कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा क्षेत्र के तीन पंचायतों के आदिवासी ग्रामीणों का 12 घंटे लंबा आंदोलन आखिरकार एसडीएम तुलाराम भारद्वाज के हस्तक्षेप और आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। ग्रामीण सुबह से ही जर्जर सड़कों और बिजली-पानी की सुविधाओं की मांग को लेकर सड़क पर धरने पर बैठे थे। यह आंदोलन लगभग 12 घंटे तक चला, जिससे इलाके में यातायात पूरी तरह बाधित हो गया था। आंदोलनकारियों ने प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों से कई बार संपर्क करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न होने पर मजबूरन सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया।
मांगों को लेकर प्रदर्शन
ग्रामीणों की मुख्य मांग थी कि इलाके की सड़कों की हालत बेहद खराब है, जिससे लोगों को आने-जाने में भारी कठिनाई हो रही है। इसके साथ ही बिजली और पानी की समस्या भी क्षेत्र में लंबे समय से बनी हुई है। इस बार ग्रामीणों ने ठोस कार्रवाई की मांग करते हुए सड़क पर चक्काजाम किया और अपनी पांच सूत्रीय मांगों को पूरा करने की अपील की। आंदोलनकारियों का कहना था कि वे बार-बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के पास अपनी समस्याओं को लेकर गए, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। आखिरकार उन्होंने सड़क पर धरना देकर अपनी आवाज उठाने का फैसला किया।
पोड़ी उपरोड़ा के तीन पंचायतों के आदिवासी ग्रामीणों ने मिलकर यह आंदोलन शुरू किया था। सुबह से सैकड़ों लोग सड़क पर इकट्ठा हो गए और धरने पर बैठ गए। आंदोलनकारियों का कहना था कि इलाके की सड़कों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि बारिश के मौसम में रास्तों से गुजरना बेहद मुश्किल हो जाता है। सड़कों पर गड्ढे और कीचड़ के कारण वाहन दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है, और कई बार लोग चोटिल भी हो चुके हैं।
सिर्फ सड़क ही नहीं, बल्कि बिजली और पानी की समस्या भी ग्रामीणों को लंबे समय से परेशान कर रही है। नियमित बिजली कटौती और पानी की अनुपलब्धता ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से इन समस्याओं का समाधान करने की गुहार लगाई, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने सड़क पर उतरकर अपनी मांगें रखीं।
एसडीएम के हस्तक्षेप के बाद सुलझा मामला
जब ग्रामीणों का आंदोलन 12 घंटे तक चला और स्थिति बिगड़ने लगी, तब एसडीएम तुलाराम भारद्वाज ने मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से बातचीत की। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को ध्यान से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा। एसडीएम ने कहा कि सोमवार से सड़क के जीर्णोद्धार का काम शुरू कर दिया जाएगा, और बिजली व पानी की समस्या को भी प्राथमिकता से सुलझाया जाएगा।
इस आश्वासन के बाद आंदोलनकारी शांत हो गए और धरना समाप्त कर दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि अब उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान हो जाएगा। एसडीएम ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में प्रशासन नियमित रूप से ग्रामीणों की समस्याओं की समीक्षा करेगा, ताकि कोई भी समस्या लम्बे समय तक न बनी रहे।
ग्रामीणों के आंदोलन के कारण इलाके में यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया था। 12 घंटे तक सड़क पर बैठे आंदोलनकारियों के कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई लोग जो अन्य शहरों या गांवों की ओर जा रहे थे, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हो गई और यातायात को फिर से सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की।
एसडीएम के आश्वासन के बाद आंदोलनकारियों ने धरना समाप्त किया और कहा कि वे प्रशासन द्वारा किए गए वादों को पूरा होते हुए देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं होता, तो वे फिर से सड़कों पर उतरेंगे। प्रशासन की ओर से मिले आश्वासन के बाद ग्रामीणों को कुछ राहत मिली है, लेकिन वे अब भी अपने अधिकारों के लिए सजग बने रहेंगे।