बग्गियों और कारों में विराजित सिद्धि तप के तपस्वियों का फूलों की बारिश से हुआ स्वागत

रायपुर। कहते हैं तप हर किसी के बस का खेल नहीं, खेल वही सकता है जो तप का सौदागर हो, तप करना,अपनी रसना को वश में करना,अपनी भोजन संज्ञा पर विजय पाना कोई खेल नहीं है। ऐसे कठिन सर्व सिद्धि दायक श्री सिद्धि तप की कठिन तपस्या को रायपुर की सुपुत्री साध्वी श्री चिंतननिधि श्रीजी म.सा. सहित 114 शूरवीर साधकों ने कर दिखाया है। इस उपलक्ष्य में जारी श्री सिद्धि शिखर विजयोत्सव का सफलतापूर्वक समापन  मंगलवार को भव्य शोभायात्रा के साथ हुआ।

चतुर्विद संघ गुरुभगवंतों के सानिध्य में सुसज्जित बग्गियों, कारों,घोड़े, ऊंट,बैंड- बाजे के साथ हर्षोल्लास पूर्वक सिद्धि शिखर विजय यात्रा निकाली गई। बड़ी संख्या में शामिल जैन समाज के लोगों ने तपस्वियों का अभिवादन किया। विजययात्रा विवेकानंद नगर जिनालय से शुरू होकर बुढ़ापारा इंडोर स्टेडियम पहुंची।

शोभायात्रा में 30 बग्गियों और 8 विंटेज कारों में श्री सिद्धि तप के तपस्वियों को विराजित किया गया। शोभायात्रा विवेकानंद नगर  से बैरनबाजार,महिला थाना चौक, नगर निगम मार्ग, बुढ़ापारा सप्रे स्कूल मार्ग होते हुए इंडोर स्टेडियम पहुंची। इससे पहले सप्रे स्कूल के पास तपस्वियों का फूलों की बारिश व गुलाब जल छिड़काव कर अभिवादन किया गया

सिद्धि शिखर विजयोत्सव के समापन अवसर पर समाजजनों ने तपस्वियों के साथ श्रावक-श्राविकाओं का भी अभिवादन किया। शोभायात्रा की समाप्ति पर ओजस्वी प्रवचनकार मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी म.सा. ने श्री सिद्धि तप और श्री सिद्धि विजय उत्सव के सफलतापूर्वक संपन्न होने पर श्रावक श्राविकाओं को आशीर्वाद स्वरुप बधाई आशीर्वचन दिया। पूरे मार्गभर समाज के द्वारा अनुकंपा भी रखी गई। समाजजनों के लिए प्रसादी रखी गई। 15 सितंबर को सिद्धि तप की तपस्या के सफलतापूर्वक होने पर महापूजन का आयोजन विवेकानंद नगर में रखा गया है।

Markandey Mishra, Editor

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