न्योता भोज : जीवन में समय से बड़ा कोई धन नहीं : कलेक्टर

कोरिया। स्वामी आत्मानंद विद्यालय बैकुंठपुर में तिथि-भोज यानी नेवता भोज के अवसर पर कलेक्टर चंदन त्रिपाठी ने छात्र-छात्राओं को बहुत ही प्रेरक बातें साझा की। श्रीमती त्रिपाठी ने कहा आज रुपए-पैसा से ज्यादा कीमत समय का है। ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि समय का सम्मान करें, उसका सदुपयोग करें और समय के आधार पर ही काम करें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा जीवन में ऐसे काम करें, जिससे परिवार, समाज व देश को गर्व का अनुभूति हो। उन्होंने कहा सदैव ईमानदारी से और कठिन परिश्रम के बल पर सफलता अर्जित की जा सकती है।

श्रीमती त्रिपाठी ने विद्यार्थियों से कहा कि हमें महाभारत के अर्जुन की तरह एकाग्रचित्त होकर कार्य करना होगा ताकि हम अपने लक्ष्य को हासिल कर सके। जीवन मे कई ऐसे अवसर भी आएंगे, जो आपको अपनी ओर आकर्षित करेगी, जिससे आप भटक सकते हैं, समय का दुरूपयोग हो सकता है, लेकिन किसी के बहकावे में आकर अपने लक्ष्य से भटकना नहीं है। आप सबको अपने पढ़ाई- लिखाई के अलावा खेलकूद, कला, संस्कृति आदि विधा को शांत मन से, लगन, जुनून के साथ करते हुए आगे बढ़ना है।

क्या है नेवता भोज-

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत दिया जाने वाले भोजन को और ज़्यादा पोषक बनाने के लिए श्न्योता भोजनश् की शुरुआत की गई है। न्योता भोजन, स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील के अलावा दिया जाने वाला अतिरिक्त भोजन है। न्योता भोजन, समुदाय के बीच अपनेपन की भावना को बढ़ाता है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह शाला और स्थानीय समुदाय के बीच तालमेल बढ़ाता है। सभी समुदाय के बच्चों में समानता की भावना विकसित होती है। न्योता भोजन के लिए कोई भी व्यक्ति, समुदाय या सामाजिक संगठन स्वेच्छा से भोजन करा सकता है। न्योता भोजन तीन तरह का हो सकता है, पूर्ण भोजन, आंशिक पूर्ण भोजन व अतिरिक्त पूरक पोषण सामग्री।

बता दें यह नेवता भोज का आयोजन बैकुंठपुर के प्रतिष्ठित मेसर्स गुप्ता कम्प्यूटर  के संचालक श्री संजय गुप्ता द्वारा की गई थी। छात्र-छात्राओं को दाल-चावल, पुड़ी-सब्जी, पापड़, अचार, फल मिष्ठान भोजन कराया गया। कलेक्टर सहित स्कूल शिक्षक-शिक्षिकाएं व पालक भी एक साथ भोजन किए।

इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गुप्ता, विनय मोहन भट्ट, भानुपाल, स्कूल के प्राचार्य, अभिभावकगण व छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

 

Markandey Mishra, Editor

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