आयुष्मान-चिरायु योजना से नौनिहालों को मिल रहा जीवनदान

कांकेर । शासन द्वारा दी जाने वाली की मूलभूत सुविधाओं में से एक स्वास्थ्य सुविधा है और केंद्र सरकार बचपन में ही बीमारियों का पता लगाकर उसे समूल समाप्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित कर रही है, जिसके अंतर्गत जटिल से जटिल बीमारियों का भी इलाज निःशुल्क कराती है। एक ओर जहां निजी अस्पतालों में उपचार के लिए लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं, वहीं सीमित आय वाला व्यक्ति अपने बच्चों का जीवन बचाने में नाकामयाब हो जाते हैं। इन्हीं तकलीफों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों की टीम “चिरायु“ योजना अंतर्गत स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करती है किसी प्रकार की असाधारण व्याधि परिलक्षित होने पर चिरायु और आयुष्मान योजना के तहत आगे उच्च स्तरीय उपचार के लिए रेफर करती है।

ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें विकासखंड चारामा के वार्ड क्र. 7 निवासी मोईनुद्दीन खान के पुत्र शब्बीर खान आयु 18 माह का स्वास्थ्य परीक्षण चिरायु दल द्वारा किया गया। इसके पहले, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक के द्वारा चिरायु दल को सूचित किया गया था स उसके उपरांत चिरायु दल द्वारा उसके घर जाकर शारीरिक परीक्षण किया गया, जिसमें बालक के सिर में डर्मोइड सिस्ट होना पाया गया। आगे के इलाज की कार्रवाई करते हुए चिरायु दल द्वारा रायपुर के एक  निजी अस्पताल में बच्चेत की जाँच कराई गई, जिसका निःशुल्क  ऑपरेशन अगस्त माह मे  डीकेएस हॉस्पिटल रायपुर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। परिणामस्वरूप वर्तमान में बालक पूर्ण रूप से स्वस्थ है एवं बालक के परिजन भी चिरायु योजना एवं आयुष्मान योजना के तहत हुए इलाज से संतुष्ट और प्रसन्न हैं। इसके बाद चिरायु टीम द्वारा ऑपरेशन के पश्चात बच्चे का नियमित फॉलोअप लिया जा रहा है। बच्चा वर्तमान में सामान्य बच्चों की तरह अपने व्यवहार में वापस लौट आया है स बालक के माता-पिता और परिजन शासन की इस योजना सहित कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर महेश सांडिया, खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. लखन जुर्री एवं चिरायु टीम के सभी डॉक्टर के प्रति आभार और कृतज्ञता प्रकट की है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी चिरायु टीम के द्वारा हृदय रोग, आँखों के ऑपरेशन, पैरों की विकृति, मूत्र रोग एवं अन्य गंभीर रोगों का इलाज भी सफलतापूर्वक कराया जा चुका है स सत्र 23-24 मे दोनों टीम के द्वारा संयुक्त रूप से 20 से अधिक ऑपरेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न कराए जा चुके हैं। साथ ही समय समय पर बच्चों को इलाज हेतु उच्च चिकित्सा संस्थान में रेफर किया जाता है।

 

Markandey Mishra, Editor

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *