मक बदलावः

राष्ट्रीय पोषण माह में मिलेट दलिया ने गमावाड़ा एवं धुरली में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर में सुधार के लिए बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। इसके सकारात्मक बदलाव के तहत जिले में जहां माह अप्रैल में कुल कुपोषित बच्चों की संख्या 8082 थी वहीं अब घट कर बच्चों की संख्या 6969 रह गई है। साथ ही पालकों के मिलेट्स के प्रति व्यवहार परिवर्तन भी देखने को मिल रहा है। इससे केवल कुपोषण व एनीमिया में सुधार ही नहीं बल्कि बच्चों को एक स्वस्थ और सुरक्षित परिवेश की ओर ले जा रहा है। यह पहल स्थानीय स्तर पर मिलेट्स की उपयोगिता को बढ़ावा देकर समाज में जागरूकता फैलाने का भी काम कर रही है। निश्चित ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिलेट आधारित पोषण आहार देने से जिले में कुपोषण का प्रतिशत कम हुआ है और यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में जिले में कुपोषण और एनीमिया को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकेगा। महिलाओं एवं बच्चों को मिलेट आहारों का वितरण सुनिश्चित किया जाना कुपोषण को मिटाने में एक बड़ा कदम है।

 

Markandey Mishra

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