बारहमासी सब्जी के व्यापारी बने राजकुमार, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया कदम

एमसीबी । राजकुमार पिता अमीरसाय ग्राम पंचायत बरदर के निवासी हैं, कृषक राजकुमार का जीवनोपार्जन का माध्यम कृषि पर आधारित था। राजकुमार पेशे से लघु कृषक है, वह वर्षा की पानी के भरोसे धान की खेती करता था, परन्तु कुछ वर्षों से बारिश की अनियमितता होने के कारण कृषि कार्य के लिए सिंचाई सुविधा ना होने के कारण दूर से पानी लाना पड़ता था। जिससे उसे अधिक परिश्रम एवं अधिक पैसा खर्च करना पड़ता था और उत्पादन भी अपेक्षाकृत कम होता था एवं वर्ष में केवल एक ही फसल (खरीफ) ले पाता था।

राजकुमार अन्य ग्रामीण कृषकों की तरह खेती के लिए वर्षा के जल पर ही निर्भर था और वर्षा पर्याप्त नहीं होने पर परिवार को गांव के ही अन्य जगह मे मजदूरी करनी पड़ती थी। हमेशा से ही उसके स्वयं के खेत में सिंचाई सुविधा की कमी होती थी और वह हमेशा से चाहते थे की उनके खेत या खेत के आसपास सिचाई सुविधा उपलब्ध हो जाये। जिससे अल्पवर्षा के समय कृषि हेतु सिंचाई सुविधा मिल सके तथा पैदावार अधिक हो सके।

राजकुमार ने इस सपना को पूरा करने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अधिनियम के तहत निजी डबरी निर्माण हेतु ग्राम पंचायत में अर्जी दी। इसके लिए ग्राम पंचायत में ग्राम सभा में राजकुमार के निजी भूमि में डबरी निर्माण का प्रस्ताव किया गया। तत्पश्चात जिला पंचायत  द्वारा  मनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-2024 को  2 लाख 25 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी। डबरी निर्माण का लाभ प्राप्त किया। इस निर्माण ने उनके परिवार के जीवन में एक नई उम्मीद की किरण जगाई है।

डबरी निर्माण के पश्चात् इस बरसात में सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता होने से अब रामकुमार खुशहाल किसान कहलाने लगे हैं। रामकुमार बताते है कि खेत में निजी डबरी निर्माण होने के पश्चात खरीफ सीजन में धान फसल की बहुत अच्छी पैदावार होने लगी है। राजकुमार और उनके परिवार ने इस डबरी का उपयोग बारहमासी सब्जी उत्पादन में भी किया करते है, जिसमें सरसों, तिल्ली, भुट्टा (मक्का) से लेकर धान की फसल और मछली पालन तक का सफर तय किया गया है। इस उपलब्धि ने उनके परिवार को आत्मनिर्भर बनने में मदद की है। पूरे परिवार ने एकजुट होकर खेती-बाड़ी का कार्य किया और विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया, जिससे उन्हें एक स्थायी आय का स्रोत प्राप्त हुआ।

राजकुमार का कहना है कि वह अपने परिवार को आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं और इसी दिशा में लगातार प्रयासरत हैं उन्होंने जनपद और जिला प्रशासन को इस योजना के लिए धन्यवाद दिया है, जिसके तहत उन्हें यह अवसर मिला। इस सफलता ने न केवल उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारा है, बल्कि पूरे गांव के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गये।

Markandey Mishra, Editor

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