सक्षम योजना की मदद से बकरी पालन कर आत्मनिर्भर बनीं भूमिका पटेल

महासमुंद। बसना विकासखंड के ग्राम चनाट की निवासी भूमिका पटेल ने अपनी लगन और मेहनत से खुद के जीवन को एक नई दिशा दी है। पति के निधन के बाद जब परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में, श्रीमती पटेल ने हार नहीं मानी और खुद का व्यवसाय करने का निर्णय लिया। आर्थिक संकट से जूझ रही भूमिका को पता चला की मुख्यमंत्री सक्षम सुरक्षा योजना द्वारा महिलाओं को व्यापार करने के लिए ऋण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इसी दौरान उसकी मुलाकात महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक से हुई। उन्होंने इसके बारे में अधिक जानकारी दी और जाना कि वह इस योजना के लिए योग्य हैं। भूमिका ने योजना के तहत आवेदन किया और अपने स्वरोज़गार की योजना को प्रस्तुत किया। आवेदन करने पर उन्हें बालविकास परियोजना बसना द्वारा 40,000 रुपये का ऋण प्रदान किया गया, जिसका उपयोग उन्होंने बकरी पालन के व्यवसाय में किया। उनके इस प्रयास ने उन्हें न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद की, बल्कि उन्हें अपने आत्म-सम्मान को भी बढ़ाने का अवसर दिया। भूमिका ने  बताया कि सक्षम के तहत जो ऋण लिया था उसकी नियमित किस्त जमा करती है। उन्होंने बताया कि लगभग एक वर्ष के भीतर, बकरी पालन से होने वाले मुनाफे ने उनके परिवार को स्थिर आय प्रदान की। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने गांव में कृषि भूमि को गिरवी रखकर खेती की शुरुआत भी की, जिसने उनके व्यवसायिक विस्तार और आर्थिक सुदृढ़ता को बढ़ाया है।

सक्षम योजना के अंतर्गत मिले इस सहयोग ने भूमिका पटेल को न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि उनके परिवार को एक सम्मानजनक जीवन भी प्रदान किया।  यह योजना आर्थिक परेशानियों से घिरी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के साथ अपने पैरों में खड़े होने का मौका भी प्रदान कर रही है। भूमिका ने इस योजना के संचालन के लिए शासन को धन्यवाद दिया है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री स्वयं सक्षम सुरक्षा योजना प्रदेश की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य शुरू किया गया है इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने सभी पात्र महिलाओं को कम ब्याज दर पर हमें प्रदान करने का प्रावधान किया है जिससे वह सभी महिलाएं अपना लघु उद्योग शुरू कर सकें । व्यवसाय आरंभ करने हेतु आसान शर्तों पर एक लाख रुपये तक का प्रदाय किया जाता है । उक्त की वापसी साधारण वार्षिक ब्याज की दर पर किस्तों में की जाती है।

 

Markandey Mishra, Editor

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