बिलासपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कोटा विकासखण्ड के ग्राम जोगीपुर में विशाल गो अभयारण्य विकसित किया जा रहा है। लगभग 154 एकड़ भूमि इसके लिए चिन्हांकित की गई है। कलेक्टर अवनीश शरण ने अधिकारियों की टीम के साथ दौरा कर स्थल का निरीक्षण किया। जिला मुख्यालय से कोई 30 किलोमीटर दूर नदी,नालों,तालाबों और हरियाली से भरपूर यह इलाका अभयारण्य के लिए बेहद अनुकूल जगह है। बीमार, अपाहिज, आवारा एवं सड़कों से हटाये गए जानकारों को यहां पनाह दिया जायेगा। उनकी देखरेख एवं चारा पानी की समुचित व्यवस्था इस अभयारण्य में रहेगी।
कलेक्टर ने लगभग घण्टे भर तक इस छोर से उस छोर तक स्थल का दौरा किया। सरकार की मनरेगा, पशुधन विकास सहित विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से इसका विकास किया जायेगा। अभयारण्य के किनारे से होकर अरपा नदी गुजरती है। भैंसाझार परियोजना भी इसकी सीमा से लगी है। कलेक्टर ने धूप, पानी से पशुओं की सुरक्षा के लिए विशाल एनिमल शेड बनाने के निर्देश दिए। इसके नजदीक सोलर चालित पम्प एवं बोर की व्यवस्था होगी। उन्होंने भूमि का समतलीकरण करने भी कहा है। चारे की निरंतर उपलब्धता के लिए 24 एकड़ में चारागाह विकसित किया जायेगा। अभ्यारण स्थल पर दर्जनों तालाब एवं डबरियां मौजूद हैं। गरमी के मौसम में भैंसाझार परियोजना से इन्हें भरा जा सकेगा। पशु चिकित्सा विभाग के डाक्टरों की पूरी टीम इनकी देख-रेख एवं इलाज के लिए तैनात रहेगी। दो मजदूर भी दिन-रात इनकी निगरानी करेंगे। कलेक्टर ने कल से सभी काम शुरू करने के निर्देश दिए और सभी बुनियादी निर्माण कार्य एक महीने में पूर्ण करने को कहा है।
जोगीपुर के किसानों और ग्रामीणों ने भी गो अभयारण बनाने के सरकार के प्रयासों की सराहना की और पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया। कलेक्टर ने स्थानीय ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी और शासकीय योजनाओं के बारे में उनका फीडबेक लिया। कलेक्टर ने गांव की हाई स्कूल का भी निरीक्षण किया। 9वीं दसवीं के बच्चों द्वारा साधारण से सवालों का जवाब नहीं दे पाने पर शिक्षकों को ठीक से पढ़ाने की सख्त हिदायत दी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ आरपी चौहान, संयुक्त संचालक पशुधन विकास विभाग डॉ. तंवर, एसडीएम युगल किशोर उर्वशा, उप संचालक पशुचिकित्सा विभाग डॉ. बीपी सोनी, सरपंच कमल सिंह सहित विभागीय अधिकारी एवं गा्रमीण उपस्थित थे।