नारायणपुर। राज्य में महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन और उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महतारी वंदन योजना लागू की है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं के प्रति समाज में व्याप्त भेदभाव और असमानता को दूर करते हुए, उनके स्वास्थ्य में सुधार और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत, पात्र विवाहित, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री द्वारा तीजा-पोरा महतारी वंदन तिहार में माताओं-बहनों को उपहार :
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास में आयोजित तिजा-पोरा महतारी वंदन तिहार के अवसर पर प्रदेश की 70 लाख से अधिक माताओं और बहनों को तीजा के उपहार स्वरूप महतारी वंदन योजना की सातवीं किस्त के रूप में 1-1 हजार रुपये सीधे उनके खातों में अंतरित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना माताओं और बहनों के आर्थिक स्वावलंबन और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लक्ष्मी उसेंडी के मोबाईल में आया खुशियों का नोटिफिकेशन :
नारायणपुर जिले के नयापारा निवासी लक्ष्मी उसेंडी, जो आस-पड़ोस में घरेलू काम करके अपना जीवन यापन करती हैं, जो इस योजना की लाभार्थी हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनके लिए बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च उठाना एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन, जब से महतारी वंदन योजना शुरू हुई है, उनके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आया है। लक्ष्मी बताती हैं कि इस योजना के तहत मुझे हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है। आज मेरे खाते में 7वीं किश्त भी जमा हो गई है। इन पैसों का मैं अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में, जैसे उनकी कॉपी, किताबें, और स्कूल ड्रेस खरीदने में उपयोग करती हूँ। साथ ही, घर के अन्य आवश्यक सामानों की खरीदारी भी इसी सहायता राशि से होती है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने न केवल उनके आर्थिक संघर्षों को कम किया है, बल्कि उनके बच्चों के भविष्य को भी उज्जवल बनाया है। लक्ष्मी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा, यह योजना मेरे और मेरे बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
योजना के तहत् जिले की 27 हजार से अधिक महिलाओं के खातों में 02 करोड़ 78 लाख रुपए से अधिक की राशि अंतरित की गई। योजनांतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग की 3 हजार 687 महिलाएं भी लाभान्वित हुईं। महतारी वंदन योजना पूरे छत्तीसगढ़ में उन महिलाओं के जीवन में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जो पहले आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों का सामना कर रही थीं।